अखरोट
के गुणों से है अनजान ( Are You Unaware of Benefits of Walnuts )
प्रकृति
को जीवन भी कहते है और हमारे चारों तरफ प्रकृति ही है अर्थात जीवन है, बस जरूरत है
तो उस सही तरीके को जानने और पहचानने की जिससे हम प्रकृति से जीवन प्राप्त कर सके.
जब बात किसी चीज को जानने की हो तो सबसे पहले उसके गुण, अवगुण
और प्रभाव देखे जाते है, उसके बाद भी ये निश्चित किया जाता
है कि किस तरह उस चीज का प्रयोग कर लाभ उठाया जा सकता है. आज हम आपको अखरोट के ऐसे
ही कुछ ख़ास गुणों के बारे में जानेंगे.
अखरोट
से तो आप सभी परिचित है किन्तु आपमें से बहुत कम ही जानते होंगे कि इसकी 2
प्रजातियाँ पायी जाती है. CLICK HERE TO KNOW छुहारे की ये जानकारी आपको भी नहीं होगी ...
Laajawab Gunon se Bharpur Akhrot |
- जंगली अखरोट ( Wild Walnuts ) : इनकी ऊँचाई करीबन 150 से 200
फीट तक चली जाती है और इनके फल का छिलका भी अधिक मोटा होता है.
- कृषिजन्य अखरोट या कागजी
अखरोट ( Agricultural Walnuts ) : लेकिन कृषिजन्य अखरोट का पेट
मात्र 50 से 90 फीट तक की ऊँचाई का ही होता है. साथ ही इसके फलों पर आने वाला
छिलका भी पतला ही होता है इसीलिए कुछ लोग इसे कागजी अखरोट भी बोलते है.
पर्वतीय
देशों में पीलू उगायें जाते है जिन्हें वे अखरोट कहकर बुलाते है. वहीँ कुछ इलाके
ऐसे भी जहाँ अखरोटों को कर्पपाल कहकर भी बुलाते है. अफगानिस्तान में इनकी अधिक
मात्रा पायी जाती है. अगर अखरोट की वानस्पतिक पहचान की बात करें तो इसमें सफ़ेद
छोटे छोटे गुच्छेदार फुल लगते है, इसके फलों का आकार गोल होता है जिनके छिलके
काफी कठोर होते है, इसकी पत्तियाँ गोल लेकिन लंबी व मोटी
होती है. अखरोट की मींगी खाने में बादाम की तरह मीठी, मजेदार
और पौषक होती है इसीलिए इसे एक बेहतरीन मेवा माना जाता है.
अखरोट
की प्रकृति काफी गर्म व खुश्क होती है इसीलिए इसका सेवन वो लोग ना करें जिन्हें
पित्त की कोई समस्या है. किन्तु ये हृदय के लिए बहुत कोमल, तो मस्तिष्क
के लिए काफी पुष्ट होता है, ये शरीर में असामान्य ऊर्जा का
संचार करता है और बल प्रदान करता है. साथ ही इसे अनेक रोगों में प्रयोग में भी
लाया जाता है. इसके ऐसे ही कुछ ख़ास प्रयोगों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे
है. CLICK HERE TO KNOW मुनक्का दाख खाने के फायदे ...
लाजवाब गुणों से भरपूर अखरोट |
अखरोट
के घरेलू आयुर्वेदिक प्रयोग ( Home Aayurvedic Use of
Walnuts ) :
· पथरी ( Kidney Stones ) : अखरोट में कुछ ऐसे ख़ास तत्व
होते है जो पथरी को पिंघलाने में मदद करते है, फिर ये पथरी मूत्र मार्ग के
सहारे बाहर निकल जाती है. पथरी में अखरोट का प्रयोग करने के लिए अखरोट को उसके
छिलके के सहित ही पीसकर छान लें और उसके चूर्ण को संभालकर एक शीशी में रख लें. इस
चूर्ण को रोजाना सुबह व शाम 1 चम्मच की मात्रा में ठन्डे पानी के साथ ग्रहण करें.
ये उपाय पेडू में दर्द से पीड़ित रोगियों के लिए भी लाभदायी होता है.
· फुंसियाँ ( Pimples and Acne ) : खून रक्तशुद्धि में भी सहायक
है, अगर रक्त
शुद्ध होता है तो इससे शरीर पर फोड़े फुंसियाँ नहीं निकलती, त्वचा
शुष्क नहीं होती और ना ही किसी तरह का चर्म रोग होता है इसीलिए प्रतिदिन सवेरे 5
अखरोट अवश्य खाने चाहिए.
· स्तनों में दूध बढ़ाये ( Increases Breast Milk ) : कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद
छाती में दूध नहीं बनता, जबकि माता का दूध ही शिशु के लिए आहार होता है. इस समस्या से परेशान
माताएं 1 ग्राम गेहूँ की सूजी और 10 ग्राम अखरोट के पत्ते मिलाकर पिसें, इसके बाद इस मिश्रण से गाय के घी में पूरियाँ बनायें. इन पुरियों को 7
दिनों तक सेवन करने मात्र से उनकी छाती में पुनः दूध बनने लगता है.
Matchless Qualities of Walnuts |
· खांसी ( Removes Cough ) : खांसी में अखरोट का इस्तेमाल
करने के 2 तरीके है, पहले तरीके के अनुसार तो आपको अखरोट की गिरियों को भुनकर उसका चबा चबाकर
सेवन करना है. वहीँ दुसरे उपाय में आप अखरोट को उसके छिलके सही जलाकर राख कर लें,
इस राख की 1 ग्राम मात्रा में 5 ग्राम शहद मिलाएं और उसे चाटें,
जल्द ही उन्हें खांसी में आराम मिलता है.
· हैजा ( Cures Cholera ) : हैजा एक ऐसा रोग में जिसमें
शरीर में ऐठन पैदा होने लगती है और बाईटे आने लगती है. ऐसे लोगों को अखरोट का तेल
निकलवाकर उससे शरीर की मालिश करानी चाहियें ताकि उनकी मांसपेशियों को मजबूती मिले
और वे स्वस्थ रह सके.
· बवासीर ( Treats All Types of
Hemorrhoids ) : अर्श बवासीर या वादी बवासीर
होने पर अखरोट के तेल की पिचकारी भरें और उसे गुदा में लगायें. इससे सुजन कम होने लगती है और
दर्द मिटना आरम्भ हो जाता है. लेकिन खुनी बवासीर से परेशान लोगों को अखरोट के
छ्लकों से राख तैयार करनी है और दिन में 3 बार 3 ग्राम की मात्रा में दस्तावर औषधि
के साथ लें, जल्द ही लाभ मिलेगा.
अखरोट के गुणों से हो अनजान |
· मल मुलायम करें ( Makes Stool Soft ) : अगर मासिक धर्म में रुकावट
है तो 30 ग्राम अखरोट का तेल 250 ग्राम दूध में मिलाकर पी जाएँ. इससे मल मुलायम
होता है और आसानी से बाहर निकलता है.
· मासिक धर्म में रुकावट ( Removes Interruption in
Menstruation ) : वे महिलायें जिनके मासिक
धर्म में रुकावट है उन्हें अखरोट के छिलकों से 40 – 60 मिलीलीटर काढा तैयार करना
है और उसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3 – 4 बार पीना है.
किन्तु वे महिलायें जिनको मासिक धर्म ही आना बंद हो गया है उन्हें तुरंत 6 –
6 ग्राम की मात्रा में अखरोट के छिलकों, गाजर
व मुली के बीजों, कलवार के गुदे, वायविडंग
और अमलतास लेना है फिर उन्हें 2 लीटर पानी में डालकर पकाना है, जब पानी उबलना आरम्भ हो जाए तो मिश्रण में 250 ग्राम गुड भी अवश्य मिला
दें और जब आपको लगे कि पानी मात्र ½ लीटर बच गया है तो उसे उताकर छान लें और रोजाना
दिन में 2 बार ( सुबह शाम ) इसकी 50 ग्राम की मात्रा का सेवन करें. इस उपाय का
प्रयोग करने से ही महिला का रुका हुआ मासिक धर्म खुल जाता है.
· जोड़ों का दर्द ( Removes Joint Pain ) : जोड़ों के दर्द की समस्या एक
ऐसी समस्या है जो दिन प्रतिदिन बढती जा रही है, इससे परेशान लोगों को रोजाना
खाली पेट 5 – 5 ग्राम सौंठ और अखरोट की गिरी को एरंड के तेल
में पिसना है, फिर इस मिश्रण को गुनगुने पानी के साथ लेना
है. इसे रोगी व्यक्ति के घुटनों को मजबूती मिलती है और दर्द दूर होता है. अधिक लाभ
पाने के लिए आप अखरोट के तेल को जोड़ों पर लगाएं.
· आँखों की रौशनी बढाए ( Increase Eye Sight ) : सबसे पहले तो 3 हरड की गुठली
और 2 अखरोट लें और उन्हें जलाकर उनकी भस्म तैयार करें, अब इस भस्म
में पीसी हुई काली मिर्च मिलाएं और इस मिश्रण से अंजन करें.
Akhrot ke Faayde Laabh |
· मस्तिष्क की शक्ति ( Grow Mental Power ) : रोजाना दिन में 25 से 50
ग्राम की मात्रा में अखरोट खाने मात्र से मस्तिष्क खुद ब खुद सबल और सशक्त हो जाता
है. इससे मस्तिष्क की शक्ति में इजाफा होता है और बुलने की बिमारी भी दूर होती है.
इस उपाय का एक ख़ास लाभ ये है कि ये मानसिक तनाव को भी खत्म करता है.
· निर्बलता ( Remove Physical Weakness ) : ये एक ऐसा उपाय है जो बूढों
में भी जान भर देता है अर्थात वृद्धावस्था में भी लोगों में जान डाल देता है. इस
उपाय को अपनाने के लिए आपको 8 अखरोट की गिरी, 10 मुनक्का और 4 बादाम गिरी
रोजाना प्रातःकाल खानी है और उसके ऊपर दूध पीना है.
· आँतों के कीड़े मारे ( Removes Intestinal Worms ) : अगर बच्चों की आँतों में
कीड़े हो गये है तो उन्हें मारने के लिए बच्चे को शाम के समय 2 अखरोट खिलाएं और ऊपर
से दूध पिला दें. इससे उनको मल आएगा जिसमें कीड़े स्वतः ही बाहर निकल जायेंगे. एक
अन्य उपाय भी है जिसके अनुसार बच्चे को अखरोट की छाल का 70 ग्राम काढा बनाकर
पिलायें ये उपाय पेट के अंदर ही कीड़ों को मार देता है फिर उन्हें मल मार्ग से बाहर
निकलता है.
Akhrot ke Ghrelu Aayurvedic Prayog |
· गांठे ( Melt Body Knots or Tumor ) : अक्सर शरीर के कुछ हिस्सों
में गांठे पड जाती है जिन्हें मिटाने के लिए आपको अखरोट के पत्तों से 50 मिलीलीटर
काढा तैयार करना है और उस काढ़े से गांठों को धोना है, ये गांठों
को पिंघला देता है और आराम पहुंचाता है.
· दाद ( Removes Ring Worms ) : शरीर पर दाद होने पर
निर्नाबासी अर्थात बिना कुछ खाए पिए, बिना कुला मंजन किये ही 5 –
10 अखरोट की गिरियों को चबा चबाकर लेप बनायें और उस लेप को दाद पर
लगायें. इससे दाद कुछ ही दिनों में गायब हो जाता है.
अखरोट
के ऐसे ही अन्य लाजवाब घरेलू आयुर्वेदिक उपाय और प्रयोगों को जानने के लिए आप
तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Akhrot ke Hairatangej Kar Dene Wale Laah |
Laajawab
Gunon se Bharpur Akhrot, लाजवाब गुणों से भरपूर अखरोट, Matchless Qualities of
Walnuts, अखरोट
के गुणों से हो अनजान,
Akhrot ke Faayde Laabh, Akhrot ke Ghrelu Aayurvedic Prayog, Gunon ka Khajana
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- भारंगी के जीवनदायी प्रयोग
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