RAM हमारे कंप्यूटर का
एक मेमोरी डिवाइस है. ये एक चिप की बनी होती है जो एक मेमोरी मोड़युल को बनती है.
इसे कंप्यूटर मदरबोर्ड के साथ जोड़ा जाता है. इसका काम कंप्यूटर को चलाने के साथ
साथ कंप्यूटर को आउटपुट दिखाना भी होता है. बिना RAM के आपका कंप्यूटर काम नही
कर पाता.
अपने कंप्यूटर में आप जब भी
किसी प्रोग्राम को खोलते हो तो वो प्रोग्राम हार्ड ड्राइव से लोड होकर RAM में आता है क्योकि RAM हार्ड ड्राइव से ज्यादा तेज़ गति से डाटा को रीड
कर सकता है. आपके कंप्यूटर में जितनी ज्यादा RAM होगी आपका कंप्यूटर भी उतनी ही ज्यादा गति से काम कर पायेगा
और उतनी ही ज्यादा डाटा आपका कंप्यूटर लोड और प्रोसेस कर पायेगा. ऐसा माना जाता है
कि आप अपने CPU को अपग्रेड करने की
जगह अपनी RAM को बढ़ा लो तो आपका
कंप्यूटर ज्यादा अच्छी तरह काम करता है.
ज्यादातर RAM को मेन मेमोरी के
रूप में देखा जाता है, जैसेकि अगर आपके कंप्यूटर में 8 GB रैम है तो आपके
कंप्यूटर में लगभग 8 मिलियन बाइट ( BYTE
) है, जिसे आपका कंप्यूटर प्रोग्राम इस्तेमाल कर सकता
है. इसी तरह कंप्यूटर में एक और स्टोरेज डिवाइस होता है जिसे ROM कहते है. ROM का इस्तेमाल सिर्फ
कुछ खास डाटा को स्टोर करने के लिए होता है, जो कंप्यूटर को बूट ( BOOT ) करने में सहायक
होती है. इन दोनों में अंतर ये होता है कि RAM का इस्तेमाल कंप्यूटर प्रोग्राम को पढने और लिखने दोनों में
होता है, किन्तु ROM का इस्तेमाल सिर्फ कंप्यूटर प्रोग्राम को पढने में किया
जाता है. पर ये दोनों हे कंप्यूटर प्रोग्राम को चलाने के लिए बहुत अहम है.
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What is RAM Explain Types and Uses |
RAM के प्रकार :
RAM मुख्यतः 2 प्रकार
की होती है.
1.
DRAM ( DYNAMIC
RANDOM ACCESS MEMORY )
2.
SRAM (
STATIC RANDOM ACCESS MEMORY
दोनों
DRM और
SRAM
टेक्नोलॉजी में एक दुसरे से अलग अलग है और इनका काम कंप्यूटर डाटा को होल्ड करना
होता है. कंप्यूटर में DRAM का इस्तेमाल ज्यादा होता है लेकिन अगर हम गति की
बात करे तो SRAM की गति उससे ज्यादा होती है. हर सेकंड में DRAM हजारो बार रिफ्रेश होती है लेकिन SRAM को रिफ्रेश करने की जरूरत नही
होती और इसी वजह से ये ज्यादा तेज़ गति के साथ काम कर पाती है.
DYNAMIC RANDOM
ACCESS MEMORY
कंप्यूटर
प्रोग्राम के फंक्शन को अपने डाटा को प्रोसेस करने के लिए कुछ कोड की जरूरत होती
है तो DRAM का इस्तेमाल कंप्यूटर में उन्ही कोड को इस्तेमाल
करने के लिए किया जाता है. ज्यादातर कंप्यूटर में DRAM का ही इस्तेमाल होता है चाहे
फिर वो आपका पर्सनल कंप्यूटर है या किसी कार्य करने की जगह का. RAM कंप्यूटर मदरबोर्ड में लगे प्रोसेस के पास ही
लगी होती है ताकि ये जल्दी से जल्दी डाटा के कंप्यूटर प्रोसस्सेर तक
पहुंचने के सारे मार्गो को खोल सके.
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RAM kya hai iske Prkar or Prayog |
DRAM कापसिटर ( CAPACITOR
) और ट्रांजिस्टर ( TRANSISTOR ) से बने हुए स्टोरेज सेल ( CELL ) में डाटा की हर बिट को स्टोर
करता है. DRAM को DYNAMIC स्टोरेज सेल इसलिए माना जाता है क्योकि इसे हर
मिली सेकंड में रिफ्रेश करने के लिए एक नये इलेक्ट्रॉनिक चार्ज की जरूरत पड़ती है
ताकि ये कापसिटर ( CAPACITOR ) से लीक हो रहे चार्ज की कमी को
पूरा कर सके.
DRAM की सबसे
खास बात ये है कि इसका आकार साधारण होता है, इसकी स्पीड भी अच्छी होती है और साथ
ही साथ इसकी कीमत भी बाकि के मेमोरी डिवाइस से कम होती है. लेकिन इसमें एक कमी ये भी है कि
ये बाकि के डिवाइस से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करता है और अस्थिर होता है.
DRAM से संचार
के कई प्रकार होते है जैसेकि
1.
FPM
DRAM ( FAST PAGE
MODE DYNAMIC RANDOM
ACCESS MEMORY ) :
कंप्यूटर में सबसे अधिक
प्रयोग होने वाली DRAM, FPM DRAM ही है, क्योकि ये कंप्यूटर की उसी रो ( Row ) या पेज में डाटा को तेज़ गति से
काम करने की अनुमति देता है. इसके लिए इसे पेज या रो के एड्रेस के डाटा की आवश्यकता
होती है, जिसे पेज मोड मेमोरी भी कहा जाता है. लेकिन आजकल इसकी जगह SDRAM ने ले ली है.
2.
EDO
DRAM ( EXTENDED DATA
OUT DYNAMIC RANDOM
ACCESS MEMORY ) : ये डाटा के आउटपुट को तब भी
एक्टिव रहने की अनुमति देता है जब कंप्यूटर में सिग्नल नही होते है, इसके लिए ये
कुछ एडीसनल सिग्नल्स का प्रयोग करता है.
3.
SDRAM (
SYNCHROMOUS DYNAMIC RANDOM ACCES
MEMORY ) : SDRAM को ज्यादातर DRAM का ही नाम माना जाता है., जो
माइक्रोप्रोसेसर की क्लॉक स्पीड (CLOCK
SPEED ) को SYNCRONIZE करता है. इनमे सिंगल डाटा रेट के नाम हैं (SDR) SDRAM और डबल डाटा रेट के नाम कुछ इस प्रकार है ( DDR ) SDRAM, DDR2 SDRAM, DDR3 SDRAM और DDR4 SDRAM.
STATIC
RANDOM ACCESS MEMORY
SRAM जब तक कंप्यूटर को पॉवर सप्लाई
मिलती रहती है तब तक कंप्यूटर डाटा की हर बिट को स्टोर और रिटेन करती है. DRAM जिसको अपना कम करने के लिए लगातार रिफ्रेश होना
होता है ये बिना रिफ्रेश हुए ही अपने काम को करती है और इसी वजह से इसकी स्पीड DRAM से कहीं ज्यादा होती है. इसे
रिफ्रेश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सप्लाई की जरूरत नही होती. इसकी कीमत DRAM की कीमत से कहीं ज्यादा होती है, साथ ही डाटा को
स्टोर करने के लिए इसे DRAM से 4 गुना जगह की जरूरत होती है. इसका इस्तेमाल Level –
1, Level – 2
के cache के लिए किया जाता है जिसे
माइक्रोप्रोसेसर DRAM से पहले
चेक करता है.
SRAM एक तरह का
सेमीकंडक्टर होता है, जो डाटा को स्टोर करने के लिए बिस्टेबल लेचीनग सर्किट ( BISTABLE
LATCHING CIRCUITRY ) का इस्तेमाल करता है. साथ ही ये हाई कैपेसिटी पर काम करता है. SRAM का इस्तेमाल भी आप अपने पर्सनल कंप्यूटर या अपने
कार्य स्थल के कंप्यूटर में CPU की फाइल्स,
बाहरी Cache, CPU Cache, हार्ड डिस्क को बफर करने इत्यादि
कार्य में करते है. इसके आलावा LED स्क्रीन्स और प्रिंटर भी अपनी इमेजेज को डिस्प्ले
करने के लिए SRAM का
इस्तेमाल करता है.
SRAM को इन भागो में बांटा गया है.
1.
ASYNCHRONOUS
STATIC RANDOM ACCESS
MEMORY : इसको 3 कंट्रोल सिग्नल के द्वारा
मैनेज किया जाता है. पहला CHIP SELECT ( CS ), दूसरा OUTPUT ENABLE (OE ), और तीसरा WRITE ENABLE ( WE ). इनको कम गति, माध्यम गति, और ज्यादा गति के रूप में
भी बांटा जाता है.
2.
SYNCHRONOUS
STATIC RANDOM ACCESS
MEMORY
: इसमें माइक्रोप्रोसेसर साइकिल के साथ
पढने और लिखने की साइकिल को SYNCRONIZE किया जाता है और तब ये बहुत तेज़ गति के साथ अपना
काम कर पाती है. इनको Interleaved, Linear Burst, Flow – through, Pipelined,
ZBT ( Zero Bus Turnaround ), Late – Write, DDR ( Double Data Rate ) और Dual Port के आधार पर भी बांटा जाता है.
3.
SPECIAL
STATIC RANDOM ACCESS
MEMORY
: इनको मल्टीपोर्ट, FIFO और Cache टैग के भागो में विभाजित किया जाता है. मल्टीपोर्ट SRAM चिप का निर्माण काफी खास ढंग से
किया जाता है ताकि इसका इस्तेमाल तेज़ गति से काम करने वाले SRAM सेल में किया जा सके. इसमें Synchronous और Asynchronous
FIFOs भी साथ में काम करते है.
DRAM vs SRAM
·
DRAM की कीमत SRAM से काफी कम होती है. क्योकि DRAM की मेमोरी डिजाईन में एलिमेंट के नंबर हर बिट के
हिसाब से कम होते है.
·
SRAM को काम
करने के लिए बार बार रिफ्रेश करने की आवश्कता नही होती क्योकि इसके कम करने का
तरीका करंट के भाव पर निर्धारित होता है कि करंट एक या दो दिशाओ में बह रहा
है या फिर स्टोरेज सेल में एक चार्ज को
पकडे हुए है.
·
SRAM बिट लेवल
को पढने और लिखने में सक्षम होता है साथ ही साथ इसे DRAM से तेज़ गति में प्रोसेस करने की
भी छमता रखता है.
·
एक्टिव स्टेट में DRAM को अपना
काम करने के लिए SRAM से कम पॉवर
की जरूरत होती है किन्तु जब कंप्यूटर स्लीप मोड में होता है तो SRAM अपना काम करने के लिए DRAM से कम पॉवर पर काम करता है.
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RAM RANDOM ACCESS MEMORY क्या है |
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