अंजीर ( Fig )
आज हम एक ऐसे फल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका
आकार नाशपाती जैसा
होता है,
इस फल की कोई खास सुगंध नही होती, लेकिन ये गूदेदार और रस से भरा होता है साथ ही ये मुख्यतः
पीले, सुनहरे और बैंगनी रंग में पाया जाता है. इस फल की ये खासियत सुनकर आप समझ ही गए होंगे कि हम अंजीर
की बात कर रहें है. अंजीर को अंग्रेजी में Fig कहा जाता है और ये फल कैलशियम, रेशों, और विटामिन A, B, C से पुर्णतः प्रचुर है, यही कारण है कि अंजीर को हड्डियों के
लिए सबसे उत्तम आहार माना जाता है. CLICK HERE TO KNOW गर्मियों का शाही फल लीची ...
Gunkaari Anjir Tode Har Rog ki Janjir |
अंजीर में पाए जाने वाले मुख्य पौषक तत्व ( Special Nutrients
Found in Fig ) :
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कैलोरी : 49
·
प्रोटीन : 0.579 ग्राम
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कार्बोहायड्रेट : 12.42 ग्राम
·
फाइबर : 2.32 ग्राम
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फैट : 0.222 ग्राम
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सैचुरेटेड फैट : 0.0445 ग्राम
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पॉलीअनसैचुरेटेड फैट : 0.106
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मोनोसैचुरेटेड फैट : 0.049 ग्राम
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सोडियम : 2 मि.ग्रा.
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विटामिन ए, बी, सी
अंजीर के बिमारियों में लाभ ( Uses and Benefits of Fig in Diseases ) :
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दस्त और कब्ज ( Diarrhea and Constipation ) :
रात को सोने से पहले 3 से 4 पके हुए अंजीर को दूध में डालकर उबाल
लें,
ठंडा होने के बाद इस
दूध को
पी लें. एक हफ्ते तक लगातार सेवन करने से
दस्त और बवासीर में लाभ प्राप्त होता है. वहीँ माजून अंजीर 10 ग्राम 250 मि.ली. पानी में उबालकर छानकर पीने से भी कब्ज में
राहत मिलती
है.
ये उपाय रात को सोने से पहले करें. CLICK HERE TO KNOW रसभरी खायें चिंतमुक्त हो जाएँ ...
गुणकारी अंजीर तोड़े हर रोग की जंजीर |
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रक्त संचार ( Blood Circulation ) :
रक्त संचार को बढ़ाने के लिए
सबसे पहले दो अंजीर लें और उनको बीच से काट लें, अब इन्हें एक गिलास पानी में
डाल दें,
सुबह उठकर इस पानी को
पीने से रक्त संचार सुचारू रहता है.
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खून की खराबी ( Blood Disorders ) :
यदि खून में खराबी है तो एक
गिलास दूध में थोड़ी सी मिश्री डाल लें, अब इसमें थोड़ा
सा सुख हुआ अंजीर मिलाकर उबाल
लें और सेवन करें. इस मिश्रण को लगातार एक हफ्ते तक
सेवन करने से आपका
खून साफ़ होगा.
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मुहँ
के छालों के लिए ( Mouth Ulcer ) :
यदि मुंह में ज्यादा छाले हो गए है तो अंजीर का रस मुहँ के छालों
में सुबह शाम को लगाएं. एक से दो दिन में छाले पूरी तरह से गायब हो जाएंगे.
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दाँतो का दर्द ( Teeth Pain ) :
यदि दाँतो में दर्द या फिर
दांत सड़ गए हों तो अंजीर के पौधे से दूध निकाल
लें, अब एक रुई लें और निकले हुए दूध
से भिगो लें, इस रुई को मुहं के उस स्थान पर रखें जहाँ सड़ने की बदबू आ रही है.
जब उस रुई से सारा दूध निकल जाये तो उस रुई को फेंक दें, ऐसा दो तीन बार करें. ऐसा करने से दांतों की सड़न, दांतों के कीड़े तथा दांतों का दर्द समाप्त हो जाता है.
Benefits and Uses of Fig to Cure Every Diseases |
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शारीरिक दुर्बलता ( Physical Weakness ) :
यदि आप शारीरिक रूप से दुर्बल
हैं तो पके हुए अंजीर और सौंफ़ लें, इन्हें बराबर मात्रा
में लेकर अच्छे
से मिला लें और चबा
चबा कर खाएं. ऐसा नियमित रूप से 40 दिनों तक सुबह शाम सेवन करें, शारीरिक दुर्बलता
निश्चित ही दूर हो जायेगी.
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चर्म संबंधी रोग ( Skin Diseases ) :
यदि किसी को त्वचा पर खुजली, दाद, फुंसी, खुजलियुक्त फुंसी या चर्म
रोग हो जाये, तो
पूरी त्वचा पर कच्चे अंजीर का दूध लगाएं. इससे
खुजलीयुक्त फुंसी और दाद मिट जाते हैं. चमड़ी रोग को ठीक करने
के लिए अंजीर को बादाम और छुहारे के मिलाकर खाने से लाभ मिलता है. इन
दोनों उपायों को करने से त्वचा और चर्म
सम्बन्धी दोनों रोग ठीक हो जाते
हैं.
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सफ़ेद दाग ( White Spots and Stains
) :
यदि आप सफ़ेद दाग से ग्रस्त
हैं तो अंजीर के पेड़ की छाल लें और इसे पानी के साथ पीस लें, अब उसमें 4 गुना घी डालकर
गर्म करें और काढ़ा बना लें इस काढे को हरताल की भस्म के साथ रोजाना सेवन करें. यह महीने भर करने से सफ़ेद दाग मिट जाता हैं. सफ़ेद
दाग को दूर करने का एक और उपाय है कि
आप कच्चे अंजीर के फलों से दूध निकालें और 4 महीने तक लगातार सेवन करें.
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रक्तवृद्धि के लिए ( To Increase Blood ) :
शरीर में रक्त कम हो गया है तो
रक्त वृद्धि के लिए पके हुए अंजीर को छील कर उन्हें बीच से चीरे लगा
दें.
अब इन चिरों
में शक्कर भर दें और रातभर औंस में रखा रहने दें, सुबह उठकर अंजीर को खा लें. 15 दिनों तक रोज ऐसा
करने से शरीर की गर्मी निकलती है और रक्तवृद्धि होती है.
अंजीर के लाभदायक फायदे |
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हृदयावरोध और श्वासरोग ( Heart Attack and
Respiratory Diseases ) :
हृदयावरोध और श्वासरोग के कष्ट
को दूर करने के लिए अंजीर और गोरख इमली (
जिसे जंगली जलेबी भी कहते हैं) 5-5 ग्राम दोनों की मात्रा होनी चाहिए, दोनों को रोजाना सुबह सेवन करने से हृदयावरोध तथा श्वासरोग संबंधी रोग दूर
हो जाते हैं.
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स्मरण शक्ति के लिए ( To Increase Memory
Power ) :
जिन बच्चों की स्मरण शक्ति
कमजोर होती है यह उपचार उनके लिए बहुत कारगर
सिद्ध होता है. सबसे पहले
सूखे हुए अंजीर लें,
अब इसमें छिले हुए
बादाम डालकर गर्म पानी में उबालें और सूखने के लिए छोड़ दें. जब ये सूखकर कड़क हो जाये तब इसमें शक्कर, पिसी हुई इलायची, केसर,
चिरौंजी और पिस्ता सभी बराबर मात्रा में लें और गाय के घी में मिलाकर 8 दिन तक ऐसे ही छोड़ दें. नौवे दिन से रोजाना
सुबह
20 ग्राम इस मिश्रण का सेवन बच्चों को कराएं. कुछ दिनों के बाद असर दिखने लगेगा.
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लिवर के लिए ( For Liver ) :
अगर
किसी ला लीवर बढ़ गया है या लीवर में कोई अन्य समस्या आ गयी है तो आप इस उपायों को
अपनाएं. सबसे पहले गन्ने के रस के सिरके में 4 से 5 अंजीर 5 दिन तक गलने के लिए डाल दें. रोज सुबह एक अंजीर
बच्चे को खाने को दें. कुछ दिनों बाद आराम मिलना शुरू हो जायेगा और लीवर सुचारू रूप से काम करने लगेगा.
गुणकारी अंजीर के
रोगों में ऐसे ही अन्य उपयोगों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट
करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Bimariyion mein Ajir ka Pryoag |
अंजीर के लाभदायक फायदे, Swasthyavardhak
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