मृतक का सामान देने के
पीछे का रहस्य ( Why We Offer Goods
of Dead Person )
हमारे जीवन का हर पड़ाव (
जन्म से लेकर मरण तक ) अहम और आवश्यक है और यही कारण है कि हमे हर पड़ाव पर कुछ ना
कुछ संस्कारों और परंपराओं को अपनाना होता है. वैसे माना ये जाता है कि पुरे जीवन
में मुख्यतः 16 संस्कार होते है और बाकी संस्कार उन्ही में आते है. जहाँ पहला
संस्कार हमारे जन्म से ही आरम्भ हो जाता है तो अंतिम मृत्यु के बाद तक चलता रहता
है. CLICK HERE TO KNOW आखिर क्या है सूतक पातक ...
Kyo Dan Kiya Jata Hai Mritak ka Saaman v Bistar |
अंतिम संस्कार ( Last Sacrament or Funeral ) :
अब आप नाम से ही समझ गए
होंगे कि हम किसकी बात करने वाले है, जी हाँ अंतिम संस्कार. ये उन 16 संस्कारों में से
आखरी संस्कार है और यही वजह है कि इसे अंतिम संस्कार कहा जाता है और ये तो आप
जानते ही है कि ये मृत्यु से जुडा है. लेकिन अधिकतर लोग अंतिम संस्कार को दाह
संस्कार से जोड़ देते है और उसे ही आखरी संस्कार मान बैठते है. लेकिन आज हम आपको
अंतिम संस्कार की एक खास परम्परा से अवगत कराने वाले है, जिसे
आप जानते तो जरुर है किन्तु उसे मनाने का कारण शायद आपको नहीं पता.
क्यों दान किया जाता है
मृत व्यक्ति का बिस्तर ( Why
We Donate Dead Persons Bed ) :
हम सभी ने देखा है कि जब
कोई व्यक्ति गुजर जाता है अर्थात अपने शरीर को त्याग देता है तो उसके बिस्तर कपडे
और यहाँ तक की उसकी चारपाई तक को दान में दे दिया जाता है. लेकिन ऐसा क्यों है? क्यों उस मृत व्यक्ति के सामान को
घर में नहीं रखा जा सकता?
इसका जवाब है कि मृत
व्यक्ति का बिस्तर घर में रखा होने से उससे नकारात्मक ऊर्जा संचालित होने लगती है, जो सीधे मन पर प्रभाव डालती है. आप खुद सोचें कि अगर आप अपने घर में किसी
ऐसे व्यक्ति के कपडे बार बार देखें जो मर चूका है या आप उस व्यक्ति के बिस्तर को
देखें जिसपर सिर्फ वो सोता था तो क्या आपको अजीब नहीं लगेगा, कमजोर दिल वालों को तो डर तक लगने लगता है. इसी तरह की अन्य नकारात्मक
उर्जायें भी घर में वास करने लगती है और घर का माहौल खराब होता है इसीलिए उन्हें
दान कर दिया जाता है. CLICK HERE TO KNOW लाशों को बदलें डायमंड में ...
क्यों दान किया जाता है मृतक का सामान व बिस्तर |
वैज्ञानिक तथ्य और तर्क ( Scientific View and Logics ) :
हमारे देश में इतनी सारी
परम्पराएं है कि कुछ लोग इन्हें मनगढ़त तक बोल देते है किन्तु सत्य तो यही है कि इन
सब परंपराओं के परिणामों को आज विज्ञान तक ने स्वीकार है और माना है कि उनके पीछे
के सभी तर्क सही है. ऊपर बताई गयी परंपरा को ना सिर्फ सामाज बल्कि विज्ञान ने भी
पुर्णतः सत्य और तार्किक माना है. इससे ये सिद्ध होता है कि कोई भी परंपरा बेवजह
नहीं है.
इसके पीछे एक अन्य तर्क
ये भी है कि उन बिस्तर से इन्फेक्शन का ख़तरा रहता है किन्तु ये तर्क उसी समय सत्य
होता है जब वो मृतक किसी रोग से लम्बे समय तक ग्रस्त रहा हो. ऐसे में जो भी उसके
बिस्तर का इस्तेमाल करता है उसे भी उस रोग के कीटाणु अपना शिकार बना सकते है.
16 संस्कारों या मृतक के
संस्कारों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल
कर सकते हो.
Why We Donate Goods and Bed of Dead Person Deceased |
अंतिम
संस्कार की परंपरा, Mare Hue Vyakti ka Saman Ghar mein Na Rakhne ka Rahasya, 16
Sanskaron mein se Aakhri Antim Sansakar ka Raaj
YOU MAY ALSO LIKE
No comments:
Post a Comment