पसलियों
में दर्द का देशी घरेलू आयुर्वेदिक इलाज ( Home Aayurvedic Deshi
Remedies to Remove Ribs Pain )
आजकल
लोगों में पसलियों या छाती की हड्डियों में दर्द की शिकायत बहुत सुनने को मिलती है
और जब इस दर्द में छींक या खांसी आती है तो पीड़ित को ऐसा लगता है जैसे उसकी तो जान
ही निकल गयी हो. अधिकतर ये दर्द सीने अर्थात सामने की तरफ ही होता है और इसके होने
की मुख्य वजह खून में विटामिन डी की कमी होना होता है. इसके अलावा भी कुछ अन्य
कारण है जिनकी वजह से छाती में दर्द हो सकता है, ये कारण निम्नलिखित है. CLICK HERE TO KNOW गर्दन व कंधे के दर्द का देशी इलाज ...
Kaise Karen Pasliyon ke Dard ka Ilaaj |
पसलियों
में दर्द के कारण ( Causes of Rib Cage Pain ) :
· फेफड़ों में कफ़ ( Cough in Lungs ) : कई बार फेफड़ों में कफ़ जम जाती
है जिसके कारण फेफड़ों की नसों में अकडन आ जाती है और यही व्यक्ति की पसलियों में
दर्द का कारण बनती है.
· अधिक ठण्ड लगना ( Feeling Cold in Lung Chest ) : ज्यादा सर्दी लगने की वजह से
भी मलगम ऊपर की तरफ ही रह जाता है और बाहर नहीं निकल पाता. ऐसा इसलिए होता है
क्योकि हमारी छाती ठण्ड के प्रति अधिक संवेदनशील होती है.
· खाद्य पदार्थ ( Food Material ) : वे लोग जो ऐसे आहार का सेवन
करते है जिससे गैस बनती है उनकी पसलियों और छाती में शत प्रतिशत दर्द रहता है.
· सर्द गर्म ( Cold Hot ) : वैसे तो ये दर्द सर्दी के
समय में ठंडी चीजें खाने की वजह से होता है किन्तु ये दर्द ठंडी चीज के तुरन्त बात
गर्म चीज खाने या गर्म चीज के तुरंत बाद ठंडी चीज के खाने के कारण भी हो जाता है. CLICK HERE TO KNOW कंधे की अकडन दूर करने के घरेलू उपचार ...
कैसे करें पसलियों के दर्द का इलाज |
· बासी फल ( Stale Fruits ) : पसलियों में वायु के प्रकोप, अधिक बासी
तरबूज, सेब नारंगी, अधिक दिनों का केला
व अनार खाने से, गंदा पानी पीने, ठंडा
फ्रीज में रखा दूध पीने से भी छाती में दर्द होना शुरू हो जाता है.
पसलियों
में दर्द के लक्षण ( Symptoms of Ribs Pain ) :
· सांस लेने में दिक्कत ( Breathing Problem ) : जब व्यक्ति की छाती में कफ़
जम जाता है तो उससे उसकी छाती में उभार आ जाता है और उसे सांस लेने और छोड़ने में
दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्योकि सांस बाहर भी नहीं निकल पाती, तो वायु बार
बार उनकी छाती से टकराती है और दर्द पैदा करती है.
· पसलियों में पीड़ा ( Pain in Ribs ) : जब अधिक ठंडा पानी पीया जाता
है तो उससे छाती अकड जाती है और पसलियों में पीड़ा होनी आरंभ हो जाती है.
· बैचनी ( Discomfort ) : पसलियों में दर्द होने पर
रोगी का हाथ हमेशा उसकी छाती पर रहता है, उसके माथे पर बार बार पसीना
आता रहता है और उसको बेचैनी महसूस होती रहती है. वे दर्द से कराहते रहते है जो
उनकी हालत को बयान करता है, रोगी बेचैनी में कभी उठता है,
कभी बैठता है, कभी लेट जाता है तो कभी बार
घुमने चला जाता है. कहने का मतलब उसे चैन नहीं मिलता.
How to Cure Treat Ribs Pain |
· भूख ना लगना ( Loss of Appetite ) : इस दर्द में व्यक्ति की भूख
प्यास मर जाती है, उसके हाथ पैर ढीले से पड जाते है, उन्हें लगातार
बुखार बना रहता है.
विभिन्न
औषधियों से पसलियों के दर्द का इलाज ( Aayurvedic Medicine to
Treat Ribcage Pain ) :
§ तारपीन ( Colophony ) : आप सफ़ेद तारपीन का तेल और
थोडा कपूर का तेल मिला लें और उससे छाती व सीने की हल्की हल्की मालिश करें, मालिश करने
के बाद आप छाती पर कुछ देर के लिए शुद्ध शहद का पेस्ट भी अवश्य लगाएं. उसके बाद आप
स्नान करें, कुछ दिनों के प्रयोग के अंदर ही आपकी छाती का
दर्द दूर हो जाएगा.
§ गाय का सिंग ( Cow Horn ) : सुनने में चाहे थोडा सा अजीब
लगे किन्तु अगर आपको गाय का सिंग मिल जाएँ तो आप उसे पानी के साथ घीस लें और उसमें
चन्दन को भी घिसकर मिला लें. तैयार लेप से आप पीड़ित बच्चे या व्यक्ति की छाती पर
मालिश करें. तुरंत आराम मिलेगा. एक अन्य उपाय के अनुसार आप गाय के सिंग की भस्म
तैयार करें और 4 रत्ती दिन में और 4 रत्ती शाम के समय शहद के साथ हाथ पर रखकर
चांटे. आश्चर्यजनक तरीके से पसलियों का दर्द गायब हो जाएगा.
छाती के दर्द का घरेलू इलाज |
§ अदरक ( Ginger ) : अदरक को तो गले, छाती और पेट
के लिए अमृत के समान माना जाता है और जब अदरक में तुलसी और कालीमिर्च मिला दी जाएँ
तो इसके गुणों में निरंतर इजाफ़ा होता रहता है. पसलियों के दर्द से पीड़ित व्यक्ति
को इन तीनों आयुर्वेदिक औषधियों और सेंधा नमक को मिलाकर एक काढा तैयार करना
चाहियें और उसका सेवन करना चाहियें, जल्द ही उनका पसलियों का
दर्द खत्म होता है.
§ ताज़ी चौलाई ( Amaranth ) : आप कुछ मात्रा में ताज़ी
चौलाई लें और उसका रस निकालें, इस रस में आप सरसों का तेल मिलाकर अपनी
छाती और पसलियों पर लगाएं. अगर आपकी हालत अधिक गंभीर है तो आपको इस मिश्रण का
प्रयोग अपने माथे और नाक के ऊपर भी करना चाहियें.
§ पीपल के पत्ते ( Pipal Leaves ) : रोगी को पीपल के पत्तों को
जलाकर बनाई गई भस्म, शहद के साथ चटाने से भी छाती और पसलियों के दर्द में राहत मिलती है. रोगी
पीपल की पत्तियों के स्थान पर लहसुन की कलियों को जलाकर तैयार की गयी भस्म भी
इस्तेमाल कर सकता है.
§ गाय का घी और जायफल ( Cow Ghee and Nutmeg ) : जायफल को गाय के घी में
घिसकर बनायें गए लेप को छाती व पसलियों पर इस्तेमाल करें से भी तुरंत आराम मिलता
है.
Inn Ghrelu Upayon se Paayen Pasliyon mein Raahat |
§ नीलाथोथा ( Bluestone ) : आयुर्वेद में नीलाथोथा बहुत
इस्तेमाल किया जाता है, पसलियों के दर्द को भगाने के लिए आप 10 ग्राम कंजा और 1 ग्राम नीलाथोथा
लें और उन्हें पीस लें. अब आप इसमें इड़ोरन के फल का गुदा निकालकर मिलाएं. इस
मिश्रण की 1 ग्राम की मात्रा से भी कम की छोटी छोटी गोलियाँ बनायें और उन्हें
पासियों के उस स्थान पर बांधें जहाँ आपको दर्द है. पल भर में दर्द छूमंतर हो
जाएगा.
§ आक ( Aak ) : अधिकतर लोग आक के दूध को
जहरीला मानते है किन्तु इसी दूध को जब काले तीलों के साथ मिलकर लेप बनाया जाता है
तो पसलियों को गर्मी मिलती है और छाती में जमा कफ़ बाहर निकल आता है. जिससे पसलियों
के दर्द में लाभ मिलता है.
§ लौंग ( Cloves ) : खांसी इस दर्द को बढ़ा देती
है लेकिन मुंह में लौंग रखकर उसके रस को चूसने से खांसी समाप्त होती है और पसलियों
के दर्द में राहत मिलती है. इस उपाय को वे लोग भी अपना सकते है जिन्हें दमा रोग या
श्वास रोग है.
छाती
के दर्द और पसलियों में आराम के अन्य देशी आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों को जानने के
लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Chhati ke Dard ki Vjah or Chihn |
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- आदतों से मजबूर होने के परिणाम
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