रेनबो वैली ( The Rainbow Valley )
दोस्तों, माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई सिर्फ
गिनती के लोग ही कर सकते हो क्योकि माउंट एवरेस्ट पर जैसे जैसे ऊपर बढ़ते जाते है
वैसे वैसे हालात बद से बढतर होते रहते है जिनमे सर्वाइव करना हर किसी के बस की बात
नहीं. लेकिन फिर भी सोचो कि आप माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर रहे है और आप एवरेस्ट के
टॉप के बिलकुल पास पहुँच गये है लेकिन अचानक आपको एक ऐसा दृश्य दीखता है जो आपकी
रूह को कापने पर मजबूर कर देता है तो समझ जाए कि रेनबो वैली आ गयी है. CLICK HERE TO KNOW दुनिया के 11 सबसे खतरनाक खेल ...
एक खुला कब्रिस्तान रेनबो वैली |
रेनबो वैली का दृश्य ( Scene of Rainbow Valley ) :
जी हाँ, रेनबो वैली एक ऐसी जगह है जहाँ
आपको उन लोगों के शव बर्फ में जमे हुए दिखेंगे जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की
कोशिश की थी. ये दिखने मे एक खुले कब्रिस्तान के जैसा लगता है और ऊपर यानि माउंट
एवरेस्ट पर बर्फ की वजह से टेम्परेचर इतना कम होता है कि शव गल तक नहीं पाते बल्कि
बर्फ की तरह जमे हुए दिखाई देते है.
रेनबो वैली – मौत की घाटी ( Rainbow Valley – The Death Valley ) :
दरअसल माउंट एवरेस्ट पर
क्लाइंब करना किसी भी क्लाइंबर्स के लिए एक सपने की तरह होता है लेकिन पहले
टेक्नोलॉजी इतना ज्यादा विकसित नहीं हुई थी और यही वजह थी कि पहले 10 में से सिर्फ
1 या 2 क्लाइंबर्स ही माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुँच पाते थे बाकि सब रेनबो वैली
तक आते आते अपने सपने के साथ ही अपनी आखरी साँस ले लेते है. सिर्फ पहले ही नहीं
बल्कि आज भी इतनी टेक्नोलॉजी होने के बाद भी सिर्फ 50% लोग ही माउंट एवरेस्ट की
अपनी चढ़ाई को पूरा कर पाते है.
Ek Khula Kabristaan Rainbow Valley |
शवों को नीचे क्यों नहीं
लाया जाता ( Why the Bodies are
not Brought Down ) :
अब आप सोच रहे होंगे कि
उन सभी शवों को रेनबो वैली से नीचे लाकर, उनका अंतिम संस्कार क्यों नहीं कर दिया जाता. तो
आपको बता दें कि इन शवों को नीचे लाना लगभग असंभव के जैसा है क्योकि ये जगह माउंट
एवरेस्ट की चोटी से बस थोड़ा सा ही नीचे है. सुनने में तो रेनबो वैली बहुत अच्छा
लगता है लेकिन असल में ये जगह किसी भयानक सपने से कम नहीं है.
क्लाइंबर्स तो इस जगह को
मौत की घाटी कहकर भी बुलाते है क्योकि यहाँ 50-100 नहीं बल्कि सैकड़ों क्लाइंबर्स
की लाशें बर्फ में जमी हुई है. वैसे कई बार हेलीकाप्टर से इन शवों को उतारने की
कोशिश की गयी है लेकिन हलिकोप्टर भी सिर्फ इसकी आधी हाइट तक ही पहुँच पाते है. जिस
कारण अब रेनबो वैली से शवों को निकालने के बारे में सोचना ही बंद कर दिया गया है.
Mount Everest par Bana Lashon ka Dher |
शव कैसे रहते है सुरक्षित
( How the Dead Body
is Safe ) :
जैसाकि हमने बताया कि
माउंट एवरेस्ट पर जैसे जैसे ऊपर चढ़ाई की जाती है तो तापमान लगातार माइनस में जाता
रहता है और ये तो आप जानते ही होंगे कि बर्फ में मृत शरीर नहीं गलता है. यही वजह
है कि रेनबो वैली में शव बिलकुल सुरक्षित बने रहते है. सिर्फ शव ही नहीं बल्कि
वहाँ तो क्लाइंबर्स के बाकी सामना जैसेकि टेंट, ऑक्सीजन सिलिंडर और जैकेट वगरह भी इधर उधर पडा रहता
है. इस जगह पर जो सबसे पुराना शव पहचाना गया है वो शव George Mallory का है.
उन्होंने भी सन 1924 में
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश की थी लेकिन उस वक़्त वहाँ एक भयंकर तूफ़ान आ गया
जिसमे फंसकर जॉर्ज अपनी जान गवाँ बैठे. यही सब चीजें माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई को
इतना कठिन बनाती है. अगर आप भी माउंट एवरेस्ट पर क्लाइम्बिंग करने का प्लान कर रहे
है तो अपने साथ सभी जरूरी चीजों को साथ ले जाना बिलकुल ना भूलें और जब आप रेनबो
वैली पर पहुंचे तो वहाँ के नज़ारे को देखकर बिलकुल भी ना घबराएं बल्कि अपने लक्ष्य
पर ही फोकस रहे.
Mount Everest ki Maut ki Ghati |
रेनबो वैली, एक खुला कब्रिस्तान के बारे में
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