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Satyanashi ka Paudha Bhare Har Ghaav | सत्यनाशी का पौधा भरे हर घाव | Satyanashi Mexican Prickly Poppy Plant Cures every Wound


सत्यनाशी पौधा ( Mexican Poppy )
जब भी इस पौधे का नाम सूना जाता है तो थोडा सा अजीब जरुर लगता है किन्तु हर पौधे का नाम उनके गुणों और दुर्गुणों को ध्यान में रखकर ही किया जाता है. जैसेकि एक पौधा है जिसे इंग्लिश में मोर्निंग ग्लोरी कहते है किन्तु उसे हिंदी में बेशर्म या बेहया के नाम से जाना जाता है, इसका कारण उस पौधे में पाए जाने वाले अनेक दुर्गुण है. जबकि एक अन्य पौधा है जिसके बारे में कहा जाता है जहाँ वो पौधा होगा वहाँ अवगुण ही अवगुण होगे, इसीलिए उस पौधे का नाम रख दिया गया कु बाबुल. एक बार वैज्ञानिकों को पता नहीं इस पौधे में क्या दिख गया कि उन्होंने इसका नाम कु बाबुल से सु -  बाबुल रख दिया किन्तु जब किसानों ने वैज्ञानिकों को उसके दुष्प्रभावों से अवगत कराया तो उन्हें जल्द ही समझ में आ गया कि वो कु बाबुल ही है. ब्रिटेन में भी एक ऐसा पौधा है जिसको उसके गुणों के आधार पर नाम दिया गया है उस पौधे को Hell OIL कहा जाता है. वैसे तो ये बायोडीसल बनाता है किन्तु इसमें कुछ ऐसे रासायन भी होते है जो कैंसर पैदा करते है और इसका यही अवगुण इसको इतना गंदा नाम देने के लिए मजबूर करता है. CLICK HERE TO KNOW आयुर्वेद का अमृत गिलोय ...
Satyanashi ka Paudha Bhare Har Ghaav
Satyanashi ka Paudha Bhare Har Ghaav
सत्यनाशी के विभिन्न नाम ( Different Names of Satyanashi Plant ) :
§ हिंदी : सत्यनाशी, चोक, भडभांड

§ संस्कृत : स्वर्णक्षीरी, कटुपर्णी

§ मराठी : कांटेधोत्रा

§ मलयालम : पोन्नूम्माट्टम

§ तेलुगु : इट्टरि

§ तमिल : कुडियोट्टी

§ गुजराती : दारुडी

§ बंगाली : चोक, शियालकांटा

§ लैटिन : आर्जिमोन मेक्सिकाना

§ इंग्लिश : मेक्सिकन पॉपी

सत्यनाशी पौधे की पहचान ( Identity of Satyanashi Plants ) :
अब बात करते है सत्यनाशी पौधे की, ये एक ऐसा पौधा है जो बेकार जमीन में कहीं भी अपने आप उग जाता है, इसके बहुत सारे कांटे भी होते है, कोई भी व्यक्ति इसको देखकर खुश नहीं होता इसीलिए जब भी कोई इसे अपने घर के आसपास भी देखता है तो इसे तुरंत उखाड़ देता है. इसकी लम्बाई करीब 3 फीट की होती है और ये वर्षा ऋतू और शीत ऋतू के समय में तालाबों खाइयों के किनारे लगते है. इस पौधे के फूलों का रंग पीला होता है जिनमें 5 से 7 पंखुडियां भी होती है. इसके बीज दिखने में राई के बीजों की तरह प्रतीत होते है जबकि इसके फुल और पत्तों दोनों में से दूध की तरह द्रव निकलता है. इस  दूध का रंग स्वर्ण प्रतीत होता है और इसीलिए इसे स्वर्णक्षीरी कहते है. CLICK HERE TO KNOW केसर के घरेलू आयुर्वेदिक औषधीय उपयोग ...
सत्यनाशी का पौधा भरे हर घाव
सत्यनाशी का पौधा भरे हर घाव
व्यापारियों की चालाकी और सत्यनाशी के बीजों की मिलावट ( Trader’s Manipulation and Mixing of Seed ) :
माना जाता है कि व्यापारियों को अपने लाभ के अलावा कुछ भी नहीं दीखता और वे अपनी चतुरता को दिखाने और अधिक से अधिक फायदा पाने के लिए सत्यनाशी के पौधे का भी इस्तेमाल करते है. अक्सर आप सब सुनते होगे कि सरसों के तेल में मिलावट होती है जिसकी वजह से अनेक त्वचा रोग आपको अपना शिकार बनाते है किन्तु असल में तो मिलावट सरसों के बीजों में होती है और ये मिलावट सत्यनाशी के बीजों को मिलाकर की जाती है. 

इसके बाद जब लोग व्यापारी के पास जाकर उनको इस बात से अवगत कराते है तो वे बड़े ही सहज तरीके से बोल देते है कि उन्होंने कोई मिलावट नहीं की क्योकि खेतों में अपने आप सत्यनाशी के पौधे उग जाते है जो तेल बनाते वक़्त उनके सरसों के बीज के साथ मिल जाते है. किन्तु आपको बता दें कि ये पूरी तरह से असत्य है क्योकि सरसों के खेत में कभी भी सत्यनाशी का पौधा नहीं उग सकता. इसकी मुख्य वजह यही है कि इस पौधे को उगने के लिए बेकार जमीन की आवश्यकता होती है जबकि सरसों तो एक उपजाऊ जमीन पर बोई जाती है.
Satyanashi Mexican Prickly Poppy Plant Cures every Wound
Satyanashi Mexican Prickly Poppy Plant Cures every Wound
सत्यनाशी की विशेष बात ( Important Things about Satyanashi Plant ) :
अब आपको एक अचरज की बात बताते है कि जो पौधा इतना अशुभ माना जाता है जिसके बीजों को मिलाने से विभिन्न तरह की बीमारियाँ पैदा होती है, उन्ही बीमारियों का इलाज भी यही पौधा है. जी हाँ, जो रोग सत्यनाशी के बीज उत्पन्न करते है उनका इलाज इसकी पत्तियों और जड़ों से संभव होता है. एक अन्य बात, जहाँ जन साधारण ने इसका नाम सत्यनाशी रखा है वहीँ आयुर्वेद और संस्कृत इसे स्वर्णक्षीरी के नाम से जनता है, इसके इस नाम से ऐसा प्रतीत होता है जैसेकि ये स्वर्ण का पौधा है और स्वर्ग से उतरा है. 

कुछ ओझा लोग तो भुत भागने के लिए, लोगों की पिटाई करने के लिए इसके काँटों का इस्तेमाल करते है और कुछ इसके कांटे बिछाकर उसपर लोगों को लिटा देते है इस तरह उनकी परीक्षा ली जाती है. सत्यनाशी पौधे की करीब 10 किस्में होती है और सभी का इसी तरह गलत कार्यों में इस्तेमाल होता है, ये इसे एक अशुभ पौधा बनाते है और इसीलिए लोग इससे अधिक से अधिक दूर रहने का प्रयास करते है. किन्तु आज हम आपको इसके फायदों से भी अवगत करायेंगे. 
सत्य नाशी का पौधा
सत्य नाशी का पौधा
इस पौधे का लाभ उठाने के लिए आपको इसका तेल निर्मित करना होता है जिसमें इस पौधे की जड़, बीज, दूध और पत्तियाँ इस्तेमाल होती है. इन सबके मिलने से बना तेल स्वर्णक्षीरी तेल के नाम से जाना जाता है. साथ ही ये तेल सत्यनाशी के सभी पौधों से निर्मित होता है और जब इसे किसी घाव पर लगाया जाता है तो वो तुरंत भर जाता है, यही है इसकी सबसे बड़ी विशेषता.

व्रणकुठार तेल बनाने की विधि ( Process of Making Mexican Prickly Poppy  ) :
इसका तेल बनाने के लिए आपको इसके पौधे को जड़ से उखाड़कर लाना होगा, ध्यान रहें कि जब आप इस पौधे को उखाड़ रहे हो तो आपको कांटे न चुभें. इसके बाद आप इसे अच्छी तरह साफ़ करें और इसे कुचल पीसकर सारा रस बाहर निकलकर इक्कठा करें. आप प्राप्त रस की मात्रा का ¼ हिस्सा सरसों का शुद्ध तेल लें और उसे रस में मिलाएं और इस मिश्रण को हल्की आंच पर पकने के लिए रख दें. कुछ देर बाद सारा रस अपने आप जल जाएगा और सिर्फ तेल बचेगा. अब आप इसे उतारकर इसे ठंडा होने के लिए रख दें और किसी सुरक्षित शीशी में भरकर रख लें. ये तेल ही व्रणकुठार तेल के नाम से जाना जाता है. 

इस्तेमाल ( Use ) :
अब जब भी किसी को कोई जख्म या घाव होता है तो सबसे पहले उसे नीम के पानी से साफ़ करें, उसके बाद व्रणकुठार तेल में साफ़ रुई डालें और तेल को धीरे धीरे घाव के ऊपर लगाएं. अगर घाव बहुत बड़ा है या फिर काफी पुराना है तो आप रुई को तेल में डुबोकर घाव पर ही रखा रहने दें, फिर उसपर पट्टी बाँध दें. चाहे घाव नया हो या पुराना, छोटा हो या नासूर हो, इसे घाव को भरने की अचूक दवा माना जाता है.

तो आप भी इस तरह इस तेल को बनाकर प्रयोग में ला सकते है, साथ ही घाव को भरने के अन्य उपायों को जानने के आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है. 
Nasur ko Bhi Bhare Satyanashi
Nasur ko Bhi Bhare Satyanashi

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1 comment:

  1. Sir जी इस पौधे की कितनी किसमें होती है और फूलों का रंग कोंन कौन से रंग का होता है?
    हमारे इधर इस पौधा होता है जिसके फूलों का रंग नीला ओर सफेद है, क्या वो सत्यानाशी का पौधा है।

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