रिफाइंड
( Refined )
पहले
खाना बनने के लिए देशी घी या सरसों का तेल इस्तेमाल होता है, ये दोनों
स्वास्थ्य के लिए कितने लाभदायी होते इस बात का अंदाजा आप 50 साल पहले रहने वाले
लोगों की बुद्धिमत्ता, कार्यक्षमता और विकास से ही लगा सकते
हो, जो आज के लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा ही अधिक है.
इसका सीधा सा कारण है आहार और आहार में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ. जहाँ देशी घी
ऊर्जा प्रदान करता है वहीँ सरसों का तेल विकास में सहायक होता है किन्तु रिफाइंड
का क्या? CLICK HERE TO KNOW हर प्रकार के दर्द से राहत दिलाने वाला अदभुत तेल ...
Bahut Khatarnaak Hai Iss Tel ki Dhaar |
आज
हर रसोई में रिफाइंड का इस्तेमाल होने लगा है, सभी जानते है कि ये स्वास्थ्य
के लिए हानिकारक है लेकिन फिर भी इसका इस्तेमाल करते रहते है. जब लोगों से इसका
कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि देशी घी और सरसों के तेल में से स्मेल ( Smell ) आती है, कुछ ने कहा
कि ये दोनों चिकने अधिक है जबकि रिफाइंड चिपचिपा नहीं है. जहाँ तक बात स्मेल की है
तो वो सुगंध है जोकि मन को शांति प्रदान करती है, दूसरी बात
चिकने व चिपचिपे होने की तो आपको बता दें कि इनकी यही खासियत आपके शरीर को
हष्टपुष्ट और रोगों से मुक्त रखती है. तो रिफाइंड का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें
क्योकि ये आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हानिकारक है. आज हम रिफाइंड के ऐसे ही
अवगुणों के बारे में चर्चा करेंगे.
कैसे
बनता है रिफाइंड ( How Refined Prepares ) :
रिफाइंड
को बनने के लिए जिन तिलहनों की रिफाइनिंग की जाती है उन्हें करीब 300 से 500
डिग्री सेल्सेयस पर गर्म करते है. साथ ही इनके बीजों से 100 प्रतिशत तेल पाने के
लिए एक खतरनाक पेट्रोलियम उत्पाद का इस्तेमाल किया जाता है जिसे हेग्जेन कहा जाता
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बहुत ख़तरनाक है इस तेल की धार |
रिफाइंड
के गंध रहित और पारदर्शी होने का कारण ( Causes of Being Refined
Transparent and Smell Less ) :
सभी
जानते है कि रिफाइंड गंध रहित और पारदर्शी होता है किन्तु ऐसा प्राकृतिक नहीं होता
बल्कि ऐसा करने के लिए इसमें घातक ब्लीचिंग क्लेंज, कास्टिक सोडा, फोस्फेरिक एसिड का इस्तेमाल होता है. निर्माता को इसका बहुत लाभ होता है
क्योकि वो इस तरह खराब बीजों से भी तेल निकाल पाते है और उपभोक्ता इन सब बातों से
पुर्णतः अनजान होता है. इस तरह बना रिफाइंड पौषक तत्व रहित और जहरीला होता है और
यही कारण है जिनके कारण रिफाइंड को चीप कर्मशील तेल कहा जाता है.
कैसे
आता है तेल में जहर ( How Refined Changes into Toxic ) :
जब
भी किसी तेल को 200 डिग्री से अधिक तापमान पर गर्म किया जाता है तो उसमें एचएनई
नाम का एक जहरीला तत्व बनने लगता है. ये एक ऐसा तत्व है जो उत्तकों में प्रोटीन और
बाकी जरूरी तत्वों को हानि पहुंचाता है. इसके अलावा इसे स्ट्रोक, पार्किसन,
यकृत रोग, इत्यादि का जनक भी मानते है.
Refined Oil Causes Heart Problem Diabetes and Cancer |
आज
के समय में हर चिकित्सक का मनना है कि व्यक्ति के शरीर में ओमेगा 3 और ओमेगा 6
सामान्य अनुपात में होनी आवश्यक है. इसलिए हर गृहणी को सलाह है कि वे खाने में
रिफाइंड के स्थान पर कच्ची धानी का तेल, नारियल तेल, मूंगफली का तेल, सरसों का या फिर तिल का तेल ही
प्रयोग में लाना चाहियें क्योकि ये शरीर के लिए लाभदायी होते है. आप जैतून का तेल
भी इस्तेमाल कर सकते है हाँ ये थोड़ा महंगा जरूरी है.
रिफाइंड
तेल के अन्य हानिकारक प्रभाव और इससे होने वाले स्वास्थ्य नुकसानों के बारे में
अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
सेहत के लिए ख़तरा रिफाइंड |
सेहत
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