शीतपित्त ( Urticaria )
शीतपित्त एक तरह का चर्म रोग है जो एलर्जी की वजह से फैलता है, इसमें पीड़ित के सारे शरीर पर लाल रंग के सूखे निशान और चकत्ते से बन जाते है.
इन चकत्तों में बहुत खुजली उत्पन्न होती है और जितना अधिक इन्हें खुजाया या रगडा
जाता है उतना ही अधिक ये बढ़ने लगते है. इस रोग के होने की मुख्य वजह है हिस्टामीन
नाम का टॉक्सिक / जहर. जब ये जहर त्वचा में प्रवेश कर लेता है तभी ये रोग हमारे
शरीर को अपना शिकार बना पाता है. साधारण भाषा में इस रोग को पित्ती उछलना भी कहा
जाता है. CLICK HERE TO KNOW क्या खुजली आपको भी परेशान करती है ...
Sheetpitt Karan Lakshan or Ghrelu Ilaaj |
शीतपित्त होने के कारण ( Causes of Urticaria ) :
- गर्म सर्द ( Hot and Cold ) : अगर आप गर्मियों के
दिनों में कहीं बाहर से आ रहे है और आपका शरीर बहुत गर्म हो चुका है व आपको पसीने
आ रहे है, तो उस वक़्त आपके कोल्ड
ड्रिंक, ठंडा पानी या आइसक्रीम खाने
से आपको ये रोग हो सकता है.
- अस्वस्थ आहार ( Unhealthy Food ) : बाजार में मिलने
वाले तले भुने, अधिक मसालें वाले, अम्ल रसों से बनाये गये भोजन, जिन्हें आज का हर
व्यक्ति फ़ास्ट फ़ूड के रूप में और चाइनीज खाने के रूप में खाता है ये सब शरीर के
लिए हानिकारक होते है और तरह तरह के रोगों को उत्पन्न करते है.
- दूषित वातावरण ( Polluted Atmosphere ) : कुछ लोगों की त्वचा
बहुत संवेदनशील होती है. ऐसी त्वचा जब दूषित वातावरण के संपर्क में आती है तो उससे
भी उन्हें इस रोग के होने का खतरा बना रहता है. CLICK HERE TO KNOW त्वचा रोग के लिए आयुर्वेदिक इलाज ...
शीतपित्त कारण लक्षण और घरेलू इलाज |
- पेट में गड़बड़ी ( Stomach Disorder ) : एक अन्य कारण के
अनुसार आपके पाचन तंत्र का खराब होने, शरीर में गर्मी का
बढना, कब्ज, अजीर्ण, गैस इत्यादि होने पर भी
आपको इस रोग के होने की संभावना बनी रहती है.
- अन्य कारण ( Other Causes ) : किसी जहरीले कीड़े
जैसे मधुमक्खी, खटमल, बर्रे के काटने से भी हिस्टामीन जहर आपके शरीर में प्रवेश कर लेता है और इस
रोग को उत्पन्न करता है, साथ ही आपका अधिक
क्रोध करना, चिंता करना, आपका भय भी इस रोग के होने का कारण बनता है.
शीतपित्त के लक्षण ( Symptoms of Urticaria ) :
· लाल चिकत्ते ( Red Spots ) : शीतपित्त होने का
सबसे बड़ा लक्षण यही है कि इससे आपके पुरे शरीर पर धीरे धीरे लाल रंग के निकलने
आरंभ हो जाते है.
· खुलजी ( Itching ) : जब ये चिकत्ते
निकलते है तो उन्हें त्वचा में बहुत खुजली होने लगती है, जिससे राहत पाने के लिए जब वे इन्हें खुजाते है तो उनकी समस्या में इजाफा हो
जाता है. खुजली के दौरान उन्हें लगता है कि जैसे चीटियाँ उसे काट रही है.
· सुजन व जलन ( Swelling and Irritation ) : पीड़ित को जहाँ जहाँ
चिकत्ते निकलते है वहाँ वहाँ उसे सुजन और उभार भी होना शुरू हो जाता है. साथ ही
उन्हें बहुत पीड़ा और व्याकुलता भी सताने लगती है. ऐसा लगने लगता है जैसे पीड़ित का
पूरा शरीर जलने लगा है.
शीतपित्त के इलाज के लिए घरेलू उपाय ( Home Remedies to Cure Urticaria ) :
§ गेरू ( Ocher ) : वे लोग जो पित्ती के
रोग से परेशान है उनके लिए गेरू बहुत उत्तम होता है, इसलिए उन्हें गेरू
को पीसकर अपने शरीर पर मलना चाहियें, साथ ही गेरू के
परांठे व पुलाव भी खाने चाहियें. अगर आप गाय का घी इस्तेमाल करते है तो आप घी में
भी चुटकी भर गेरू मिला लें और उसे खाएं. ये एक आजमाया हुआ और सफल उपाय है. तो इसे
प्रयोग में अवश्य लायें.
पित्ती उछलने का आयुर्वेदिक उपचार |
§ गिलोय और चंदन ( Tinospora and Sandalwood ) : आप कुछ दिनों तक
लगातार सुबह शाम ½ चम्मच गिलोय और
इतनी ही मात्रा में चंदन का पाउडर मिलाकर उसे शहद के साथ ग्रहण करें. देखें धीरे
धीरे आपका रोग ठीक होता रहेगा.
§ फिटकरी ( Alum ) : क्योकि ये रोग आपके
पुरे शरीर को अपना शिकार बनाता है तो आप नहाते वक़्त भी इसका इलाज कर सकते है. तो
शीतपित्त के रोगियों को नहाते वक़्त अपने पानी में थोड़ी पीसी हुई फिटकरी मिला लेनी
चाहियें और उसके बाद ही स्नान करना चाहियें. अगर ये नहाते वक़्त अपने शरीर पर नागर
बेल के पत्तों का रस लगायें तो इन्हें तुरंत प्रभावी आराम मिलता है.
§ मेथी, हल्दी और काली मिर्च ( Fenugreek, Turmeric and Black Pepper ) : आप एक कटोरी में 1
चम्मच हल्दी, 4 से 5 दाने काली मिर्च और
कुछ मेथी के दाने डालें. अब आप इन्हें अच्छी तरह पीस लें. तैयार चूर्ण को आप
प्रातःकाल के समय ½ चम्मच की मात्रा
में दूध या फिर शहद के साथ ग्रहण करें.
§ आप एक कटोरी में
करीब 4 चम्मच एरण्ड का तेल डालें और उसे 1 ग्लास दूध के साथ रात को सोने से पहले
पी जाएँ. ये आपको दस्त लगाता है इसलिए अगले दिन सुबह आपका पेट दस्त के साथ साफ़ हो
जाएगा. अब आपको 10 – 10 ग्राम पीपल और
दालचीनी, 5 दाने इलायची को सुखाकर
पिसना है और उसका चूर्ण बनाना है. इसकी आधी मात्रा को आप सुबह मक्खन या शहद के साथ
लें और बाकी को शाम को.
§ एक अन्य उपाय के
अनुसार आपको निम्न सामग्री इक्कठी करनी है और हरिद्रा खंड तैयार करना है –
Causes Symptoms and Home Remedies for Urticaria Hives |
सामग्री ( Material that
Required ) :
· 300 ग्राम : हल्दी
· 250 ग्राम : शुद्ध
देशी घी
· 5 लीटर : दूध
· 2 किलो : शक्कर
· 40 – 40 ग्राम : नागरमोथा, सौंठ, वायविंडग, नागर केशर, निशोथ, हरड, तेजपान, काली मिर्च, दालचीनी, बहेड़ा, आंवला, लौह भस्म और पीपल
विधि ( Process of
Making ) :
आपको सबसे पहले हल्दी को दूध में डालकर उबालना है और इसका मावा तैयार करना है.
जब मावा बन जाए तो आप उसे घी के साथ भुनें, साथ ही आप शक्कर की
भी चाश्नी बना लें. अब आप चाश्नी में भुना हुआ मावा व बाकी के सभी सामान को पीसकर
डालें और उसे अच्छी तरह मिलाएं. इस तैयार मिश्रण को आप एक बड़ी सी प्लेट में निकाल
लें और जमने के लिए छोड़ दें. जब ये जम जाएँ तो आप इसको 5 – 5 ग्राम के छोटे छोटे हिस्सों में बर्फी की तरह काट लें.
इन बर्फियों के टुकड़ों को आप रोजाना सुबह शाम खाएं. ये आपको हर तरह के त्वचा, एलर्जी, शीतपित्त इत्यादि जैसे
रोगों से मुक्ति दिलाता है. वैसे इन बर्फियों को हरिद्रा खंड के नाम से
जाना जाता है और आप इसे इसी नाम से बाजार से भी खरीद सकते हो.
परहेज ( Avoid Doing
These ) :
ये एक त्वचा रोग है छूने की वजह से अधिक फैलता है तो आपको कुछ परहेजों को भी
निभाना पड़ेगा, अन्यथा ये बढ़ता ही जाएगा.
शीतपित्त में कौन कौन से परहेज करना आवश्यक है वे निम्नलिखित है –
Sheetpitt ya Urticaria |
नमक ( Salt ) : इन लोगों के लिए
जरूरी है कि इनके खाने में, फलों सब्जियों और
सलाद इत्यादि में सिर्फ नाम मात्र का ही नमक डला हो.
खटाई ( Marinate ) : खटाई किसी भी चर्म
रोग को बढाने का कार्य करती है इसलिए शीतपित्त के रोगियों को तब तक खटाई, तेल और घी से दूर रहना है जब तक उनका रोग पूर्ण रूप से ठीक ना हो जाएँ.
गर्म मसालों से बचें ( Beware of Hot Spices and Materials ) : जैसाकि हमने
शीतपित्त होने के कारणों में जाना कि ये शरीर में गर्मी बनने के कारण होता है तो
आपको अपने आहार में गर्म मसालों से निर्मित भोजन, गर्म तासीर के
पदार्थ और गर्म फल सब्जी को भी नहीं खाना चाहियें.
नशा ( Addiction ) : सिगरेट, शराब, चरस और गांझा इत्यादि कोई
भी नशा पित्त को कुपित करता है और कब्ज पैदा करता है तो अगर आप रोग के दौरान इनका
सेवन करते हो तो शीतपित्त अनियंत्रित हो जाता है. इसलिए इनसे दूर ही रहें.
आहार ( Food ) : आहार में आप लहसुन, प्याज, मछली, मांस और अंडे जैसे
चीजों को भी ना लें क्योकि ये आपके लिए काफी हानिकारक होती है, इनके स्थान पर आप जौ, चने और मुंग की दाल
लें.
पानी ( Water ) : अगर सर्दियों के
दिन में इस रोग ने आपको अपना शिकार बनाया है तो आपको गुनगुना पानी पीना चाहिए.
वहीँ गर्मियों के दिनों में इस रोग के होने पर साफ़ ताजा साधारण पानी ही पियें.
तो बताये गये घरेलू उपायों को अपनाकर आप भी पित्त उछलने के रोग से मुक्ति पा
सकते है. साथ ही शीतपित्त के अन्य कारण, लक्षण और उपचार के
बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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mein Prahej
- निरंतर बढ़ते रोगों का मुख्य कारण
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Excellent information, thanks.
ReplyDeleteWhat is different between sitpit udard koth
DeleteMujhe hives 3 mahino se aur mai 2 mahine se homoeopathy medicine kha raha hu par koi fayda nahi hua hai.ek baar maine youtube dekhkar kapur istemaal kiya ek baar haldi ko shahad m milakar khaya par kuch asar nahi hua balki aur badh gaya mujhe upchar bataiye iska
ReplyDeleteShitpit shamni se kya shittpit dhik ho sakta hai kya
ReplyDeleteमुझे पिछले 5 साल से urticaria है लेकिन अभी तक इलाज नही मिला है मेरी सहायता करें
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