साइनस का अर्थ परिचय ( Meaning and Introduction of Sinus )
वैसे तो साइनस नाक एक आसपास के छिद्रों को कहा जाता है किन्तु इसका संक्रमण एक
रोग है जिसे भी साइनस ही कहते है ये रोग नाक को प्रभावित करता है, इसमें नाक अवरुद्ध हो जाती है साथ ही सारा दिन नाम से कफ का बहाव बहता रहता
है. अगर इसका जल्द ही इलाज ना किया जाए तो ये दुष्ट प्रतिश्याय में बदल जाता है.
आयुर्वेद में साइनस को प्रतिश्याय कहा जाता है. साइनस से जुडी एक आम धारणा ये भी
है कि इसमें नाक की हड्डी बढ़ने लगती है या फिर उसकी आकृति तिरछी हो जाती है. इस
स्थिति में रोगी श्वास लेने में असहज महसूस करने लगता है और जब भी वो ठंडी या धुल
मिटटी से भरी जगह जाते है तो उनको सांस लेने में बहुत परेशानी होती है. CLICK HERE TO KNOW माइग्रेन कारण और लक्षण ...
Sinus ke Upchar ke Ghrelu Aayurvedic Nuskhe |
साइनस के लक्षण ( Symptoms of Sinus ) :
जब कभी साइनस संक्रमित होता है तो इसके लक्षणों को आँखों और माथों पर साफ़ तौर
से महसूस किया जा सकता है.
· सिर दर्द ( Headache ) : इस दर्द में अगर आप
लेटना भी चाहो तो आपको तेज सिरदर्द होने लगता है.
· पलकों के ऊपर दर्द ( Pain over Eyes ) : आपको ऐसा महसूस हो
रहा होता है कि आपकी आँखें अपने आप बंद हो रही है, आँखों के ऊपर इतना
दर्द होता है कि आप अपनी उँगलियों से अपनी आँखों को खोलने की कोशिश करते हो.
· आधासीसी ( Migraine ) : अगर ये अपने अगले
चरण में चला जाएँ तो आपको आधासीसी का दर्द आरम्भ हो जाता है अर्थात आपको आधे सिर
में दर्द रहने लगता है.
· नाक बंद होना ( Nasal Congestion ) : इसे आप साइनस का
प्रमुख लक्षण मान सकते है क्योकि साइनस सीधे रूप से नाक को ही प्रभावित करता है और
उसे बंद करके रोगी की हालत खराब करता है.
· नाक से पानी गिरना ( Water from Nose ) : क्योकि नाक में काफ
जम जाता है तो नाक से पानी आना भी आरम्भ हो जाता है. CLICK HERE TO KNOW सोरायसिस से बचने के घरेलू आयुर्वेदिक उपाय ...
साइनस के उपचार के घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे |
· हल्का बुखार ( Mild Fever ) : जब व्यक्ति को सिर
दर्द, बंद नाक और आंखों में भारीपन रहने लगता है तो
उसके शरीर में निरंतर ताप बना रहता है जिसे बुखार का नाम दे दिया जाता है.
· सुजन ( Swelling ) : रोगी इस बिमारी से
इतना परेशान और तनाव ग्रस्त हो जाता है कि उसके मन में निराशा छा जाती है जो सुजन
के रूप में उसके चेहरे से साफ़ दिखाई देने लगती है. सुजन का एक कारण झिल्ली में
सुजन भी होता है.
साइनस के रोग की एक खास बात ये भी है कि इसके अगले चरण इससे भी भयंकर और गंभीर
रोग लाते है जैसेकि अस्थमा, आधासीसी, सिर में नासूर इत्यादि. वैसे तो साइनस में अधिकतर लोग ऑपरेशन का सहारा लेते है
किन्तु इसमें बहुत खर्चा होता है और इसके सफल होने की संभावना भी बहुत कम होती है
इसलिए इसके इलाज के लिए आयुर्वेद को ही सर्वोत्तम माना जाता है, आज हम आपको कुछ ऐसे ही घरेलू आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे है जिनको अपनाकर आप
साइनस के रोग को तुरंत दूर कर सकते हो.
साइनस के घरेलू आयुर्वेदिक उपाय ( Home Aayurvedic Tips to Cure Sinus ) :
· मेथीदाना ( Fenugreek Seeds ) : साइनस को भागने के
लिए आप 1 कप पानी में 1 चम्मच मेथी के दाने डालकर उन्हें अच्छी तरह से उबाल लें.
अब आप पानी को ठंडा होने के लिए रख दें और छानकर उसे पी जाएँ. कुछ दिन नियमित रूप
से उपाय को अपनाएँ आपको जरुर आराम मिलेगा.
Home Aayurvedic Remedies for Sinus |
· सिकाई ( Give Warmth ) : साइनस में सिकाई
बहुत कारगर होती है तो आप भी 2 गिलास पानी को गर्म करके उसे किसी रबड़ या प्लास्टिक
की बोतल में डाल लें और उससे अपने चेहरे, आँखों और सिर की
सिकाई करें. आप इस बोतल को कुछ देर गले पर भी अवश्य रखें ताकि आपको मलगम में राहत
मिल सके.
· सहजन ( Drumstick ) : अगर साइनस बहुत
अधिक परेशान करने लगा है तो आप सहजन की फलियों का सूप निकालें और उसमें अदरक, काली मिर्च, प्याज और लहसुन
डालकर एक काढा तैयार करें. इस तरह आपको रोजाना 1 कप काढा बनाना है और उसे गरमा
गर्म पीना है.
· प्याज ( Onion ) : वहीँ अगर आपकी नाक
से अधिक पानी बह रहा है तो आप अपनी नाक में थोडा प्याज का रस डाल लें. इससे नाक से
पानी बहना बंद होता है और आपको साइनस से होने वाले सिर दर्द से भी आराम मिलता है.
· सब्जियां ( Vegetables ) : साइनस होने पर आपको
अपने आहार पर ख़ास ध्यान देना होता है क्योकि आहार से आपको ताकत और वे पौषक तत्व
मिलते है जो बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते है. इसलिए आप रोजाना 300 मिली गाजर, 200 ग्राम पालक और 100 – 100 ग्राम ककड़ी व
चुकंदर का रस निकालकार पियें.
· गर्म पेय ( Hot Drinks ) : साइनस होने पर आप
गर्म पेय जैसेकि सूप इत्यादि अवश्य पियें क्योकि इन्हें साइनस में बहुत कारगर माना
जाता है. ये छाती में और नाक में जमे हुए कफ़ को बाहर निकालने में सहायक होता है और
बंद नाक को खोलता है. अगर आप चिकन का सूप पिए तो आपके शरीर को अंदर से गर्मी मिलती
है और आपको जल्दी आराम मिलता है.
नाक की हड्डी बढ़ने का इलाज |
· शुद्धता ( Purity ) : आपके लिए शुद्धता
बहुत जरूरी है इसलिए आप शुद्ध भोजन खाएं, अगर भोजन ज्यादा
शुद्ध ना भी हो तो शुद्ध जल अवश्य पिए और आपके लिए सर्वाधिक जरूरी है शुद्ध वायु
का होना. क्योकि ये नाक संबंधी रोग है तो आपके लिए वायु बहुत मायने रखती है. किसी
भी तरह की एलर्जी आपके रोग को बहुत बढ़ा सकती है और आपके आँख, नाक, मस्तिष्क, कान या फेफड़ें इत्यादि किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती है.
इन सबके अलावा आयुर्वेद ने साइनसाइटिस से छुटकारा पाने के लिए कुछ ख़ास तेल, वटी, चूर्ण और दवाएँ भी
बनाई है. अगर आप इनके बारे में अधिक जानना चाहते है तो आप हमे तुरंत नीचे कमेंट
करके जानकारी हासिल कर सकते है.
Kisko Jakadta hai Sinusitis |
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- निरंतर बढ़ते रोगों का मुख्य कारण
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sines ka bajar mai bana ka poudar aata hai jara nam batayai
ReplyDeleteShailendra Ji,
DeleteBazar se sinus ke aayurvedic product ke baare mein adhik janne ke liye aap kisi aayurvedic medical store se jankaari prapt karen. Agar fir bhi aapko koi sandeh ho to dobara comment avshya `karen.
Sampark ke Liye Dhanyavaad
Jagran Today Team
Sr m smj nhi pa rhahu ki mujhe kya bimari h mere sr m najla jma h or yaad rkhne m bhi bhot problm hoti h aakhe bhi bhari rhyti h m kya kru
ReplyDeleteVishal Malik Ji,
DeleteYe lakshan sinus ke shuruaati lakshan ho skte hai isliye shighra hee aap kisi chikitsak se sampark krke jaanch aarambh karayen. Agar fir bhi aapko koi sandeh ho to aap dobara comment avashaya karen.
Sampark ke Liye Dhanyavaad
Jagran Today Team
I m suffering from sinus last 6 year.. operation also done but not any solution.. at now headache problem..
ReplyDeletesir mera naak ka operation ho chuka ha fir bhi sardi aur cough thik nhi ho rha ha...ek side sar m dard aub pur ek side sar s lekr Paavo tk dard kr rha h. mera left side pet m khujlahat aur dard start ho gy ha..solution batao..
ReplyDeleteI suffer from sinusitis headache and breathing problems from the last .Twenty years
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