पीपल के औषधीय गुण ( Medical Property of Pipal Tree )
जब भी पीपल के पेड़ की बात होती है तो इस पेड़ के प्रति श्रद्धा भाव अपने आप आ
जाता है क्योकि ये कहीं ना कहीं हमारी आस्था से जुडा है और ऋषि मुनियों ने भी हमेशा
इसी पेड़ के आसपास ही अपनी समाधि करने, धुनी रमाने और
कुटिया बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना है. माना जाता है कि ये पेड़ ज्ञान प्रदान
करता है और जहाँ पीपल का पेड़ होता है वहाँ प्राणवायु भी वास करती है. हर ऋषि मुनि
पीपल के पेड़ की टहनियों को जलाकर उसकी राख को अपने शरीर पर मलना पसंद करता है
क्योकि उनका मानना है कि इससे उनको दीर्घायु प्राप्त होती है. CLICK HERE TO KNOW अशोक मिटाये शोक ...
Vibhinn Rogon ke Upchar ke Liye Pipal |
अधिकतर हम सभी पीपल को ऐसा पेड़ मानते है जिसका उपयोग टोने टोटकों के लिए लिए
किया जाता है, कुछ लोग तो इसके पास आने से
भी डरते है क्योकि उन्हें लगता है कि इस पेड़ पर भुत भी रहते है. किन्तु आपको बता
दें कि पीपल के पेड़ का हर हिस्सा हमें निरोगी जीवन प्रदान कर स्वस्थ और दीर्घायु
बनाता है. किन्तु आज के व्यक्ति पीपल के पेड़ के मूल्यों और गुणों को अनजान है, इसीलिए वो ईश्वर द्वारा दी गयी इस अनुपम भेंट का लाभ नहीं उठा पाता. किन्तु आज
हम आपको इसके सभी मूल्यों और गुणों से अवगत करा रहे है और आपको बता रहे है कि आप
पीपल को किन किन बिमारियों में इस्तेमाल कर सकते हो.
इन रोगों में अपनायें पीपल ( Pipal Tree can Treat These Diseases ) :
अपच ( Indigestion ) : जब व्यक्ति को अपच
सताती है तो उसे इसके साथ साथ कुछ अन्य रोग भी अपना शिकार बना लेते है जैसेकि पेट
दर्द होना, मन मचलना, उल्टियाँ होना, गैस बनना, खट्टी डकारें, मरोड़े होना, जलन और भूख का मरना इत्यादि.
उपचार ( Treatment ) : इस स्थिति में आप 5
– 5 ग्राम काली मिर्च, जीरा, सेंधा नमक, 10 ग्राम सौंठ और 20 ग्राम पीपल के फल लें और उन्हें अच्छी तरह सुखाकर पीस
लें. आपको इस चूर्ण की 1 चम्मच रोजाना दिन में 2 बार गर्म पानी के साथ लेनी है. CLICK HERE TO KNOW गियोल अमृता औषधीय और आयुर्वेद का खजाना ...
विभिन्न रोगों के उपचार के लिए पीपल |
आप 10 – 10 ग्राम की मात्रा में
पीपल की छल, अजवायन और छोटी हर्र लें, इसमें आप 2 रत्ती हिंग भी मिला लें. सारी सामग्री का आपको पीसकर पाउडर तैयार
करना है और रोजाना उस चूर्ण की ½ चम्मच को पानी के साथ लेना है.
एक अन्य उपाय के अनुसार आप 4 पीपल के फल, 8 लौंग, 2 हरड और 2 चम्मच सेंधा नमक लें. आप इन सभी को भी पीसकर चूर्ण बनायें और
रोजाना दिन में 2 बार खाना खाने के बाद इसका सेवन पानी के साथ सेवन करें.
इसके अलावा आप पीपल के कुछ पत्तों को धुप में सुखाएं. जब उनकी सारी नमी निकल
जाएँ तब आप उन्हें पिस लें और चूर्ण बनायें. इस चूर्ण की 1 चम्मच को आप रोजाना
सुबह शाम शहद के साथ लें. जल्द ही आपको सभी तरह के पेट विकारों से राहत मिलेगी.
अजीर्ण ( Dyspepsia ) : ये एक ऐसी अवस्था है
जिसमे आपका पेट हर वक़्त भारी भारी सा रहता है. आपको भूख तो खूब लगती है किन्तु जब
खाने का प्रयास करते हो तो खाना खाया नहीं जाता. कुछ लोगों के तो मुंह में लार तक
आने लती है.
उपचार ( Treatment ) : इस समस्या से बाहर
निकलने के लिए आपको 8 पीपल के फलों को सुखाना है और उनका पाउडर बनाना है. इसके बाद
आप इसमें 2 चम्मच अजवायन, 1 – 1 चम्मच हिंग और सौंठ भी डालें, इनके ऊपर आप थोडा
काला नमक छिड़क दें. तैयार मिश्रण को आपको रोजाना 2 बार ग्राम पानी के साथ लेना है.
ध्यान रहें कि मिश्रण की मात्रा 1 चम्मच हो.
Use Pipal Tree in Many Diseases |
अम्लपित ( Acidity ) : अगर आप ऐसे भोजन का
सेवन करते है जिसको पचाने में आपके पाचनतंत्र को अधिक मेहनत करनी पड़ती है तो वो
आपके पेट में अम्लीयता को बढ़ना में मदद करते है. इससे आपके सीने में दर्द होना
आरम्भ हो जाता है, आँतों में घाव बनने
आरम्भ हो जाते है. इसलिए अधिक तेलिया और मसालेदार खाने से दूर ही रहना चाहियें.
उपचार ( Treatment ) : अम्लपित से मुक्ति
पाने के लिए आप पीपल की कोपलें इस्तेमाल करें और उनमें ½ चम्मच मुलेठी का चूर्ण और
2 रत्ती बच का चूर्ण मिलाएं. इन तीनों का मिश्रण एक चटनी तैयार करता है. इस चटनी
में आप थोडा शहद डालकर इसका सेवन करें.
आप 50 ग्राम मुनक्का, 25 ग्राम सौंफ, 10 पीपल के फल और 5 ग्राम काला चम्मच एक कटोरी में मिला लें और उन्हें मुसल की
मदद से पिसें. तैयार पाउडर को आपको 1 चम्मच की मात्रा में रोजाना खाना खाने के बाद
लेना है.
एक अन्य उपाय में आप 10 – 10 ग्राम, सफ़ेद जीरा, धनिया और 4 सूखे पीपल के फल
लें. अब्ब आप इन सबको अच्छी तरह कूटकर चूर्ण तैयार करें. इस चूर्ण को 1 चम्मच की
मात्रा में रोजाना खाना खाने से पहले गर्म पानी के साथ लें. जल्द ही आपको अम्लपित
से मुक्ति मिल जायेगी.
पीपल के अनमोल मूल्य और गुण |
गैस ( Gas ) : सामान्यतः जब भी पेट
विकार होते है तो उनसे सबसे पहले पेट में गैस बननी ही आरम्भ होती है और पेट
विकारों के होने का मुख्य कारण होता है विशुद्ध खाना. किन्तु अगर गैस पेट में अधिक
भर जाएँ तो ये कष्टकारी भी सिद्ध हो सकती है. क्योकि इससे नाड़ियों की गति तेज होती
है जो रक्तचाप को बढ़ावा देता है, अधिक तबियत खराब
होने पर आपको चक्कर आने भी आरम्भ हो जाते है.
उपचार ( Treatment ) : गैस बनने की स्थिति
में आप 2 – 2 रत्ती बच व हिंग की लें
और उसमें 4 रत्ती काला नमक और 10 ग्राम पीपल की छाल मिला लें. अब आप सारी सामग्री
को धुप में सूखने के लिए रख दें और सुखने के बाद उन्हें पिसें. इस चूर्ण को आप
रोजाना ½ चम्मच की मात्रा
में गर्म पानी के साथ लें. आपको जल्द ही आराम मिलेगा.
आप छाछ के साथ पीपल के पत्तों का पाउडर और राई के चूर्ण का मिश्रण भी ले सकते
है. इसे भी आपके पेट की सारी गैस बाहर निकल जाती है जिससे आपको जल्द ही आराम मिलता
है.
अतिसार ( Diarrhea ) : अतिसार से तात्पर्य
पतले दस्त से होता है इसके होने की मुख्य वजह गलत खान पान, पाचन तंत्र का खराब होना, पेट में कीड़े होना, अशुद्ध जल और यकृत की खराबी होता है. अतिसार के लक्षणों को पहचानने के लिए आप
देखें कि दस्त से पहले आपको पेट में दर्द होता है या नहीं और दस्त में आपको
पिचकारी आ रही है क्या, इसके अलावा इस
स्थिति में आपकी आँखें भीतर की तरफ चली जाती है और पीली भी पड जाती है. कुछ दिनों
में आपके शरीर की सारी शक्ति खत्म हो जाती है.
Pipal Kitni Bimariyon mein Hai Labhkaari |
उपचार ( Treatment ) : आप पीपल के कुछ पत्ते
और खजूर को लें और उनकी चटनी तैयार करें. इस चटनी को आप हर घंटे खाते रहें. 2 से 3
दिनों में ही अतिसार दूर हो जाएगा.
आप 6 – 6 ग्राम की मात्रा में पीपल
और नीम की कोपलें लें और उसमें 6 ग्राम ही बाबुल के पत्ते भी मिला लें. आप सारी
सामग्री को सुखाएं और उसे पिस लें. तैयार चूर्ण में आप इतना शहद मिलाएं कि उसकी
चटनी तैयार बन जाएँ. आप इस चटनी को 3 बराबर हिस्सों में बाँटे और 1 हिस्सा सुबह, 1 दोपहर और अंतिम को रात के समय लें. आपके अतिसार खत्म हो जायेंगे.
तो आप भी पीपल के औषधीय गुणों को जानकर उसका लाभ उठा सकते है. पीपल के पेड़ के
ऐसे ही अन्य मूल्य और गुणों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी
हासिल कर सकते हो.
Pipal ke Vriksh ki Visheshtayen |
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