सांप
का जहर उतारे ये पौधा ( This Plant Will Cure Snake Poison )
जैसाकि
आप सभी जानते है कि साँप बहुत जहरीला होता है और उसके कांटने से जान भी जा सकती है
किन्तु एक पौधा है जिसे सांप के जहर का दुश्मन माना जाता है क्योकि वो तुरंत सांप
के जहर को उतार देता है. इस पौधे का नाम है अपराजित, जैसा इसका नाम वैसा इसका काम,
ये कभी जहर से नहीं हारता. अपराजित के पौधे में बहुत खुबसूरत फुल
लगते है जिनकी बेल बनाकर घर के बाहर लटकाई जाती है. ये बेल की तरह उगता है और इसकी
भी दो प्रजातियाँ है पहली जिसमें सफ़ेद फुल उगते है और दूसरी जिसमें नीले फुल आते
है. किन्तु साँप के जहर को उतारने में सफ़ेद फुल वाला अपराजित ही सक्षम होता है. अब
बात करते है कि ये जहर उतारने में किस तरह कार्य करता है. लेकिन आपको बता दें कि
ये जहर की स्थिति के अनुसार ही प्रयोग में लाया जाता है जो निम्नलिखित है. CLICK HERE TO KNOW सांप या सर्प के कांटने का उपचार ...
Saanp ke Vish ka Dushman Paudha |
· चमड़ी में जहर ( If Poison Affects Skin ) : सबसे पहले जहर चमड़ी में
फैलता है तो अगर जहर ने अभी सिर्फ चमड़ी को प्रभावित किया है तो आप अपराजिता की
सुखी जड़ से पाउडर तैयार करें और उसमें गाय का घी मिलाकर पीड़ित व्यक्ति को खिलाएं.
ध्यान रहें कि औषधि की मात्रा 12 ग्राम ही हो.
· खून में जहर ( If Poison Affects Blood ) : वहीँ अगर जहर खून तक पहुँच
गया है तो इसकी जड़ के पाउडर को दूध में मिलाकर रोगी को पिलाना चाहियें और यहाँ भी
पाउडर की मात्रा 12 ग्राम ही लें.
· मांस में जहर ( If Poison Affects Muscles ) : इसके बाद जहर मांसपेशियों
में घुसने लगता है और शरीर को शिथिल बनाना आरम्भ कर देता है किन्तु इस अवस्था में
भी आप अपराजिता का प्रयोग कर सकते है. इसके लिए आपको कुठ का चूर्ण और अपराजिता की
जड़ का चूर्ण 12 – 12 ग्राम की मात्रा में मिलाकर एक मिश्रण तैयार करना है और रोगी को पिलाना
है. CLICK HERE TO KNOW जहरीले डंक से बचने के उपाय ...
साँप के विष का दुश्मन पौधा |
· हड्डियों में जहर ( If Poison Affects
Bones ) : लेकिन जहर के हड्डियों में
पहुँचने के बाद आप 10 ग्राम हल्दी पाउडर और 10 ग्राम अपराजिता की जड़ के चूर्ण को
मिलाकर रोगी को दूध के साथ पिलायें. अगर चर्बी नीली पड़ने लग गयी है तो आप इस मिश्रण
में अश्वगंधा भी मिला लें.
इस
तरह अपराजिता की जड़ सांप के जहर को कहीं से भी निष्फल करने में सक्षम होती है.
इसकी एक ख़ास बात ये भी है कि सिर्फ दो खुराकों में ही ये सारे जहर को या तो बाहर
निकाल देगा या उसके प्रभाव को खत्म कर देगा. विज्ञान की माने तो साँप के अनुसार ही
उसके जहर का तोड़ किया जा सकता है किन्तु अपराजिता एक ऐसा पौधा है जो हर तरह के
सांप के जहर को निकालने में सक्षम है.
अपराजिता
के अन्य उपयोग ( Other Incredible Uses of Aparajita Plant ) :
वैसे
तो ये पौधा साँप के जहर को उतरने के लिए विख्यात है किन्तु इसको अन्य उपयोगों में
भी लाया जा सकता है. वैसे ये पौधा मुख्यतः ऐसे स्थानों पर पाया जाता है जहाँ कि
मिटटी में पानी अधिक हो जैसेकि बंगाल. इसकी पहचान इसके पत्तों और फूलों से की जा
सकती है क्योकि इसके पत्ते आगे से तो चौड़े और पीछे से सिकुड़े हुए होते है, वहीँ इसके
फूलों की आकृति स्त्रीकीयोनिके सामान होती है और यही वजह है
कि इसे भगपुष्पी और योनिपुष्पि के नाम से भी जाना जाता है.
The Enemy Tree for Snake Poison |
· पूजन में अपराजिता ( Aparajita in Prayer ) : अपराजिता के फूलों का
इस्तेमाल माता काली और नवदुर्गा के पूजन में विशेष रूप से किया जाता रहा है. बंगाल
में तो जहाँ जहाँ देवी काली का मंदिर है वहाँ अपराजिता की बेल भी जरुर होती है.
इसकी एक ख़ास बात ये भी है कि ये साल भर अपने फूलों से मंदिर की सुंदरता को बनाएं रखता
है, सिर्फ
गर्मियों के कुछ महीने ही इसमें फुल नहीं आते.
· प्रसव के दर्द में राहत ( Gives Relief in Labor Pain ) : जब किसी स्त्री का प्रसव
होता है तो उसे असहनीय पीड़ा होती है इस अवस्था में उनकी वेदना को कम करने के लिए
अपराजिता की बेल को उनके पेट पर बाँध दिया जाता है जिससे उनको दर्द में काफी आराम
मिलता है और उनका प्रसव आसानी से पूर्ण हो पाता है. इसकी इसी दर्द को सोखने की
ताकत और कांति प्रदान करने की क्षमता की वजह से ही वेदों में इसे विष्णुकांता (
सफ़ेद फुल वाले को ) और कृष्णकांता ( नीले फुल वाले को ) का नाम दिया गया है.
अपराजिता की बेल |
· दंश में राहत ( Gives Relief in Stings ) : ये ना सिर्फ सांप के दंश से
ही बचाता है बल्कि मधुमक्खियों, बर्र, ततैया या किसी
अन्य जहरीले जीव के काटने पर भी उपयोगी सिद्ध होता है. इनमे से किसी के भी काटने
पर आप पानी में अपराजिता के पत्ते डालें और उससे प्रभावित हिस्से को साफ़ करें.
वहीँ अगर बिच्छु ने काटा है तो आपको अपराजिता के पत्ते को काटी गयी जगह पर नीचे से
ऊपर की तरफ रगड़ना है.
· भुत बाधा मिटायें ( Removes Evil Effects ) : जब किसी व्यक्ति को भुत बाधा
आती है तो उसको अपना शरीर भारी लगने लगता है. इसके उपाय के लिए नीले फुल वाली
अपराजिता का इस्तेमाल किया जा सकता है जिसके लिए उसके फूलों को नीले कपडे में
बांधकर उसे गले में पहन लें. अगर आप शीघ्र ही लाभ पाना चाहते है तो आप इसकी पत्तियों
का रस निकालें और उसे अपने कानों में डालें. वहीँ अगर भुत बाधा की वजह से घर में
अशांति का माहौल है तो आप नीम के पत्ते और अपराजिता के पत्तों को जलाएं और पुरे घर
में धुँआ करें. इस तरह भुत बाधा घर से भी बाहर निकल जाती है और घर में शान्ति और
सकारात्मकता वास करती है.
Aprajita se Upchar |
· गर्भधारण ( Make Childless Women to Get
Pregnant ) : पुराने समय में दाईयाँ संतान हीन स्त्रियों को संतान की
प्राप्ति कराने के लिए अपराजिता का उपयोग करती थी. वे ऐसी स्त्रियों के मासिक घर्म
के बाद उन्हें 10 ग्राम की मात्रा में अपराजिता की जड़ का चूर्ण दूध के साथ पिलाती
थी. माना जाता था कि इस उपाय के 3 महीने के भीतर ही स्त्रियाँ गर्भधारण कर लेती
थी. इस उपाय में नीली अपराजिता का उपयोग किया जाता था.
· पशुओं की रक्षा ( Protect Animals from
Diseases ) : एक अन्य पुराने उपाय के
अनुसार सफ़ेद अपराजिता की पत्तियों और जड़ को बकरी के मूत्र के साथ पीसकर उनकी गोली
बनाई जाती थी. फिर इन गोलियों को सुखाकर उन्हें पशुओं के गले में बाँध दिया जाता
था, मान्यता के
अनुसार इस तरह पशुओं की बीमारियों से रक्षा होती थी और उनसे सभी बुरी नज़र उतर जाती
थी और ना ही कोई उन्हें चुराने के बारे में ही सोचता था. कुछ लोग तो इस उपाय को
वशीकरण के रूप में भी इस्तेमाल करते थे.
अपराजिता
के पौधे की जड़ के अन्य चमत्कारिक और अतुलनीय उपायों व प्रयोगों के बारे में अधिक
जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Aprajita Plant |
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Paudha, Aprajita se Upchar
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ReplyDeleteVishabel jo sharer par nikal aati hai us ka koyi elaj hai .... please contact me.... 9761287516
ReplyDeleteAprajit ka paudha (safed aur neela) kaha milega.
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