कभी मित्र कभी घोर शत्रु एक चूहे बिल्ली की कहानी - Cat and Mouse Tale A Polotical Story - Chuhe Billi ki Kahani
आजकल बहुत बड़ा भोचाल आया हुआ है.समाज में, कुछ लोग एक पार्टी को पसंद
करते है तो कुछ दूसरी को. लोग अपना टाइम और पैसा तक लगा देते है की फलानी पार्टी
बढ़िया, उसको जितवाना है और फलानी घटिया. लकिन वास्तविकता बाद में पता चलती है की
जिस पार्टी को अपने सिर बैठाया वोही पार्टी अपनी विर्रोधी पार्टी से मिली हुई है..
इस बात को मैं आपको एक छोटी से कहानी से बहुत अच्छी तरह समझाऊँगा. आप देखते रहिये
इस विडियो को ध्यान से:
एक वट वृक्ष के पास एक चूहे का बिल था, उस पेड़ के पास एक बिल्ली भी
रहती थी. बिल्ली ने बहुत कोसिस की उस चूहे को खाने की लेकिन वो सफल नहीं हो सकी
कभी भी, चूहा बहुत चतुर था इसीलिए बिल्ली कभी उसे पकड़ ही नहीं सकी. एक बार क्या
हुआ एक शिकारी वहां आया और उसने जाल लग्गा दिया, उसमे एक हिरन फस आया और तब अगले
दिन शिकारी आया और हिरन को ले गया और उसे काटकर पकाकर खाया. शिकारी ने फिर से वहा
जाल लगा दिया. बिल्ली जो चूहे के लिए घात लगाकर बैठती थी वो खुद ही उसमे बुरी तरह
फास गयी, ये देखकर चूहा बहुत खुस हुआ, वो ख़ुशी -2 बहार निकला और उसने कुछ खाना
उठाया और पिकनिक मानाने पेड़ के ऊपर चढ़ गया, अब बिल्ली का डर था नहीं इसीलिए वो बड़े
आराम से मौज करने लगा ...
इसी बीच एक सांप वहां पेड़ के निचे आया जिसे देखकर उसका मजा किरकरा हो गया. उसने सोचा इससे बचने के लिए पेड़
के और ऊपर जाकर छिप जाना चाहिए, ये सोचकर जैसे ही उसने ऊपर देखा वंहा एक कव्वा पहले
से बैठा था, अब उसको साफ साफ़ अपनी मौत दिखाई देने लगी. लेकिन उसने धर्य से विचार
किया और शत्रु से मित्रता करने का विचार किया . वो बिल्ली से बोला. देखो सुबह
शिकारी आएगा और वो तुम्हे काटकर पकाकर खा
जायेगा, और ये कव्वा और सांप मुझे छोड़ने वाले नहीं. इसीलिए मैं तुमसे मित्रता काना
चाहता हूँ. अगर तुम अभी मुझे बचा लो तो मैं भी तुम्हारा जाल काट का तुम्हे शिकारी
से बचा सकता हूँ. बोलो मेरी ये मित्रता स्वीकार कर सकती हो या नहीं.
बिल्ली ने ख़ुशी ख़ुशी उसकी ये मित्रता स्वीकार कर ली, और ये देखकर वो
बिल्ली के पास आ गया और उससे बात करने की नौटंकी करने लगा, ये देख्कर की उसकी
दोस्ती बिली के साथ है दोनों को अस्चर्य हुआ, साप ओर कव्वा ये देख कर् डर गए और
चले गये. तब बिल्ली ने बोला अब काटो ये
जाल ओर्र मुझे भी आजाद कर्रो, चूहा बोला जरूर वादा किया है पूरा भी होगा लेकिन अभी
नहीं सुबह शिकारी आने के समय, क्योंकि अभी काटा तो तुम मुझे खा जाओगी. उसकी ये बात
सुनकर बिल्ली परेशान हुई, लेकिन उसके पास अभी और कोई आप्शन भी नहीं था इसीलिए
चुपचाप बैठी रही.
सुबह जब शिकारी आ रहा था अपने कुत्तों के साथ तब चूहे ने तुरंत जाकर
बिल्ली का जाल काट दिया, कुत्ते जैसे ही नजदीक आये बिल्ली आजाद हो पेड़ पर चढ़ गयी
और चूहा बिल में घुस गया. शिकारी सिर पीटकर वापिस चला गया. अब बिल्ली निचे आये और
बिल के पास आकार बोली, धन्यवाद अब हम दोस्त है तुम बिल से बहार आ सकते हो. तब उस
चूहे ने क्या जबरदस्त जवाब दिया ध्यान से
सुनें...
तुम्हारी मेरी मित्रता केवल हमारी सुरक्षा के अधीन थी, अब हम दोनों
सुरक्षित है अत अब कोई दोस्ती नहीं और अगर में तुम्हारे बुलावे पर बहर्र आया तो भी
तुम मुझे जरूर खा जाओगी.
ये थी चूहे की चाणक्य निति...
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