आँख
नाक कान के रोगों का घरेलू इलाज ( Home Remedies for Ear
Nose and Eye Diseases )
अक्सर
आँखों नाक और कान में कोई ना कोई समस्या होती रहती है इसका कारण बदलता मौसम, आसपास का
परिवेश और रहन सहन होता है. किन्तु इनमे से कुछ ऐसे रोग भी है जो समय के साथ घातक
होते जाते है जैसेकि मोतियाबिंद, रतौंधी इत्यादि. ऐसे रोग ना
सिर्फ रोगी की स्थिति को दयनीय बनाते है बल्कि इनके उपचार में भी काफी खर्च आता
है. लेकिन आज हम आपको आँख कान और नाक के रोगों से मुक्ति के कुछ घरेलू आयुर्वेदिक
उपाय बताने जा रहे है जिनको अपनाकर आप खुद को स्वस्थ रख सकते हो.
आँखों
के रोग ( Eye Diseases ) :
· जाला बनना ( Eyesore ) : जिन व्यक्तियों या बच्चों की
नजर कमजोर है उन्हें 500 ग्राम प्याज का रस निकालना है और उसमें 50 ग्राम काला
सुरमा डालकर खरल करना है. इसके बाद आप सुरमें को छानें और शीशी में भर लें, ये सुरमा
आपको रोजाना सुबह शाम अपनी आँखों में सलाई की मदद से लगाना है. जल्द ही ये जाला
बनने, धुंध, रोहे और कमजोर नजर को ठीक
करता है. CLICK HERE TO KNOW मोतिझारा के निदान हेतु अपनायें ये उपाय ...
Aankh Kaan Naak ke Rogon ka Upchar |
· आँख की फुंसी ( Pimples in Eyes ) : यही आँखों में फुंसी अर्थात
गुहेरी हो गयी है तो आप आम के पत्ते तोड़ें उनमें से रस निकलेगा, उस रस को
आपको फुंसी पर ध्यान से और सावधानीपूर्वक लगाना है. इस तरह 2 से 3 दिन में ही
फुंसी ठीक हो जाती है. हो सकता है कि फुंसी वाली जगह पर थोडा कालापन हो जाएँ
किन्तु वो भी कुछ दिनों में खुद ब खुद ठीक हो जाएगा.
· रतौंधी ( Night Blindness ) : रतौंधी से तात्पर्य आँखों के
उस रोग से है जिसमें पीड़ित व्यक्ति को रात के समय दिखाई देना बंद हो जाता है. इस
रोग से पीड़ित व्यक्ति रोजाना सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले 20 ग्राम गुड
में 10 नीम की ताज़ी पत्तियाँ पीसकर मिलाकर खाएं. मात्रा 15 दिनों में ही आपको आराम
मिलने लगेगा.
· मोतियाबिंद ( Cataract ) : मोतियाबिंद में रोगी को
धुंधला दिखने लगता है इसका रोग आयुर्वेद में है जिसके अनुसार आप 35 ग्राम सफ़ेद
फिटकरी, ½ ग्राम नीला थोथा, 6 ग्राम
छोटी इलायची लें और तीनों को अच्छी तरह पीसकर मिला लें और इन्हें छानें. इसके बाद
आपको एक 750 ग्राम की बोतल लेनी है और उसमें इस मिश्रण को डालना है, साथ ही बोतल को आप गंगा जल से भरकर 10 दिनों तक रख दें. रोजाना बोतल को 4
से 5 बार हिलाते रहें ताकि मिश्रण अच्छी तरह मिल सके. 11वें दिन आपकी दवा तैयार हो
जाती है, इसका उपयोग आपको रात को सोते वक़्त करना है, हर आँख में मिश्रण की 2 बूंदें ही डालें. जल्द ही आपको मोतियाबिंद से राहत
मिलेगी.
· आँखों की रौशनी कम होना ( Weak Eye Sight ) : 250 ग्राम दूध लें और थोड़ा
शुद्ध देशी घी मिलाएं. इसका सेवन करने के लिए आपको अछ्वा गाय का ताजे घी में मिश्री
मिलानी है और फिर इस औषधि को ग्रहण करना है. CLICK HERE TO KNOW साइनस के उपचार के घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे ...
आँख कान नाक के रोगों का उपचार |
एक
अन्य उपाय के अनुसार 1 ग्राम काली मिर्च, 3 ग्राम हल्दी, 2 ग्राम हरड और कुछ बूंदें गुलाबजल की मिलाकर एक लेप तैयार करें और उसे
आँखों पर लगाएं. जल्द ही आँखों की रौशनी वापस आती है.
· आँख दुखना ( Eye Pain ) : आँख दुखनी आना सामान्य बात
होती है, इससे राहत पाने के लिए भी कुछ सामान्य उपायों को ही अपनाना पड़ता है जैसेकि
एक रुई के फोहे पर थोड़ी सी दूध की मलाई रखें और उसे आँखों पर बांधें. इसके अलावा
आप पानी में हल्दी मिलाएं और पानी में कपड़ा डुबोकर आँखों पर रखें इससे भी जल्द
आराम मिलता है. आप चाहे तो गेंदे के पत्ते पीसकर उसका लेप बनाएं और उस लेप को
आँखों पर टिकिया की तरह बनाकर बांधें. गर्म पानी में थोडा जस्ते का फुला डालकर
आँखों को सेंकने से भी जल्द आराम मिलता है.
· आँखों की जलन ( Irritation in Eyes ) : आँखों में जलन होने पर आप
अनार के पत्तों को पानी में पीस लें और उसकी टिकिया बनायें. इस टिकिया को आप रात
को सोते वक़्त अपनी आँखों पर बांधकर सो जाएँ. सुबह तक आपकी आँखों की सारी जलन और
दुखन दूर हो जायेगी.
· आँखों की सुजन ( Inflammation in Eyes ) : वहीँ आँखों में सुजन होने पर
आप पान वाली सुपारी को घिसकर एक पेस्ट बनाएं और उसे आँखों पर लगाएं. तुरंत आँखों
की सुजन में आराम मिलेगा.
Treatment of Eyes Ears and Nose |
कान
के रोग ( Ear Diseases ) :
· कान का बहना ( Outflow of Ear ) : बच्चे को बहते कान में राहत
दिलाने के लिए आप चूने के पानी को ड्रॉपर के रूप में इस्तेमाल करके उसके कानों में
डाल सकते हो. ध्यान रहे पानी की 1 या 2 बूंद ही कान में डालें. इसके अलावा आप
अजवायन को गाय के शुद्ध देशी घी में अच्छी तरह पकाएं और उसके गुनगुना होने पर 2
बूंदें कान में डालें.
· कान में दर्द ( Ear Pain ) : अगर बच्चे के कान में दर्द
है तो माँ को अपने दूध में समान मात्रा में कद्दू के रस को मिलाना है और उसको
बच्चे के कान में टपकाना है.
इसके
स्थान पर आप आम के पत्तों का रस पकाकर उसे भी कान में डाल सकते हो लेकिन ध्यान
रहें की रस को तभी कान में डाले जब वो गुनगुना हो जाएँ.
अदरक
के रस में थोडा सा नमक और शहद मिलाकर, कानों में गुनगुना करके
इस्तेमाल करने से भी आराम मिलता है.
अगर
कान में अधिक दर्द है तो चुकंदर के पत्तों का रस निकालकर रख लें और हर 3 घंटे में
रस की 2 बूंदें कानों में डालें.
· बहरापन ( Deafness ) : लेकिन अगर आपको बहरापन महसूस हो
रहा है तो आपको 45 ग्राम कडवे बादामों का तेल लेना है और उसमें 12 लहसुन की कलियाँ
तब तक पकानी है जब तक वे जल ना जाएँ. उसके बाद आप तेल को कलियों से अलग करने के
लिए उसे छान लें और तेल के गुनगुना होने पर 2 बूंदें कानों में डालें. इस तरह आप
तेल को रोजाना गुनगुना करके इस्तेमाल करें जल्द ही आपका बहरापन दूर हो जाएगा.
मुहँ के छालों का रामबाण इलाज |
· कान की सम्पूर्ण देखभाल ( Complete Care of Ear ) : कान की सम्पूर्ण देखभाल के
लिए आप 10 ग्राम सरसों के तेल में 10 ग्राम रतनजोत मिलाकर पकाएं. जब मिश्रण जलना
शुरू कर दें तो आप इसे छानें और एक शीशी में भर लें. इस तेल को आपको कानों में
सोते वक़्त डालना है. देखें आपकी कानों की हर बिमारी दूर हो जायेगी.
· कान की सफाई ( Clean Ear ) : जिन व्यक्तियों के कानों में
गंध जमा हुआ है वे 20 माशा फिटकरी और 1 माशा हल्दी को मिलाकर पीसकर रख लें. अब
कानों की पहले रुई से सफाई करें और फिर इस मिश्रण की 2 रत्ती दवा के रूप में कान
में डालें.
नाक
के रोग ( Nose Diseases ) :
· नजला ( Catarrh ) : नजले या पुराने जुखाम को दूर
करने के लिए आपको भुने हुए चनों का 100 ग्राम आटा, 20 – 20
ग्राम मलाई और रबड़ी व 4 ग्राम असली अमृतधारा मिलाकर एक मिश्रण बनाना है. इस मिश्रण
को आप रोजाना दिन और रात दोनों वक़्त खाना खाने के बाद लें, ये
उपाय नजले का रामबाण इलाज माना जाता है.
· नाक से दुर्गन्ध ( Stench Nose ) : मुहँ के अलावा कई बार नाक से
भी दुर्गन्ध आने लगती है. ऐसी अवस्था में आप कद्दू का रस नाक में टपकायें, जल्द ही
दुर्गन्ध दूर हो जायेगी.
Rataundi Motijhaare ka Achuk Ilaaj |
· नकसीर ( Hemorrhage ) : अगर कोई नाक से खून आने की
समस्या अर्थात नकसीर से परेशान है तो उन्हें मेहँदी की ताज़ी पत्तियों को पानी से
पिसना है और उससे तलवों की मालिश करनी है इससे शरीर की गर्मी कम होती है और नकसीर
में राहत मिलती है. एक अन्य उपाय के अनुसार आप छोटी काटेरी के पत्तों का रस निकाल
लें और उसकी 2 बूंदें नाक में टपकायें. ये उपाय भी शीघ्र आराम दिलाता है.
· जुखाम ( Cold ) : जुखाम होने पर आपको 5 - 5
ग्राम अदरक और तुलसी का रस लेना है और उसमें 10 ग्राम शहद का रस मिलाकर एक मिश्रण
तैयार करना है. इस मिश्रण को आप 1 ग्लास दूध में 5 काली मिर्च डालकर पकाएं और
गुनगुना होने पर उसका सेवन करें.
अगर
जुखाम सर्दी की वजह से है तो आपको अडूसे के पत्तों से काढा तैयार करके पीने से
तुरंत आराम मिलता है.
· मुहँ में छाले ( Mouth Ulcer ) : अगर मुंह में छाले हो गए है
तो आप 2 ग्लास पानी में 2 चम्मच हल्दी मिलाकर उसे खूब पकाएं. इसके बाद पानी को
ठंडा होने के लिए रख दें और उससे गरारे करें जल्द ही मुहँ के छलों में आराम मिलता
है.
मुहँ
के छालों को ठीक करने के लिए पेट का सही होना भी अनिवार्य होता है उसके लिए आप रात
को सोने से पहले 1 कप गर्म दूध में ½ चम्मच देशी घी डालकर पी जाएँ, अगले दिन
आपका पेट अच्छी तरह साफ़ हो जाएगा और आपके छाले भी ठीक हो जायेंगे.
आँख
कान और नाक के अन्य रोगों और उनके घरेलू आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में अधिक
जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Bahrapan Dur Karne ka Aayrvedik Upay |
Aankh
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Upay, Najlaa Naksir mein Raahat Dilayen ye Nuskhe, मुहँ के छालों का रामबाण
इलाज
- मृत्यु के अनसुने राज
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