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Masaaj ka Sahi Tarika | मसाज का सही तरीका | The Right Way of Massage


मसाज ( Massage )
जैसे जैसे मौसम बदलता है वैसे वैसे शरीर को स्वस्थ रखने और उसकी देखभाल के लिए तरीकों को बदलना पड़ता है किन्तु हर मौसम में मसाज का अपना एक अलग महत्व होता है क्योकि मसाज ना सिर्फ शरीर को शुष्कता से बचाकर स्वस्थ रखती है बल्कि ये तन की सारी थकान को दूर भगा देती है, साथ ही जब तन को आराम मिलता है तो मन को भी असीम सुख का अनुभव होता है. इसलिए जरूरी है मसाज अपने आप में एक तरह का उपचार है. इस उपचार की सिर्फ एक औषधि है - तेल. जिसका चुनाव आप अपनी जरूरत के हिसाब से आसानी से कर सकते हो. जब आप तेल का चुनाव कर लेते हो तो उसके बाद बारी आती है मसाज करने की. किन्तु क्या आपको मसाज का सही तरीका पता है? जिससे आप मसाज का पूर्ण लाभ ले पाओ. CLICK HERE TO KNOW पेट की मालिश के अमूल्य लाभ ...
Masaaj ka Sahi Tarika
Masaaj ka Sahi Tarika
आज हम जानेंगे कि आप किस तरह से मसाज कर अपने शरीर को स्वस्थ और रोगों से मुक्त रख सकते हो, साथ ही हम कुछ ऐसे ख़ास तेलों को बनाने की विधि भी जानेंगे जो शरीर के लिए हर मौसम में लाभदायी होते है. 

मसाज का तरीका ( Way of Massage ) :
·     तेल ( Select Oil ) : मसाज के लिए आप अपने पसंद या जरूरत के अनुरूप चुना हुआ तेल लें और उसे अपने हथेलियों पर लगायें और उसके बाद तेल को हल्के हाथों से दबाव डालते हुए उस स्थान पर रगड़ें जहाँ आप मसाज करना चाहते हो.  

·     शुरुआत ( Begin ) : मालिश की शुरुआत आप पैरों से करें और धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ते जाएँ. अर्थात पहले पैरों के तलवे, फिर ऊँगली, उसके बाद पिंडी, फिर जांघ, फिर हाथ, पेट, कमर, कंधे और फिर चाहे तो सिर की मालिश करें. इससे रक्तप्रवाह ऊपर की तरफ होने लगता है जिसे मसाज के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.  CLICK HERE TO KNOW तलवों का दर्द मिटायें बोतल मसाज ...
मसाज का सही तरीका
मसाज का सही तरीका
·     हाथों की मालिश ( Hand Massage ) : जब बात हाथों की मालिश की हो तो आप शुरुआत उँगलियों से करते हुए कन्धों तक बढ़ें. साथ ही आप इस बात का भी ध्यान रखें कि मसाज की दिशा रक्तप्रवाह के विपरीत बिलकुल भी ना हो. 

·     कब तक करें ( Timing ) : मालिश को आप तब तक करते रहें जब तक शरीर सारा तेल सोख ना लें और शरीर के उस अंग की त्वचा लाल ना हो जाएँ. 

·     उत्तेजक अंग : ये बात सब जानते है कि शरीर में कुछ ऐसे अंग भी होते है जिनको छूने पर उत्तेजना बढती है और जब मसाज की जाती है तो इन अंगों की भी मसाज की जाती है. ये अंग है स्तन व उसके आसपास की जगह, जाँघों के अंदरूनी हिस्से, गुदा इत्यादि. जब आप इन अंगों की मालिश करें तो अपने आप पर नियंत्रण रखें. वैसे आपको बता दें कि अगर महिलायें अपने इन अंगों की मालिश करती है तो उनकी सुन्दरता में निखार आता है और वे और भी अधिक आकर्षक दिखने लगती है. 

उत्तेजना बढाने वाला चंदनादी तेल ( Chandnaadi Oil ) :
आजकल अनेक ऐसे युवा है जो अपनी किशोरावस्था में ऐसे काम करने लगते है जिससे उनकी उत्तेजना कम हो जाती है या उन्हें शीघ्रपतन व नपुंसकता का रोग घेर लेता है. इससे आगे चलकर उनके वैवाहिक व दांपत्य जीवन पर गहरा असर पड़ता है. वे ना तो खुद ही अपने साथी के साथ शारीरिक सुखों को जी पाते है और ना ही उनका साथी उनके साथ सुखी रह पाता है. जिससे दोनों का जीवन नरक में बदल जाता है. किन्तु घबरायें नही आपकी इस समस्या के लिए आप घर बैठे एक ऐसे तेल का निर्माण कर उसका प्रयोग कर सकते है जो फिर से आपके जीवन को खुशियों से भर सकता है. इस तेल का नाम है चंदनादी तेल. 
The Right Way of Massage

The Right Way of Massage
चंदनादी तेल बनाने की सामग्री ( Ingredients for Chandnaadi Oil ) :
-   लाल चन्दन
-   सफ़ेद चन्दन
-   सरल काष्ठ
-   देवदारु
-   कालीयक की लकड़ी
-   पतंग
-   मोम
-   मजीठ
-   तगर
-   नखी
-   गाठबन
-   धाय के फुल
-   राल
-   लाख
-   कपूर
-   गूगल
-   शिलारस
-   पद्दाख
-   केशर
-   तनू की लकड़ी
-   कस्तुरी
-   जायफल
-   गंधबिरोजा
-   चमेली के पत्ते
-   प्रियंगु
-   लौंग
-   रेणुका
-   छोटी इलायची
-   बड़ी इलायची
-   नागरमोथा
-   शीतलचीनी
-   छैल छरीला
-   दालचीनी
-   जटामांसी
-   तेजपाल
-   खस
-   नागकेशर
-   सुगंधबाला
-   तील का तेल 1 किलोग्राम 
अश्वगंधा का तेल
अश्वगंधा का तेल
आप उपरलिखित सभी सामग्रियों ( तील के तेल को छोड़कर बाकी सभी ) को 5 ग्राम की मात्रा में किसी अच्छे पंसारी या आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता से ले आयें. 

विधि ( Process ) : आप सारी सामग्री को एक साथ मिलाकर उन्हें पिसें और इसकी चटनी तैयार कर लें. इसके बाद आप इस चटनी को 1 किलों तील के तेल में डालकर अच्छी तरह से मिला लें. इस तरह एक नया तेल निर्मित हो जाता है जिसे महा चंदानादी तेल कहा जाता है. ये तेल ना सिर्फ आपके उत्तेजना और शरीरिक संबंध बनाने के लिए आपको ताकत देता है बल्कि ये कुष्ठ रोग, खुजली, रक्तपित्त, ज्वर और क्षय जैसे रोगों से भी निजात दिलाता है. 

भल्लाताकादय तेल ( Bhallataakaadya Oil ) :
भल्लाताकादय तेल मुख्य रूप से पुरुषों के लिए लाभदायी होता है क्योकि ये उनकी कमजोर पड़ी जननेन्द्रियों में दुबारा से जान लाता है. जिससे उन्हें अपने साथी या पत्नी के साथ शरीरिक सुख का पूर्ण आनंद लेने में मदद मिलती है. साथ ही ये तेल उनके मिलन की सीमा को भी बढाता है और वे लम्बे समय तक प्रेम मिलाप कर पाते है. 
भल्लाताकादय तेल
भल्लाताकादय तेल
सामग्री ( Ingredients ) :
-   100 ग्राम अनार का छिलका
-   100 ग्राम बड़ी काटेरी
-   100 ग्राम भिलवा
-   1 किलों सरसों का तेल
-   4 लीटर शुद्ध पानी 

विधि ( Process ) : तेल को बनाने के लिए आप अनार के छिलके, बड़ी काटेरी और भिलवा को लें और तीनों को अच्छी तरह से मिला लें. अब आप इस मिश्रण को 1 किलो तेल में मिलाकर 4 लीटर पानी में डाल दें. अब प्राप्त मिश्रण को आप आंच पर चढ़ा दें और उसे तब तक पकाते रहें जब तक उसका सारा पानी ना उड़ जाएँ अर्थात जब तक उसमें सिर्फ तेल ना बच जाएँ तब तक उसे पकाते रहें. उसके बाद आप तेल को छान किसी शीशी में डाल कर सुरक्षित रख लें. 

प्रयोग ( Use ) : इस तेल को आप उस समय अपनी जननेन्द्रियों पर लगाएं या मालिश करें जब आप अपने साथी के साथ संबंध बनाना चाहते हो. ये आपकी उत्तेजना को बढाने में भी आपकी सहायता करेगा. कुछ दिनों तक इसका लगातार इस्तेमाल करने से खुद ही आपके अंगों में ताकत आना शुरू हो जायेगा और सारी कमजोरी दूर हो जायेगी.
चंदनादी तेल
चंदनादी तेल
अश्वगंधा का तेल ( Ashwagandha Oil ) :
अश्वगंधा का नाम सबने अवश्य सूना होगा, इसका आयुर्वेद में अपना ही एक अलग स्थान है. इसका नाम अश्वगंधा इसीलिए पडा है क्योकि इससे अश्व जैसी गंध आती है. साथ ही ये शारीरिक बल और स्फूर्ति के लिए बहुत ही लाभकारी होता है. महिलायें इसका तेल बनाकर अपने स्तनों पर इस्तेमाल करती है और अपने स्तनों के आकार को और भी अधिक आकर्षक बनाती है. इसका तेल बनाने के लिए आप निम्नलिखित सामग्री का इस्तेमाल करें. 

सामग्री ( Ingredients ) :
-   अश्वगंधा : 50 ग्राम
-   कुठ : 50 ग्राम
-   काटेरी के फुल ( छोटी बड़ी ) : 50 50 ग्राम
-   जटामांसी : 50 ग्राम
-   तील : 1 किलो
-   दूध : 4 लीटर

विधि ( Process ) : आप सारी सामग्री को एक जगह मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें. उसके बाद आप इस मिश्रण को 1 किलो तील के तेल में मिलाकर 4 लीटर दूध के साथ पकायें. इसे आप तब तक पकाते रहें जब तक सिर्फ तेल ना रह जायें. उसके बाद इस तेल को एक शीशी में डाल कर रख लें और इससे अपने शरीर के उत्तेजक अंगों की मालिश करें ताकि आपके अंगों को शक्ति मिल सके. महिलायें भी इसे आकर्षक बनने के लिए इस्तेमाल कर सकती है. 

ऐसे ही अन्य उर्जावर्धक, शक्तिवर्धक और उत्तेजना बढाने वाले तेलों को बनाने की विधि को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट कर जानकारी हासिल कर सकते हो. 
Kaise Karen Shrir ki Maalish
Kaise Karen Shrir ki Maalish

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