जगन्नाथ पूरी मंदिर
दोस्तों, पुराणों के अनुसार जब भगवान
विष्णु धरती पर मौजूद अपने चारों धामों की यात्रा पर जाते है तो वे हिमालय की
चोटियों पर बने बद्रीनाथ धाम पर स्नान करते है, गुजरात में
स्थित द्वारिका में वस्त्र पहनते है, उड़ीसा के पूरी में भोजन
करते है और रामेश्वरम धाम में विश्राम करते है. लेकिन द्वापर युग में जब भगवान
विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया तो वे द्वापर के बाद पूरी में रहने लगे
और बन गये जग के नाथ मतलब जगन्नाथ. चार धामों में से एक जगन्नाथ धाम को धरती का
बैकुंठ भी कहा जाता है और अगर आप चार धाम की यात्रा कर रहे हो तो आपको इस धाम पर
सबसे अंत में आना चाहियें. आज हम आपको इसी जगन्नाथ मंदिर के कुछ ऐसे चमत्कारों के
बारे में बताने वाले है जिन्हें जानकार आप अपने दांतों तले उंगली दबा लोगे. CLICK HERE TO KNOW राजस्थान का शीतला माता मंदिर रहस्य ...
जगन्नाथ पूरी मंदिर के चौका देने वाले अजूबे चमत्कार |
जगन्नाथ पूरी मंदिर के
चमत्कारिक रहस्य :
1. आमतौर पर जिस तरफ हवा चलती है उसी तरफ मंदिर का
झंडा भी लहराता है लेकिन श्री जगन्नाथ पूरी मंदिर के शिखर पर लगा लाल झंडा हमेशा
हवा की उल्टी दिशा में ही लहराता है. ऐसा क्यों होता है ये बात विज्ञान भी आज तक
नहीं समझ पाया है.
2. झंडे से जुडी एक आश्चर्यजनक बात ये भी है कि
रोजाना शाम के समय एक व्यक्ति उल्टा मंदिर पर चढ़कर झंडे को बदलता है. माना जाता है
कि अगर ऐसा ना किया जाए तो मंदिर 18 सालों तक बंद हो जाएगा.
3. जगन्नाथ पूरी का मंदिर समुद्र तट के पास बना हुआ
है और विज्ञान के अनुसार समुद्र तट पर दिन में हवा समुद्र से जमीन की तरफ चलती है
जबकि शाम को धरती से समुद्र की तरफ. लेकिन जगन्नाथ पूरी में हवा का रुख भी उल्टा
रहता है क्योकि यहाँ दिन में हवा समुद्र की तरफ और शाम को मंदिर की तरफ बहती है.
4. जगन्नाथ पूरी मंदिर दुनिया का सबसे उंचा और भव्य
मंदिर है और ये करीब 4 लाख वर्गफुट में फैला हुआ है जिसकी ऊँचाई करीब 214 फुट है.
लेकिन मंदिर के करीब रहकर आप इसके गुंबद को देख नहीं सकते. इतना ही नहीं मुख्य
गुंबद की परछाई कभी भी धरती पर नहीं पड़ती या यूँ कहें कि गुंबद की परछाई हमेशा
अदृश्य रहती है.
5. मंदिर की चोटी पर एक चमत्कारी सुदर्शन चक्र भी लगा
हुआ है, इस
सुदर्शन चक्र की ख़ास बात ये है कि आप इसे पूरी की किसी भी जगह से ही क्यों ना देख
लें, आपको ये हमेशा अपने सामने लगा हुआ ही दिखेगा. इस चक्र
को नील चक्र के नाम से जाना जाता है, अष्टधातु से बना ये
चक्र बहुत पावन और पवित्र माना जाता है.
6. अक्सर आपने देखा होगा कि पक्षी ऊँची ऊँची इमारतों
पर अपना घर बना लेते है और उनके ऊपर व आसपास उड़ते रहते है लेकिन जगन्नाथ पूरी
मंदिर में ऐसा नहीं है यहाँ मंदिर के गुंबद के ऊपर से आज तक एक भी पक्षी या
एयरोप्लेन नही उड़ा है और ना ही उड़ाया जा सकता है.
Jagannath Puri Mandir ke Chauka Dene Vale Ajube Chamatkar |
7. जगन्नाथ पूरी मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर
है, जहाँ 500 शेफ और उनके 300 सहयोगी
एक साथ प्रसाद बनाते है. ख़ास बात ये है कि इस मंदिर में रोजाना कई हजार से लेकर 20
लाख लोग रोजाना आते है और ये मंदिर रोजाना उन्हें पेट भरकर खाना खिलाता है और इनका
भण्डार भी कभी खत्म नहीं होता. साथ ही प्रसाद का एक भी दाना कभी व्यर्थ नहीं जाता.
यही नहीं प्रसाद बनाने के
लिए 7 बर्तनों को एक दुसरे के ऊपर रखा जाता है और नीचे लकड़ियों को जलाया जाता है, अब चमत्कार वाली बात ये है कि
हमेशा सबसे पहले ऊपर वाले बर्तन का खाना पकता है फिर नीचे की तरफ एक के बाद एक
बर्तन में प्रसाद पकता है. इस चमत्कार के आगे विज्ञान भी नमस्कार कर चुका है.
8. क्योकि जगन्नाथ मंदिर समुद्र के पास बना है तो
मंदिर के अन्दर समुद्र में उठती लहरों या किनारों पर टकराती लहरों की आवाज का आना
सामान्य होना चाहियें. लेकिन ऐसा नहीं है जैसे ही आप मंदिर के सिंहद्वार में पहला
कदम रखते हो आप समुद्र की आवाज नहीं सुन पाओगे लेकिन जैसे ही मंदिर से अपना पहला
कदम बाहर निकालोगे, आप फिर
से समुद्र की मधुर आवाज को अनुभव कर पाओगे.
9. ठीक इसी तरह मंदिर के बाहर एक स्वर्ग द्वार भी है जहाँ
शवों को जलाया जाता है ताकि वे सीधे मोक्ष प्राप्त कर सके. लेकिन जब तक आप मंदिर
में है तब तक आपको शवों की गंध नहीं आएगी, पर मंदिर के बाहर निकलते ही आप शवों की गंध महसूस
करोगे.
Puri ke Jagannath Mandir ke Anjan Tathya |
10. जहाँ भगवान विष्णु या उनका कोई अवतार हो और वहाँ
हनुमान जी ना हो, ऐसा कभी
नहीं हो सकता. कहा जाता है कि समुद्र ने 3 बार जगन्नाथ मंदिर को हानि पहुंचाई थी.
ऐसे में जगन्नाथ जी जोकि श्रीकृष्ण का ही रूप है उन्होंने समुद्र को नियंत्रित
रखने के लिए हनुमान जी को नियुक्त कर दिया. पर हनुमान जी रोजाना भगवान जगन्नाथ जी
के दर्शन के लिए नगर में प्रवेश करते और रोजाना समुद्र भी उनके पीछे पीछे नगर में
घुस जाता. ऐसे में जगन्नाथ जी ने परेशान होकर हनुमान जी को समुद्र तट पर ही सोने
की बेड़ियों में बाँध दिया ताकि वे नगर में प्रवेश ना करें. आज भी यहाँ समुद्र तट
पर हनुमान जी का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर बना है और हर व्यक्ति जगन्नाथ जी के
दर्शन के बाद इस मंदिर में जरुर जाता है.
तो दोस्तों ये है भगवान
जगन्नाथ पूरी मंदिर के कुछ अजूबे व रहस्य, जिन्हें समझना शायद ही किसी के बस में है. लेकिन इन
चमत्कारों से एक बात तो साफ़ हो जाती है कि हमारे पूर्वज कितने बड़े इंजिनियर रहे
होंगे. ये मंदिर उनकी Architecture और
वास्तु कुशलता का जीता जागता साबुत है, ऐसा इसलिए क्योकि ये
मंदिर 7वीं सदी में बनाया गया था.
जगन्नाथ पूरी मंदिर के अन्य
चौका देने वाले रहस्यों और चमत्कारों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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