कौंच के बीज वियाग्रा का
बाप
Friends, इस भागदौड़ और तनाव से भरे जीवन व अनियमित खानपान
के कारण पुरुषों के शरीर में कमजोरी बढती जा रही है और पुरुष नपुंसकता, स्वप्नदोष और धातु दोष से ग्रस्त
होते जा रहे है जिसका सीधा असर उनके वैवाहिक जीवन पर पड़ता है. दरअसल शरीर में पौषक
तत्वों की कमी के कारण पुरुषों के सेक्स होर्मोन अस्वस्थ हो जाते है जिससे सेक्स
के प्रति उदासीनता आरंभ हो जाती है. धीरे धीरे ये समस्या बढती जाती है और अनेक
गुप्त रोगों को जन्म देती है. लेकिन आज हम आपको कौंच के बीजों के कुछ ऐसे उपयोग
बताएँगे जो हर गुप्त रोग को दूर करता है, वीर्य बनाता है और
काम भावना को जगाता है. तो आइये जानते है कि आपको किस तरह इन बीजों का प्रयोग करना
है.
कौंच के बीजों का प्रयोग
:
प्रयोग न. 1 :
आप कौंच के इन बीजों को
दूध में उबाल लें और इनके ऊपर का छिलका हटा दें. इसके बाद आप इन बीजों को धुप में
सूखने के लिए रख दें और सूखने पर इन्हें पीसकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें. इस चूर्ण
की 5 ग्राम की मात्रा को आप दूध व मिश्री के साथ दिन में 2 बार मतलब सुबह शाम लें. ये प्रयोग लिंग में आये
ढीलापन और शीघ्रपतन की समस्या से निजात दिलाता है. CLICK HERE TO KNOW पुरुषों में बांझपन के लक्षण ...
Kaunch ke Beej Viagra Ka Baap |
प्रयोग न. 2 :
आप बराबर मात्रा में कौंच
के बीज, सफ़ेद
मुसली और अश्वगंधा लें. इन्हें भी सुखा लें और पीसकर चूर्ण तैयार करें. अब तीनों
को सामान मात्रा में मिलाएं. आप इसमें मिश्रण की आधी मात्रा के जितनी मिश्री भी
मिला लें और रोजाना 1 चम्मच दूध में मिलाकर पियें. ये
दूध हर तरह के सेक्स रोगों को दूर करने में उत्तम माना जाता है.
प्रयोग न. 3 :
आप सामान मात्रा में कौंच
के बीज, शतावरी,
गोखरू, तालमखाना, अतिबला,
मिश्री और नागबला मिलाएं. इन सभी को पीसकर आपको एक चूर्ण तैयार करना
है. इस चूर्ण को 2 चम्मच की मात्रा में दूध में मिलाएं और रोजाना सुबह व शाम इसका
सेवन करें. ये प्रयोग कामशक्ति में इजाफा करता है
इसलिए अगर आप इस दूध को संबंध बनाने से ½ घंटा पहले पीते है तो आप लम्बे समय तक अपनी साथी
के साथ समय बिता पाते हो.
प्रयोग न. 4 :
कौंच के बीजों के साथ उड़द, चावल, तालमखाना,
शक्कर और विदारीकन्द को सामान मात्रा में मिलाकर पीस लें. अब इस
मिश्रण में थोडा सा दूध मिलाएं और आते की तरह गुथ लें. इसके बाद आप इस आटे से गाय के घी में छोटी छोटी पूरियाँ बनाकर
खाएं. इन पुरियों का सेवन भी आपको दूध के साथ ही करना है.
कौंच के बीजों के अन्य
लाभ :
· तनाव दूर करें : कौंच का बीज यौन ग्रंथियों को मजबूती प्रदान करने के लिए जाना जाता
है. इसके अलावा ये तंत्रिका तंत्र के लिए एक विशेष पौषक तत्व के रूप में कार्य भी
करते है इसीलिए कौंच के बीज तनाव और चिंता को दूर करने में सहायक होते है. दरअसल
ये बीज एक मानसिक टोनिक के सामान है.
· कोलेस्ट्रॉल कम करे : आज असंख्य लोग अपने बढे हुए
कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल से परेशान है और तरह तरह की दवाओं का सेवन करते है. उन
दवाओं के स्थान पर अगर कौंच के बीजों का प्रयोग किया जाए तो आपको शीघ्र ही शुगर व
कोलेस्ट्रॉल से निजात मिलेगी.
· तंत्रिका तंत्र के रोग दूर करे : जैसाकि हमने पहले भी बताया कि
कौंच के बीज तंत्रिका तंत्र के लिए विशेष पौषक तत्व है इसीलिए ये तंत्रिका तंत्र
से सम्बंधित हर परेशानी और रोग को दूर करने की एक विशेष दवा की तरह है. अगर कोई
व्यक्ति पार्किन्सन रोग से ग्रस्त है तो उन्हें भी कौंच के बीजों का प्रयोग अवश्य
करना चाहियें.
कौंच के बीजों के गुण :
कौंच के बीज शरीर में
वीर्य की वृद्धि करते है, वात
पित्त कफ का नाश करते है, शरीर को पुष्ट बनाकर बल में वृद्धि
करते है. कौंच के बीज वारिकारक है ये शरीर के अंगों के लिए सबसे अच्छा टोनिक माना
जाता है और काम की उत्तेजना को भी बढाते है. CLICK HERE TO KNOW शहद और दूध बढाते है शुक्राणु ...
कौंच के बीज वियाग्रा का बाप |
कौंच के बीजों की आयुर्वेदिक विशेषता :
- कौंच के बीज का स्वाद अर्थात रक्त : मधुर
- कौंच के बीजों की विशेषता व गुण : भारी, सुखा और चिकना
- कौंच के बीजों की शक्ति : ठंडा
- कौंच के बीजों का पाचन के बाद प्रभाव : मधुर
तो दोस्तों ये है कौंच के
बीज के गुण विशेषता और इसके प्रयोग. इन बीजों के प्रयोग से आप ये तो समझ ही गये
होंगे कि ये पुरुषों के वैवाहिक जीवन और खुशियों के लिए वरदान से कम नहीं. इसलिए
अगर आप भी किसी गुप्त रोग या समस्या से ग्रस्त है तो इसका प्रयोग आरंभ कर दें, ये आसानी से हर पंसारी व
आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर मिल जाता है क्योकि कौंच के बीज बहुत लोकप्रिय औषधि के
रूप में विख्यात है. इसका अंग्रेजी नाम Cowhage है और ये मैदानी इलाकों में झाड़ियों के रूप में
फैली हुई मिलती है.
कौंच के बीज के अन्य प्रयोगों के बारे अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जाकारी हासिल कर सकते हो.
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Sir coach ke beej se ling me tanav ki bimaari bhi khatam Hoti h kya
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