गर्भवती महिला के लिए सही आहार ( Right Diet
for Pregnant Women )
आज के व्यस्त जीवन में हम अपना खुद का तो ध्यान रख नहीं
पाते तो उन स्त्रियों के बारे में विचार किया जाए जो गर्भावस्था में है तो क्या होगा.
उनके लिए तो खुद का ध्यान रखने के साथ साथ उस बच्चे का ध्यान रखना होता है जो उनके
गर्भ में है. ये सच में उनके लिए एक चैलेंज से कम नहीं होता. वैसे तो पूरा परिवार
उनके साथ होता है किन्तु खुद को भी बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है ताकि
बच्चा स्वस्थ रह सके और जब बच्चे को स्वस्थ रखने की बात आती है तो सबसे पहले ध्यान
आता है भोजन. CLICK HERE TO KNOW गर्भधारण कैसे करें ...
Garbhavastha mein Kya Khayen Kya Nahi |
महिलाओं के शरीर में दो समयों पर अनेक बदलाव होते है और ये
दो समय है मासिक धर्म और गर्भावस्था. इन अवस्थाओं में इनके शरीर के अनेक हार्मोन
बदलते है तो इस वजह से भी इनका अपने शरीर के प्रति सचेत रहना जरूरी है. इस अवस्था
में किसी भी तरह की असावधानी जच्चा और बच्चा दोनों के जीवन के लिए परेशानियों का
सबब बन सकता है. तो आज हम आपको कुछ ऐसी ही बातों को बताने जा रहे है जिनको एक
स्त्री को अपनी गर्भावस्था में अवश्य स्मरण रखना चाहियें.
इन बातों को याद रखें ( Remember
These Things ) :
· जांच ( Tests ) : लोग सोचते है कि
महिलाओं को बच्चा होने के बाद ही बार बार डॉक्टर के पास जाना पड़ता है जोकि सही भी
है किन्तु गर्भावस्था में भी हर गर्भवती स्त्री को लगातार किसी अच्छे स्त्री रोग
विशेषज्ञ से जांच कराते रहना चाहियें.
टेटनस ( Tetanus ) : अगर चिकित्सक सलाह दे तो आप
टेटनेस का इंजेक्शन भी अवश्य लगवाएं.
मूत्र जांच ( Urinal Test ) : जांच में आप हर
महीने मूत्र का टेस्ट भी कराएं.
· गर्भधारण से पहले ( Before Pregnancy ) : अक्सर ये देखा गया
है कि जब महिलाओं का शरीर गर्भधारण के लिए तैयार होने लगता है तो उन्हें कम भूख
लगने लगती है. अगर आपको भी ऐसा महसूस हो तो आप खाना जरुर खाए लेकिन हल्का खाना
खाएं और थोड़े थोड़े समय के बाद खाएं. इससे आपके शरीर तक जरूरी पौषक तत्व पहुँचते
रहेंगे. CLICK HERE TO KNOW मासानुसार गर्भिणी परिचर्या ...
गर्भावस्था में क्या खायें क्या नहीं |
· गर्भधारण के बाद ( After Pregnancy ) : जैसे ही स्त्री को
गर्भधारण के 2 महीने हो जाते है तो उनकी भूख अचानक से बढ़नी शुरू हो जाती है. ये भी
आपके लिए अच्छा ही है इस समय आपको अपने भोजन में ऐसे आहार को शामिल कर लेना
चाहियें जिससे आपके शरीर को ताकत मिले. साथ ही आप शरीर में पानी की कमी भी ना होने
दें.
· खाने में पौषक तत्व
( Nutrients in
Food ) : आप अपने आहार में पौषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज लवण और आयरन इत्यादि को समुचित मात्रा में जगह दें. अगर ये सभी तत्व आपके
खाने में नहीं होने तो आपको खून की कमी अर्थात अनीमिया तक होने का ख़तरा बना रहता
है. वैसे तो इस अवस्था में खट्टा खाने का मन करता है किन्तु इसका सेवन अधिक मात्रा
में ना करे और बासी व चर्बी वाले भोजन से तो दूर ही रहें.
· पानी ( Water ) : गर्भ में महिलाओं को
पानी के साथ भी थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. इसलिए आप पानी को 15 से 20
मिनट तक उबाल कर रख लें और उसी का सेवन करें. अगर आप पानी को उबलते वक़्त उसमे
सुगंधिबाला, चन्दन, नागरमोथा और शुद्ध
चांदी व सोने का सिखा डाल लें तो ये पानी
आपके लिए सर्वश्रेष्ठ होगा.
Healthy Food Diet for Pregnant Women |
· व्यायाम ( Exercise ) : गर्भावस्था में
हल्का व्यायाम करें किन्तु उन सभी व्यायामों से बचें जिससे पेट में झटके लगते है.
आप दौड़ लगाने, तैराकी करने, घुड़सवारी करने और टेनिस जैसे खेल खेलने से भी बचें. शरीर के व्यायाम के साथ
साथ मानिसक व्यायाम भी आवश्यक है तो आप कुछ देर ध्यान जरुर करें.
· अंतिम 3 महीने ( Last 3 Months ) : गर्भावस्था में
अंतिम 3 महीनों में स्त्रियों के पैरों पर कुछ सुजन सी आ जाती है या मस्से निकलने
लगते है. जब आपके साथ भी ऐसा होने लगे तो आप रोजाना भोजन के समय उस छाछ का सेवन
करें जिसका मक्खन निकाल लिया गया हो.
· दाल ( Pulses ) : दाल को पौषक तत्वों
की खान कहा जाता है. इसलिए आप रोजाना 1 कटोरी दाल में घी का छोंक लगाकर उसमें
निम्बू का रस डालें और उसे पी जाएँ. ये आपके शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होने
देता. वैसे तो आप मसूर, चोलाई, चना दाल पी सकते है किन्तु मुंग की दाल आपके लिए सर्वाधिक उचित होती है.
सोयाबीन ना लें क्योकि उन्हें पचाने में काफी समय लगता है.
स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आहार |
· हरी सब्जियां ( Green Vegetables ) : आप बीच बीच में हरी
सब्जियां जैसेकि करेले, भिन्डी, तोरी, मटर, बथुआ, पुदीना, पालक, गाजर, पेठा इत्यादि सब्जियों को भी ग्रहण करते रहे क्योकि ये वात, पित्त और मलगम का नाश करते है. आप इनका सूप बनाकर या हलवा बनाकर भी ग्रहण कर
सकते है.
· लौह तत्व ( Iron ) : शरीर में रक्त को
बनाने का कार्य लौह धातु करती है और लौह तत्व को पाने के लिये आपको काले अंगूरों, काले खजूर, चुकंदर, आंवला, सेब, किशमिश, अनार, देशी गुड, मेथी, हरा धनिया और पालक अवश्य खाना चाहियें. इसके साथ आप वे भोजन भी अवश्य लें
जिनमे विटामिन सी की मात्रा अधिक हो क्योकि इन सब को पचाने के लिए आपको इस विटामिन
की आवश्यकता अवश्य पड़ेगी.
· फल ( Fruits ) : आप फलों के रूप में
ऊपर बताये गए पदार्थों के साथ साथ हरा नारियल, उसका जल, स्ट्रोबेरी, लीची, अनानास, सीताफल, अमरुद, तरबूज, कैथ और चीकू इत्यादि भी कभी
कभी खा सकती है किन्तु ध्यान रहे कि आप पपीते का सेवन बिलकुल भी ना करें क्योकि पपीता
गर्भपात कराता है. एक बात और ये है कि सूर्य के अस्त हो जाने के बाद फलों का
सेवन बिलकुल भी ना करें.
· भोजन का सही समय ( Correct Time for Food ) : आप इसे तीन हिस्सों
में बाँट सकते है.
प्रातःकाल ( In Morning ) : आप रात को सोने से
पहले कुछ बादाम की गिरी, अंजीर और मुनक्को को
भिगो कर रखें और प्रातः काल उनका सेवन करें. आप इसे नाश्ते का नाम भी दे सकती है.
Garbhvati mahilaa ka Khanpaan |
पंचामृत ( Panchamrit ) : पंचामृत पाचनशक्ति
को बढाने के लिए लिया जाता है. इसके साथ ही आप च्यवनप्राश, सुवर्णप्राश भी अवश्य ग्रहण करें.
दिन और शाम ( Day and
Afternoon ) : दिन में करीब 11 बजे और व संध्या को 6 बजे सात्विक, सुपाच्य और पौष्टिक भोजन का सेवन करें.
किन्तु खाना खाने से पहले आप अपने हाथों और पैरों को धोना बिलकुल भी ना भूलें.
आप उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुख करके ही खाना खाएं. अगर घर में गीता है तो आप
उसके 15वे अध्याय का रोजाना पाठ करें और ऐसा अनुभव करें कि आप स्वयं हृदयस्थ ईश्वर
को भोजन करा रही है.
तो इन सब बातों को स्मरण रखते हुए ही आप गर्भावस्था में अपने खाने का चुनाव
करें, साथ ही गर्भवस्था में
महिलाओं से जुडी किसी भी अन्य जानकारी के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी
हासिल कर सकते हो.
Prasav se Pahle Santulit Aahar |
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- गर्भावस्था में क्या खायें क्या नहीं
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