इन कामों में बिलकुल भी शर्म ना करें और देखे कि कैसे सफलता आपके कदम चूमती है ( Follow These
Steps, Success will Follow You ) :
आचार्य चाणक्य जी ने
सिर्फ अर्थशास्त्र ही नहीं बल्कि अनेक ऐसी नीतियाँ भी लिखी थी जिनका अनुसरण करने
से व्यक्ति को जीवन में असफलता का सामना नहीं करना पड़ता. उनकी नीतियों का अनुसरण
करने वालों का मानना है कि चाणक्य जी की नीतियाँ इतनी प्रभावशाली थी कि व्यक्ति को जीवन भर किसी भी मुसीबतों और परेशानियों से नहीं गुजरान पड़ता. चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति को अपना जीवन शांत
स्वभाव और सकारात्मकता के साथ जीना चाहियें. CLICK HERE TO KNOW भारत की 5 डरावनी जगह जहाँ रहते है भुत ...
Inn Kamon mein Shrm ki to Pachtana Padega |
चाणक्य निति ( Chanakya Ethics ) :
जहाँ लोग मानते है कि
शर्म पुरुषों की इज्जत और महिलाओं का गहना है तो वहीं चाणक्य मानते थे कि कुछ
बातें और जगह ऐसी भी है जिनमे ना तो पुरुष बल्कि महिला को भी शर्म नहीं चाहियें.
उनके अनुसार कुछ काम ऐसे है जिनको पूरा करने के लिए आपको बेशर्म होना ही पड़ता है
अर्थात व्यक्ति को काम के अनुसार ही अपने व्यवहार में परिवर्तन करना चाहियें. उनके
अनुसार अत्यधिक शर्म आपके पतन का कारण भी बन सकती है और आपको मुसीबतों में भी डाल
सकती है. तो आइयें अब उन बातों को जानते है जहाँ शर्म की कोई आवश्यकता नहीं है.
- पैसो से जुड़े कार्यो में ( Money Related Issues ) :
पैसा जहाँ हमारे जीवन की सबसे बड़ी जरूरतों में से
एक है तो वहीं ये कभी कभी परेशानियों का कारण भी बन बैठता है. दरअसल पैसे से जुड़े काम होते ही ऎसे है. इनकी वजह से बहुत सारे रिश्तो
में खटास पड़ जाती है. पैसो को लेकर तो भाई - भाई का ही दुश्मन बन जाता है और ना जाने कितने ही रिश्तो का गला पैसों की वजह से ही दबा दिया जाता है. इसका अभिप्राय
यह हुआ है की पैसों से जुड़े
किसी भी काम को करते वक़्त किसी पर आँख मूंदकर भरोसा ना करें और अगर आप इसमें शर्म करते है तो आपको घाटा भी सहना पड़ सकता है. यदि हम
किसी को पैसे उधार देते है तो हमे उन्हें मांगने में कभी भी शर्म नही करनी चाहिये वर्ना आपके पैसे फंस जायेंगे और आपको नुकसान
उठाना पड़ सकता है. CLICK HERE TO KNOW घड़ी को बाये हाथ में क्यों बांधा जाता है ...
इन कामों में शर्म की तो पछताना पड़ेगा |
- भोजन करते हुए शर्म न करे ( Never Shy in Diet or Meal ) :
संकोची लोगों की एक समस्या होती है कि वे हर काम
में संकोच करते है चाहे फिर वो खाना ही क्यों ना हो. अब बातों क्या कभी खाने में
भी शर्म या संकोच करना चाहियें? नहीं ना. हाँ अगर आप बीमार है और आपको कुछ चीजों का परहेज बताया हो तो बात
अलग है किन्तु खाने में कभी भी सोच विचार ना करें बल्कि जब भी जो खाने का मन करें
खा लें. इसके अलावा कुछ लोग ऐसे होते है जो बाहर किसी के घर में मेहमान बनकर जाते
है तो अच्छी तरह नहीं खाते और भूखे रह जाते है. माना जाता है कि खाने में संकोच
करना अन्न का अपमान भी होता है तो ऐसा बिलकुल ना करें.
- शिक्षा लेते हुए ( In
Education ) :
शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्व
होता हैं इसके बिना जीवन अधुरा है क्योंकि जीवन की दौड़ में केवल शिक्षा ही हैं जो हमारे
साथ चलती है और हमारा साथ देती हैं. शिक्षा के अलावा कोई भी दूसरी चीज जिन्दगी भर हमारा साथ नही दे सकती. इसलिए अगर जब भी कोई
शिष्य अपने गुरु से पढ़ते हुए सवाल पूछने में संकोच कर जाता है तो वो कभी भी उत्तम
तरह की शिक्षा नही ले पाता है. उत्तम शिक्षा के लिए कभी
भी गुरु से सवाल पूछने में शर्म नही करनी चहिये. क्योंकि इससे गुरु का कोई नुकसान नहीं होता हैं क्योंकि गुरु तो हमे शिक्षा दे कर
चलें जाते हैं लेकिन अगर आप उस शिक्षा से कुछ फायदा नहीं ले पाते तो शिक्षा का कोई
फायदा नहीं.
Don’t Shy in Doing These Works |
- काम में शर्म ( In Work ) :
आपने सुना होगा कि काम कभी भी छोटा बड़ा नहीं होता
और काम में कभी भी शर्म नहीं करनी चाहियें क्योकि हर चीज छोटे से ही शुरू होती है
या यूँ कहें कि बूंद बूंद से ही घडा भरता है. तो अगर आपको इस वक़्त छोटा काम करना
पड़ रहा है तो आप उसको छोटा समझकर ना करने की बिलकुल ना सोचे क्योकि अगर आपने ऐसा
सोच लिया तो फिर तो आपके पास काम ही नहीं रहेगा. इसके अलावा जो भी काम करें उसमें
अपना पूरा मन अवश्य लगायें तभी आपको उसमें सफलता मिलेगी. जैसे जैसे समय आगे बढेगा
आपका काम अपने आप छोटे से बड़ा हो जाएगा और आपके आपकी मेहनत और सब्र दोनों का मीठा
फल मिलेगा.
चाणक्य नीति या ऐसे ही
रोमांचक तथ्यों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी
हासिल कर सकते हो.
चाणक्य नीति |
चाणक्य नीति, Safalta Pana Chahte ho to Chhodo Shrm,
Jisne ki Shrm Uske Fute Karm, Kaam Khane Shiksha Paise ke Kaam mein Shrm
Sankoch naa Karen
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