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How Spaceship Land on any Planet in Hindi – Kisi bhi Grah or upgrah par Kais ek space ship utarta hai – किस तरह एक स्पेस शिप किसी गृह या उपग्रह पर उतरता है

 

How Spaceship Land on any Planet in Hindi
How Spaceship Land on any Planet in Hindi

किसी भी गृह पर स्पेस शिप का उतरना बल्कि उस तक पहुचना ही बहुत मुश्किल काम है. लेकिन फिर भी हमारे स्पेस विज्ञानिक दिन रात एक करके लगे रहते है. अभी हाल ही में चंद्रयान भेजा गया है चाँद पर और उसी की कार्यविधि को ध्यान में रख कर आपको इस टॉपिक को एक्सप्लेन किया गया है. ताकि आपको ठीक से समझ आ सके.

स्पेसशिप राकेट लांच करना – जहां तक हम सब जानते है की हम अभी तक एकलौते ही है इस ब्रह्मांड में, क्योंकि हम अपने अलावा अब तक किसी से मिले नहीं और इसीलिए किसी को जानते भी नहीं. इसीलिए हमें अभी केवल पृथ्वी से लांच करना है और कसे करना है और कैसे करते है वो सब आपके सामने ही है. हम कोई भी यान को लांच करते है तो उसका स्टार्ट अप रोकेट की हेल्प से ही किया जाता है बाद में बेशक बिना राकेट के वो यात्रा करे. लेकिन बिना राकेट के हमने अभी तक कोई अन्तरिक्ष यान  नहीं छोड़ा है.

Kisi bhi Grah or upgrah  par Kais ek space ship utarta hai
Kisi bhi Grah or upgrah  par Kais ek space ship utarta hai

 

LVM3 – M4 बाहुबली राकेट – ये राकेट बहुत ही पावरफुल और लाइट है. हमारे स्पेसशिप चंद्रयान-3  को लेकर यही राकेट 14 जुलाई 2023 दोपहर 2 बजकर 35 मिनट्स पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चला. जब ये चला तब इसकी स्पीड लगभग 1627 KM per ऑवर  थी/.

किस तरह एक स्पेस शिप किसी गृह या उपग्रह पर उतरता है
किस तरह एक स्पेस शिप किसी गृह या उपग्रह पर उतरता है

 

45 KM की उंचाई पर – रॉकेट जब पहुचा तब इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट हुआ. और तब LVM3 M4 राकेट की रफ़्तार स्पीड बढ़कर 6437 KM प्रति घंटा हो गयी.

अब 130 सेकंड्स के बाद यानी 62 KM आसमान में जाने पर, राकेट के जो बूस्टर होते है. वो अलग हो गये LMV3 M4 राकेट से. और अब जाकर राकेट का मेंन इंजन स्टार्ट हुआ. ये सब जो हुआ यानी बूस्टर अलग करना और मैं इंजन स्टार्ट करना सब ऑटो कण्ट्रोल है मशीनों से. और जैसे ही ये सब हुआ तब जो राकेट की स्पीड है वो 7000 KM प्रतिघंटा हो गयी.  और जो बूस्टर अलग हुए थे वो स्पेस साइंटिस्टों ने मशीनों की मदद से बूस्टर को समुन्द्र में स्वाह कर दिया.

अब 196 सेकंड्स पर – राकेट और यान पर जो आगे की चोंच पर हिट शील्ड होती है वो अलग हो गयी. इन हिट शील्ड को अलग इसीलिए किया गया क्योंकि अन्तरिक्ष यान अब 114.8 KM की उंचाई पर उड़ रहा है. 

Hit Shields Separated - हित शील्ड्स अलग होना
Hit Shields Separated - हित शील्ड्स अलग होना

 

इसके बाद 307 सेकंड्स की उड़ान के बाद – राकेट से लिक्विड इंजन 
भी अलग हो गया. और तब स्टार्ट हुआ कोयोजनिक इंजन 
(Cryogenic Engine) इस इंजन के स्टार्ट होने के बाद राकेट की स्पीड
 बढ़ कर 36,968 KMPH हो गयी.
 
लिक्विड इंजन अलग - Liquid engine Separated
लिक्विड इंजन अलग - Liquid engine Separated

और लौन्चिंग के कूल 16 मिनट्स के बाद ही कोयोजनिक इंजन 
(Cryogenic Engine) भी बंद होकर अलग हो गया. और चंद्रयान पृथ्वी
की कक्षा में स्थापित हो गया. अब यहाँ कुछ समय तक यान  
एक्लिप्स ऑर्बिट यानी अंडाकार अक्ष पर चक्कर लगाएगा और फिर 
चाँद की कक्षा में शामिल होगा. कैसे आइये जानते है:
 
Cryogenic Engine Separated -कोयोजनिक इंजन Alag
Cryogenic Engine Separated -कोयोजनिक इंजन Alag 

प्रोपल्शन मोडयुल  Propulsion Module : की सहायता से ऑर्बिट में 
घूमते हुए चंद्रयान की ऑर्बिट को बढाते जायेंगे, हर न्यू ऑर्बिट पर ये
 ऐसा करेगा. जिससे उस लास्ट ऑर्बिट में यान उस कंडीशन में होगा
 की वो चाँद की कक्षा यानी ऑर्बिट में शामिल हो जायेगा. 

 

अंडाकार चक्कर Elliptical Circling
अंडाकार चक्कर Elliptical Circling

इसरो यान के अंडाकार चक्कर (Elliptical Circling ) क्यों लगवाएगा – क्योंकि अन्तरिक्ष में अगर एकही यानी एक ही सर्किल पर तो वो न दूर जा सकता है और न ही पास आ सकता है इसिलए अगर किस गृह से दूर जाना हो या पास आना हो तो अंडाकार चक्कर (Elliptical Circling ) ही लगाने पड़ते है क्योंकि इसमें यान को पर्थ्वी से दूर और चाँद के पास जाना है.

       इस तरह यान को चक्कर लगकर चाँद की ऑर्बिट में जाने में 6 दिनों का समय लगेगा. फिर वोही चक्कर अंडाकार लगेंगे. और धीरे धीरे चाँद के नजदीक जायेगा यान. ये प्रक्रिया चलेगी 13 दिनों तक.

चंद्रयान के 3 हिस्से थ्री पार्ट्स ऑफ़ चंद्रयान Three Parts of Chandrayaan
चंद्रयान के 3 हिस्से थ्री पार्ट्स ऑफ़ चंद्रयान Three Parts of Chandrayaan

 

चंद्रयान के 3 हिस्से थ्री पार्ट्स ऑफ़ चंद्रयान Three Parts of Chandrayaan : 1. प्रोपल्शन मोडयुल  Propulsion Module ये हिस्सा उड़ाने के काम आता है.

11. लैंडर मोडयुल Lander Module जैसा की नाम से ही पता चलता है की लैंडर मतलब ये उतरने वाला हिस्सा है.

111. रोवर Rover – ये आखरी तीसरा हिस्सा है जिसका काम केवल घूमना फिरना और जानकारी जुटाना होगा. ऑर्बिटर Orbiter वाला हिस्सा इस बार नहीं भेजा जा रहा क्योंकि वो चंद्रयान 2 वाला अभी ऑर्बिट कर ही रहा है इसीलिए इसरो उसी को दोबारा प्रयोग कर लेगा.

Propulsion Lander Module लैंडर और प्रोपल्शन मोडयुल
Propulsion Lander Module लैंडर और प्रोपल्शन मोडयुल

 

चन्द्रमा की धरती पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग - 100 KM के दायरे में चाँद के जब यान पहुचेगा तब लैंडर और प्रोपल्शन मोडयुल  अलग हो जायेंगे या किये जायेंगे. और तब लैंडर अपनी स्पीड कम करेगा. अब 40 से 42 दिनों में लैंडर और रोवर चंद्रमा की जमीन पर  उतर जायेंगे. और लगभग 23 अगस्त 5 बजकर 47 मिनट्स पर ये लैंडिंग प्लान की गयी है. बाकी अगर सूर्योदय को लेकर अगर कोई देरी हुई तो ये टाइम बदल कर सितम्बर में किया जायेगा. 

लैंडर का नाम विक्रम Lander name Vikram और रोवर का नाम प्रज्ञान Rover name Pragyan
लैंडर का नाम विक्रम Lander name Vikram और रोवर का नाम प्रज्ञान Rover name Pragyan

 

चाँद पर यान को उतारना ही सबसे बड़ा चुनोती भरा काम है. क्योंकि चंद्रयान 2 भी इसी स्टेप पर क्रेश हुआ था और अब यही स्टेज चंद्रयान 3 की महतवपूर्ण है. लैंडिंग की जगह भी पहले से ही कन्फर्म की है. इसरो ने अपने लैंडर का नाम विक्रम (Lander name Vikram) और रोवर का नाम प्रज्ञान (Rover name Pragyan) रखा है.

Chandrayaan 3 Kaise Utrega Chand Par – चंद्रयान कैसे उतरेगा चाँद पर, How Spaceship Land on any Planet in Hindi – Kisi bhi Grah or upgrah  par Kais ek space ship utarta hai – किस तरह एक स्पेस शिप किसी गृह या उपग्रह पर उतरता है

 

सोर्स - https://youtu.be/  Z57O5Kd_Mvs

 

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