कैसे आएगी सुखपूर्वक नींद ( How to Sleep Relaxed )
चिंता और भागदौड़ से भरे इस युग में लोगों का सोना तक हराम हो चुका है. हर
व्यक्ति अनिद्रा, कम नींद आने और सोने
का समय ना मिलने की समस्या से जूझ रहा है. लेकिन इसके पीछे भी इन व्यक्तियों की ही
गलती है क्योकि ये सब नींद को भगाने के लिए बार बार चाय या कॉफ़ी का सेवन करते रहते
है, ये एक तरह से सेहत के प्रति
खिलवाड़ है. ऐसा नहीं करना चाहियें, अपने शरीर को स्वस्थ
रखने के लिए आप उसे जरूरी समय दें और अगर आप अच्छी नींद लेते है तभी तो अगले दिन
आपके शरीर में कार्य करने के लिए ऊर्जा और प्रोत्साहन बना रहता है. पूरी नींद ना
लेने से आपका वैसे ही कार्य में मन नहीं लगेगा. CLICK HERE TO KNOW टेंशन चिंता का इलाज नींद ...
Yog Nidra se Milegi Sukhpurvak Nind |
कच्ची नींद ( Lack of Sleep ) : कच्ची नींद से
तात्पर्य उस नींद से है जब आप सोते तो है किन्तु बीच बीच में कोई ना कोई आपको
परेशान करके उठा देता है उदहारण के लिए आप कार्य करने के बाद बोझिल महसूस कर रहे
है तो ऐसी नींद आपको सोने नहीं देती बस आप बिस्तर पर पड़े रहते है और होशों हवास
में सपने देखते रहते हो. ठीक इसी तरह अगर आपको खर्राटें लेंने की आदत है तो सांस
के रुकते ही आपकी नींद खुल जाती है, वहीँ कभी कभी आप
इतना देर से सोते हो कि जब आपको नींद आने लगती है तभी आपका अलार्म भी बज जाता है.
इन सभी हालातों में आपकी नींद पूरी नहीं होती.
कच्ची नींद के प्रभाव ( Effect of Lack of Sleep ) : वैसे तो कहा जाता
है कि व्यक्ति को रोजाना 7 से 8 घंटे नींद अवश्य लेनी चाहियें. किन्तु कई बार ऐसा
होता है कि आप इतनी नींद लेंने के बाद भी थकान महसूस करते रहते हो. इसका कारण भी
कच्ची नींद ही होती है. ये एक ऐसी अवस्था है जब व्यक्ति का स्वभाव चिडचिडा हो जाता
है, उनको बेवजह तनाव महसूस होती
है और बिस्तर पर पड़े पड़े करवटें बदलते रहते है. कुछ लोगों का तो थकान की वजह से
शरीर ही अकड जाता है. इसलिए वे बार बार पानी या शौचालय की तरफ भागते रहते है. CLICK HERE TO KNOW खुश कैसे रहें ...
योग निद्रा से मिलेगी सुखपूर्वक नींद |
नींद का पूरा ना होना आपको अनेक तरह के रोगों ( जैसेकि साइनस, अनिद्रा, श्वास रोग, जुखाम और सिर दर्द
इत्यादि ) से ग्रसित कर सकता
है, इनसे बचने का एकमात्र उपाय
है और वो है योग निद्रा. योग निद्रा एक चमत्कारिक औषधि की तरह कार्य करती है और
धीरे धीरे व्यक्ति को आध्यात्म की तरफ बढ़ाती है जिससे उसे मानसिक शांति भी मिलती
है और उसका तनाव दूर हो जाता है. इस तरह उसे सुखपूर्वक नींद का आभास होता है.
· योग निद्रा ( Yogic Sleep ) :
योग निद्रा को आप एक ऐसी स्थित के रूप में देख सकते हो जिसमें लोग जागते जागते
सोता है. अर्थात ये सपने देखने और जागरण दोनों के बीच की स्थिति मानी जाती
है. इसीलिए इसे अर्धचेतन भी कहा जाता है. सभी देवगन भी योग निद्रा में ही
विश्राम करते अथवा सोते है. योग निद्रा को एक अन्य नाम आध्यात्मिक निद्रा
के नाम से भी जाना जाता है क्योकि ये मनुष्य और ईश्वर के बीच में संपर्क
स्थापित करती है.
What to Do for Relaxed Sleep |
· कैसे लें योग निद्रा
( Process of
Yogic Sleep ) :
योग निद्रा लेने के लिए आप आराम से अपने बिस्तर पर लेट जाएँ और अपने शरीर को
किसी चद्दर से ढकें, अगर आपके शयनकक्ष
में रौशनी अधिक है तो आप रौशनी को कम कर दें या अपनी आँखों पर गाढ़े रंग का कपड़ा
डाल लें. इसके बाद आपको अपना सारा ध्यान अपनी श्वासों पर केन्द्रित करना है. योग
निद्रा के सर्वश्रेष्ठ अनुभव को महसूस करने के लिए आप सोने से पहले कपाल भाँती
प्राणायाम करें और नाक पर थोडा घी या फिर तेल लगाएं.
जब आप अपने श्वास पर ध्यान केन्द्रित कर रहे होंगे तो आपको अनेक तरह के विचार
आयेंगे आप उन्हें आने दें, किन्तु उनपर कोई
प्रतिक्रिया बिलकुल ना दें. साथ ही जब आप सांस अंदर ले रहे हो तो अपने पेट को
फूलता हुआ महसूस करें और जब छोड़े तो आपका पेट अंदर जाता महसूस होना चाहियें. इसके
बाद आपको अपने शरीर के हर अंग पर अपना ध्यान केन्द्रित करना है और उन्हें शिथिल
अर्थात सुन्न करना है. इसकी शुरुआत आप अपने पैरों के अंगूठों से करें. कुछ देर तक
सुन्न अवशया में ही रहें.
अब आपको अपनी दोनों आँखों को धीरे धीरे खोलना है और अपने पैरों के अंगूठों और
हाथों की उँगलियों को हिलाकर उन्हें फिर से सक्रिय करना है. अब आप दाई तरफ करवट
लें और बाएं हाथ से पुरे शरीर की हल्की मालिश करें, इस तरह 10 से 25
मिनट मालिश करने से आपके शरीर योग निद्रा के लिए तैयार होता है. इसके बाद आप अपनी
आँखें बंद करके विश्राम करें.
योगनिद्रा विधि |
· योग निद्रा मानसिक
जप का आधार ( Yogic Sleep as
a Base of Mental Chanting ) :
योग निद्रा के पूर्ण लाभ के लिए जरूरी है कि आप इस प्रक्रिया को करीब 3 हफ़्तों
तक अपनाएँ. इसके बाद जब आप योगनिद्रा की मदद से आध्यात्म की तरफ बढना चाहें तो आप
इसे एक मानसिक जप के रूप में अपनाएँ. इसके लिए आपको ऊपर बताई गयी योग निद्रा को
करने के बाद निम्न तरह से अभ्यास करना है.
योग निद्रा का अभ्यास करने के बाद जब आपको लगे कि आपको नींद आ रही है तो आप
अपने इष्ट देव के मंत्र का जप, अपने गुरु के मंत्र
का जप करें, वहीँ जिन लोगों का न कोई इष्ट देव है और ना ही
उन्होंने कोई गुरु बनाया है वे “ ॐ नमः
शिवाय ” का जप करें. इस
मंत्र को सभी मन्त्रों में सबसे अधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है. जब आप
सोने की अवस्था में इस मंत्र का जाप करते हो तो ये आपके दिमाग में सेट हो जाता है
और सुबह तक आपके मन में चलता रहता है. इसलिए जब आप सुबह उठते हो तो आपको महसूस
होता है कि आपने सारी रात इस मंत्र का जाप किया है. इस तरह आपकी एक तपस्या होती है
और आप धीरे धीरे ईश्वरीय शक्ति की तरफ चले जाते है. योग निद्रा की सफलता के लिए
जरूरी है कि आपका योग निंद्रा और ईश्वर पर पूरा विश्वास और श्रद्धा हो.
तो इस तरह आप भी योगनिद्रा की मदद से सुखपूर्वक नींद और आध्यात्मिक नींद का
आनंद उठा सकते है. शरीर को तनाव से बचने और सोने की सही दिशा व सोने के महत्व के
बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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