स्वास्थ्य बीमा ( Health Insurance )
स्वास्थ्य बीमा ( Health
Insurance ) एक ऐसी पद्धति है जो आपके स्वास्थ्य बिगड़ने पर आपको सहायता प्रदान करती है.
किन्तु क्या आपको पता है कि ये कैसे आपकी सहायता करती है? क्या आपको इसके सभी सिद्धांतों के बारे में पता है? क्या आप जानते है कि इसका पूर्ण लाभ कैसे लिया जा सकता है? नहीं. क्योकि अधिकतर लोग कोई भी इन्सुरेंस करने के लिए किसी बीमा सलाहकार ( Insurance Adviser ) की सलाह मान लेते
है जो अपने फायदों को ध्यान में रखते हुए आपको सलाह देता है जिससे आपको सही और
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Health Insurance Kya Hai |
देखा जाये तो देश में 70 % लोग ऐसे है जिन्होंने अभी तक स्वास्थ्य बीमा नहीं
कराया है और जिन्होंने कराया है वे अभी तक स्वास्थ्य बीमा के सभी प्लानों से वंचित
है. उन्हें बीमा सलाहकार के ऊपर किये आधे भरोसे का फल चुकाना पड़ता है. लेकिन
घबरायें नहीं आज हम स्वास्थ्य बीमा से जुड़े कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे
में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि असल में स्वास्थ्य बीमा क्या है और उसके क्या लाभ
है.
कहाँ करते है गलतियाँ ( Where Does Everyone Mistakes ) :
स्वास्थ्य बीमा पोलिसी जानने से पहले हम ये देख लेते है कि अक्सर बीमा कराते
वक़्त हम गलतियाँ कहा करते है. वैसे ये गलतियाँ कम और उनकी अपेक्षा अधिक होती है, जिन्हें हम 3 हिस्सों में बाँट सकते है.
1.इन्सुरेंस और अस्पताल खर्च की तुलना ( Compares Hospital and Insurance Sum ) : अधिकतर बीमा धारक की
ये धारण या ग़लतफ़हमी होती है कि हेल्थ इन्सुरेंस और अस्पताल का खर्चा समान होता है.
अर्थात उन्हें लगता है कि जितना भी खर्चा होगा वो सारा इन्सुरेंस कंपनी भुगतेगी.
समुह में बीमा कराने वाले लोग भी इसी बात को सोचकर निश्चिंत बैठ जाते है. ये सबसे
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स्वास्थ्य बीमा क्या है |
2.
सही पोलिसी का पता ना होना ( Unknown of Right Policy ) : जैसे जैसे महंगाई
बढती जा रही है वैसे वैसे अस्पतालों का खर्च भी बढ़ता जा रहा है. इसी बात को देखते
हुए बीमा कंपनियाँ “ बिगड़ीसीजन “ के जरियें लोगों को जानकारी देने की कोशिश करती है और उन्हें बताती है कि उनके
लिए कौन सी पोलिसी सबसे अधिक लाभकारी होगी किन्तु लोग फिर भी बीमा सलाहकारों के
झांसे में आ जाते है.
3.
बिमारियों के आधार पर पोलिसी ( Policies According to Diseases ) : बीमा कंपनियाँ कुछ
ऐसी पोलिसी भी लाती है जिनमे कुछ निश्चित बीमारियों को ध्यान में रखते हुए ही
सहायता का भरोसा दिलाया जाता है और भुगतान किया जाता है. किन्तु कस्टमर सही
जानकारी ना होने के कारण बिना देखे, जाने व समझें पोलिसी
खरीद लेता है और धोखे का शिकार हो जाता है.
कोई भी कंपनी हो या कोई भी व्यापारी हो, वो अपनी सुविधा और
अपने लाभ के लिए ही पोलिसी बनाता है और उसी आधार पर उनके प्रीमियम भी होते है.
वैसे तो प्रीमियम की गणना बीमा उपभोक्ता के द्वारा दी गयी जानकारियों पर ही
निर्धारित होती है. लेकिन कंपनी इस बात में भी दखल देती है और परिवार के इतिहास व
उपभोक्ता के नशे की लत को ध्यान में रखते हुए ही प्रीमियम को तय करती है. तो ये सब
बाते आपको जरुर पता होनी चाहियें.
What is Health
Insurance
|
पोलिसी लेने का फैसला ( Decision of Policy ) :
पोलिसी खरीदने के लिए आपको उस समय का इंतजार नहीं करना चाहियें जब आप बीमार हो
जाओ, बल्कि सही वक़्त देखते ही आप
स्वास्थ्य बीमा करा लें. अगर आप युवा है तो निश्चित तौर से आपको कम प्रीमियम
मिलेगा, किन्तु जैसे जैसे आपकी उम्र
बढती जाती है वैसे वैसे आपका प्रीमियम भी बढ़ता जाता है. किन्तु प्रीमियम का चुनाव
बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है जिसे सोच समझ कर ही करें अन्यथा आपको पोलिसी पर किये
गए क्लेम का फायदा नहीं मिलेगा.
· पोलिसी का चुनाव ( Select Right Policy ) : प्रीमियम के चुनाव
के लिए आपको ऐसी पोलिसी को खोजना चाहियें जिसमें प्रीमियम तो कम हो किन्तु सम
इंश्योर्ड ( Sum Insured ) अधिक हो. इसके साथ
ही आप पोलिसी में ये भी देखे कि उसमें अधिक से अधिक बीमारियाँ शामिल हो और नो – क्लेम बोनस भी अधिक हो.
बीमा कंपनी बिमारी में हुए खर्च से कम पैसा देती है ( Why Insurance Company Pay Less than
Hospital Bills ) :
ये सबसे अधिक उठने वाला सवाल है कि बीमा कंपनियाँ अस्पताल में हुए खर्च के
मुकाबले कहीं अधिक कम भुगतान करती है और बाकी का सारा खर्च बीमा धारक व्यक्ति को
ही देना पड़ता है. अगर ऐसा ही है तो फिर बीमा कराने का लाभ ही क्या है. लेकिन ऐसा
क्यों होता है?
इसका मुख्य कारण है सम एश्योर्ड की रकम का कम होना. आप पोलिसी को लेते वक़्त
अगर सम एश्योर्ड को ध्यान में नहीं रखते तो यही होगा. ऐसी स्तिथि के उत्पन्न होने
का एक कारण ये भी है कि आपका खर्चा ही बहुत कम आया हो तो उस स्तिथि में भी बीमा
कंपनियाँ कोई क्लेम नहीं देती. इसके अलावा भी कुछ अन्य कारण हो सकते है जो आपको इस
हालत में पहुंचा सकते है. इसलिए आप पहले से ही इन सब बातों को जान लें कि कब कब
आपको क्लेम मिलेगा और कब नहीं.
हेल्थ इन्सुरेंस के फायदे और प्लान |
बढती महंगाई में स्वास्थ्य बीमा कैसे लें (
How to Insure in Inflation ) :
हेल्थ केयर में ही व्यक्ति बहुत कम गलतियाँ करता है क्योकि उसे पता होता है कि
महंगाई दिन प्रतिदिन बढती जा रही है. किन्तु इस स्तिथि में ही हेल्थ इन्सुरेंस
आपकी मदद करता है. इसे आप एक धन संरक्षण उपकरण के रूप में देख सकते हो. जो सही समय
और सही वक़्त पर आपकी सहायता करता है. ये इस महंगाई में आपको उस खर्च से बचाता है
जो आपको बोझ की तरह लगता है किन्तु इसके लिए भी सही प्रीमियम का चुनाव आवश्यक होता
है.
कम खर्च में पुरे परिवार का बीमा कैसे लें ( Family Insurance at Low Cost ) :
स्वास्थ्य बीमा दो प्रकार के होते है –
1.व्यक्तिगत बीमा ( Personal Health Insurance ) : जिसमें सिर्फ एक
व्यक्ति को ही बीमा पोलिसी का लाभ मिलता है.
2.परिवार बीमा ( Family Health Insurance ) : इसमें परिवार के
सभी सदस्यों को लाभ मिलता है और सदस्यों की कोई सीमा भी निर्धारित नहीं होती.
Health Insurance ke Faayde or Plan |
सोचें कि अगर आपके परिवार
के सदस्यों की संख्या 5 है और हर सदस्य ने 4 लाख की पोलिसी का बीमा कराया हुआ है.
तो इस तरह बीमा की रकम हुई 20 लाख रूपये. किन्तु वहीँ परिवार बीमा में घर के सबसे
बड़े व्यक्ति की उम्र के आधार पर पालिसी व प्रीमियम को तय किया जाता है. वैसे तो
अधिकतर मामलों में फॅमिली फ्लोटर अच्छा ही होता है और अगर मुखिया की आयु 40 साल के
अंदर ही है तब तो आपकी फॅमिली को अधिक लाभ मिलते है.
हेल्थ कवर होने पर हॉस्पिटल
अधिक पैसे लेते है, फिर उपभोक्ता को
अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ा है :
अगर ऐसी स्थति उत्पन्न हो
जाती है तो कंपनी और हॉस्पिटल दोनों को एक साथ बैठकर बात करनी चाहियें और बीमा
धारक उपभोक्ता के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए ही निष्कर्ष पर पहुंचना चाहियें.
कंपनी को इस बात को ध्यान में रखना चाहियें कि उपभोक्ता के साथ कोई भी नाइंसाफी ना
हो. क्योकि किसी भी बीमार व्यक्ति की बिमारी से लाभ उठाना बिलकुल भी उचित नहीं है.
हेल्थ कवर पर पैसे कमाना बहुत ही गंदी हरकत है. इससे बचना चाहिए.
इन सभी बातों से ये
निष्कर्ष निकलता है कि उपभोक्ता को पोलिसी लेते वक़्त बहुत सजग रहना चाहियें और
अधिक से अधिक बातों पर ध्यान देना चाहियें. सही पोलिसी ही आपको बीमा का सही लाभ दिला
सकती है.
बीमा पालिसी के सिद्धांतों, लाभ हानि इत्यादि के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते है.
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