मादक
द्रवों का इलाज ( Treatment of Alcoholic Liquids )
आजकल
युवा पीढ़ी का मादक पदार्थ अर्थात नशीलें पदार्थों की तरफ झुकाव अधिक होता जा रहा
है, कुछ बच्चे
तो अपने स्कूल के जीवन में ही नशे के आदि हो जाते है और आप तो जानते ही है नशे की
आदत का लगना जितना आसान होता है उतना ही कठिन इस आदत से छुटकारा पाना है. किन्तु
आज हम आपको नशे की आदत से मुक्ति पाने के एक ऐसा रामबाण इलाज के बारे में बताने जा
रहे है जो हर तरह के नशे की लत को दूर करता है. CLICK HERE TO KNOW चरस गान्झा कैसे छोड़ें ...
Maadak Padarthon ke Sevan ki Rokthaam |
किसी
भी संकल्प को लेने से पहले इच्छाशक्ति की आवश्यकता बहुत जरूरी होती है. ये
इच्छाशक्ति आप किसी को स्मरण करके या किसी की कसम खाकर भी ले सकते है. सर्वोत्तम
होगा कि आप अपने इष्टदेव या गुरु का स्मरण करें और प्रतिज्ञा करें कि आप अपने नशे
की आदत से छुटकारा पाना चाहेंगे. इसके दो लाभ होंगे पहला तो उनका आशीर्वाद आपके
साथ होगा और दुसरा आप उनके सम्मान के लिए चाहकर भी नशे के पास नहीं जाओगे. इसके बाद
बचा हुआ सारा काम ये जादुई चमत्कारी औषधि कर देगी. इस औषधि का मुख्य काम नशे की
तलब को दबाना है. ये सिगरेट, बीडी, चिलम, सूखे तम्बाखू, चाय, अफीम और
कॉफ़ी इत्यादि सभी नशों पर असर करता है.
पारस
पीपल ( Paras Pipal )
पारस
पीपल एक ऐसा पेड़ है जो मादक द्रवों की लत से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है. ये
एक बड़ा और घना पेड़ होता है, इसके पत्ते भी दिखने में सामान्य पीपल के पत्तों की तरह ही होते है,
किन्तु इसपर फुल भिन्डी के फूलों के जैसे पीले आते है जो कुछ दिन
बाद सुख जाते है और गाढे गुलाबी रंग के होकर मुर्झाने लगते है. नशे की आदत से
छुटकारा पाने के लिए इसकी खुद उतरी हुई छाल का इस्तेमाल किया जाता है. CLICK HERE TO KNOW सिगरेट पिने के हानिकारक प्रभाव ...
मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम |
प्रयोग
( Usage ) : सबसे पहले तो छाल को धोकर
अच्छी तरह सुखाना है और उसे पीसकर मैदे जैसा बनाना है, अब उसे शीशी
में भर लें. इस चूर्ण की 12 ग्राम की मात्रा को 250 मिलीलीटर पानी में डालकर इस
तरह उबालें जैसे चाय बनायी जाती है. जब पानी पककर करीब 100 मिलीलीटर रह जाए तब आप
इस पानी को आंच से उतारें और छान लें. कुछ समय बाद पानी गुनगुना हो जाएगा तब आप
इसे पियें. इस उपाय को 15 दिनों तक नियमित रूप से अपनाएँ, इन
15 दिनों के अंदर ही आपको मादक द्रवों से नफरत होनी आरम्भ हो जायेगी. जब आपको लगे
कि आप नशीले पदार्थों से पूरी तरह दूर रहने लगे हो तो आप इस उपाय का प्रयोग बंद कर
दें. इसके स्थान पर आप 2 माह तक दिमाग दोष हरी नामक औषधि का सेवन करें.
पारस
पीपल के अन्य लाभ ( Benefits of Paras Pipal ) :
· बवासीर में आराम ( Cures Hemorrhoids ) : रोजाना पारस पीपल के 2 – 3 बीजों को
शक्कर और पानी के साथ खाने से बवासीर, सुजाक, संग्रहणी और पेशाब की गर्मी जैसी समस्याओं को दूर करता है.
· दाद खुजली ( Ringworm and Itches ) : वहीँ इसके पके हुए फलों को
राख में मिलाएं और एक लेप तैयार करे, इस लेप को उन स्थानों पर लगाएं
जहाँ दाद और खुजली हुई है, तुरंत आराम मिलेगा. आप इसके फलों
का काढा बनाकर भी पी सकते है.
· जोड़ों में दर्द ( Joint Pain ) : आप पारस पीपल के पत्ते लें
और उसे पीसकर गर्म कर लें, इस तरह एक लेप तैयार हो जाएगा. उस लेप से सुबह शाम जोड़ों की मालिश करें
जल्द ही जोड़ों के दर्द और सुजन में आराम मिलेगा.
Drug Abuse Prevention |
· दाद मिटाये ( Removes Ringworms ) : पारस पीपल में दाद नाशक तत्व
भी पाए जाते है. इसके फूलों के रस से बना लेप दाद को जड़ से खत्म करके राहत
पहुँचाता है.
· नारू रोग ( Naaru Diseases ) : नारू रोग में राहत पाने के
लिए आप इसके पत्ते लें और उन्हें गर्म कर लें, अब आप इसपर सरसों का तेल लगाएं
और रोग से ग्रस्त हिस्से पर लगाएं, ये तुरंत घाव और छालों को
भरकर उनको ठीक करता है.
मादक
पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए अन्य घरेलू आयुर्वेदिक उपाय तरीकों को जानने के
लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
बच्चों को नशीली दवाएं लेने से रोकें |
Maadak
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