भीम में थी 10 हजार
हाथियों की ताकत
दोस्तों, हम सभी महाभारत के बारे में जानते
है, हमने टीवी पर बहुत बार महाभारत देखि है और महाभारत के
बहुत से किरदार हमारे जहन में बसे भी हुए है. उन्ही में से एक है भीम. जोकि महाराज
पांडू के दुसरे पुत्र थे. वे अपने बल, काया और क्रोध के लिए
महाभारत के एक मुख्य पात्र थे. उनके बल के बारे में हमेशा एक बात कही जाती थी कि
उनमे 10 हजार हाथियों के जितनी ताकत थी और ऐसा हम आज तक सुनते आ रहे है. लेकिन
उनमे इतनी ताकत आई कैसे?
ये सवाल कभी ना कभी तो
आपके मन में भी आया होगा. अगर हाँ तो आज आपको आपके सवाल का जवाब मिलने वाला है क्योकि
आज हम महाभारत के इसी रहस्य से पर्दा हटाने वाले है और जानने वाले है कि आखिर भीम
में 10 हजार हाथियों का बल कैसे आया और वो क्यों इतने ज्यादा शक्तिशाली थे? CLICK HERE TO KNOW रामायण महाभारत का एक अंतर ...
10 हजार हाथियों की ताकत कैसे आयी भीम में |
भीम की ताकत की कहानी :
जैसाकि हमने बताया कि भीम
महाराज पांडू की पुत्र थे, लेकिन एक
सत्य ये भी है महारानी कुंती ने भीम वायुदेव से प्राप्त किया था और रामायण के
अनुसार संकटमोचन महाबली हनुमान जी भी वायुदेव के ही पुत्र थे. इस तरह भीम हनुमान
जी के भाई थे, तो इस तरह उनका शक्तिशाली होना लाजमी था. वे
महाभारत युद्ध के सबसे बलशाली योद्धा थे और उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार सभी
100 कौरवों का वध किया था और तो और दुशासन की छाती चीर कर उसका रक्तपान भी किया
था.
सिर्फ टकराने से हो गयी
थी चटान चूर चूर :
भीम कितने बलशाली है ये
उन्होंने बचपन में ही साबित कर दिया था. दरअसल एक बार कि बात है जब उनकी माता
कुंती वन में विश्राम कर रही थी और भीम उनकी गोद में आकर लेट गये. अब वहाँ अचानक
एक बाघ आ गया जिसे देखकर महारानी कुंती डर गयी और भाग खड़ी हुई. उनको इतना भी ध्यान
नहीं रहा कि भीम उनकी गोद में सो रहा है.
ऐसे में जब महारानी कुंती
उठी तो भीम उनकी गोद से गिरकर चट्टान से टकरा गये और चट्टान उसी वक़्त चूर चूर हो
गयी लेकिन भीम को खरोच तक नहीं आई. ये देखकर महारानी कुंती और महाराज पांडू दोनों
हैरान हो गये.
10 Hajar Hathiyon ki Takat Kaise Aayi Bheem Mein |
दुर्योधन ने दिया जहर :
महाभार के अनुसार जब
महाराज पांडू की मृत्यु हुई तो महारानी कुंती अपने पाँचों पुत्रों यानि पांडवों को
लेकर हस्तिनापुर आ गयी. जिसके बाद उन्होंने भी कौरवों के साथ अपना बचपन व्यतीत
किया और शिक्षा प्राप्त की. लेकिन भीम हमेशा ही खेल खेल में कौरवों को बहुत मारा
करते थे और यही वजह थी कि हर कौरव भीम से नफ़रत करता था. एक बार दुर्योधन ने भीम को
जहर देकर मारने का विचार बनाया और उन्हें जहर खिलाकर गंगा नदी में डलवा दिया.
नागलोक में मिला 10 हजार
हाथियों जितना बल :
गंगा नहीं में डाले जाने
के बाद भीम सीधे नाग लोक पहुँच गये, जहाँ बाकी नागों ने भी भीम को डसना शुरू कर दिया
ताकि उनकी मृत्यु हो जाए. लेकिन हुआ बिलकुल इसका उल्टा, क्योकि
नागों के डसने की वजह से भीम के शरीर में जहर का असर कम होने लगा और भीम कुछ ही
देर में फिर से होश में आ गए.
अब भीम की नजर उनके आसपास
के सभी नागों पर पड़ी और उन्होंने एक एक करके सभी नागों को पकड़कर मारना शुरुर कर
दिया. ऐसे में कुछ नाग घबराकर नागराज वासुकी के पास पहुँचे और उन्हें सारी बात
बतायी. नागराज वासुकी तुरंत अपने साथियों के साथ उस जगह आये जहाँ भीम नागों को मार
रहे थे.
उनके एक साथी आर्यक ने
भीम को पहचान लिया. क्योकि आर्यक भीम के नाना के नाना थे. ऐसे में आर्यक ने नागराज
वासुकी से भीम को माफ़ करने का आग्रह किया और उनसे निवेदन किया कि भीम को नागलोक के
कुण्डों का पानी पिलाए. महाराज वासुकी ने आर्यक की बात मानी और भीम को कुण्डों का
पाने पिलाया गया, जिसे
पीने के बाद ही भीम में 10 हजार हाथियों की ताकत आई और उन्हें महाबली भीम होने का
सम्मान प्राप्त हुआ.
तो दोस्तों इस तरह भीम को
इतनी शक्ति प्राप्त हुई और वो महाभारत के सबसे बलशाली योद्धा बन पाए. ये उन्ही की
ताकत थी की पांडव महाभारत के युद्ध को जीत पाए क्योकि उन्होंने अपने बल के दम पर
ही सभी कौरवों को मौत के घाट उतारा था. आप भीम की ताकत और बल के बारे में क्या
कहना है हमें कमेंट में जरुर बताएं.
Bheem ki 10 Hajar Hathiyon Jitni Shakti Ka Raj |
भीम में 10 हजार हाथियों की
ताकत कैसे आई या महाभारत से जुड़े किसी भी अन्य सवाल के बारे में अधिक जानने के लिए
आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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