नगेन्द्र दहिया सेवडा शेवड़ा Nagender Dahiya
सुमित अपने परिवार के साथ 50 गज के छोटे से मकान में रहता था.परिवार में मात्र 3 ही बन्दे थे. सुमित और उसके माता पिता. सुमित के पिताजी किसान थे और मात्र एक एकड़ से भी कम जमीन थी उनके पास और 50 गज का मकान बस.
नगेन्द्र उसके ताऊ का लड़का था और उसकी नजर थी सुमित की जमीं और उसके घर पर, वो तो हर हाल में प्रॉपर्टी हथियाना चाहता था. किसी भी कीमत पर. पहले तो नगेन्द्र ने बल का प्रयोग करके सुमित के पिताजी को मार पिट कर भागने की कोसिस की , लेकिन सुमित के पिताजी निडर व्यक्ति थे और नहीं डरे. लकिन नगेन्द्र सेवड़ा था इसीलिए काला जादू करके सुमित के पापा को मरवा दिया रातो रात ही. और कारन किसी को पता ही नहीं चला.
सुमित अकेला मात्र 16 साल का ही हुआ था.सुमित को अब सारा काम करना पड़ता था. लेकिन एक बड़ी खूबी थी उसमे, वो प्रति दिन लगभग 1.5 घंटे राम नाम का जप रात में सोने से पहले जरूर करता था और हनुमान जी को सुन्दर काण्ड भी सुनाता था हर शनिवार को.
सारा दिन काम कर के थक भी जाता था फिर भी रात को 11 बजे के लगभग वो जप करता था लगभग 1 बजे तक. सरसों के तेल का दीपक लगाकर.
पिता के बाद सुमित का अपने जाप नियम पर और निष्ठा हो गयी थी और ईमानदारी से जप जरूर करता था. नगेंदर के काले कारनामे वो नहीं जानता था. नगेन्द्र के रास्ते में अब यही एक काँटा था. पहले नगेंदर ने मसान क्रिया करवाई सुमित पर.
फलसवरूप सुमित जब भी जप करने बैठता तो उसको छत चटकती हुई सुनाई देती, उसे उसी के नाम से पुकारने वाली आवाज आती थी , और तो और जप करते करते उसे धक्का भी लगता था. लेकिन वो इन पर कभी ध्यान ही नहीं देता था और अपने जप में लगा रहता था.
सुमित को सपनो में भी भयंकर आकर्तियाँ दिखाई देती थी. लेकिन उसका जप इतना सूक्ष्म था की सपने में भी जप चालू हो जाता था उसका. उसकी ऐसी निष्ठा थी की मसान क्रिया भी फ़ैल हो गयी और उसका कुछ न बिगाड़ पायी. ये देख कर नगेंदर ने अब एक शमशान काली तांत्रिक से मुठ मारण कर करवा दिया उस पर.
नगेन्द्र दहिया तांत्रिक |
जिसके कारन सुमित उसी दिन बीमार हो गया, और जब शाम को नियम का समय हुआ तब सुमित कैंसिल नहीं किया नियम. और बीमार होने के बाद भी अपने नयम पर बैठा और जप करने लगा. बीमारी के कारन इन्द्रियां स्थिल थी पहले ही इसीलिए आज तुरंत उसको ध्यान निद्रा आ गयी. और इस दौरान उसने देखा शमशान काली उसके समक्ष है. और वो तांत्रिक लगातार उस पर आक्रमण कर रहा है. ये देख सुमित जप करते करते सिर निचे कर लिए और थोड़ी ही देर में देखा की सुमी महाकाली के अंदर समा गया. और वो तांत्रिक जो क्रिया कर रहा था वो सामने पड़ा तड़प रहा है और वो तुरंत ही मर गया. और इसी के साथ तुरंत झटके के साथ सुमित का ध्यान टूटत और अब वो बिलकूल ठीक महसूस कर रहा था. अगले दिन वो तांत्रिक सचमुच मरा हुआ पाया गया.
अब नगेन्द्र सुमित को एक बहुत बड़ा सिद्ध तांत्रिक समझ कर, उससे डर कर, घबराकर दुसरे गाँव में जाकर रहने लगा.
Nagender Dahiya Tantrik ghrelu |
नगेन्द्र दहिया सेवडा शेवड़ा Nagender Dahiya Shewda Sewda
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