शंख के दर्शन से पाप नष्ट
( The
Presence of Shell Removes all Sins )
हमारे हिन्दू धर्म में
शंख को पवित्र और शुभ फलदायी माना गया है, इसलिए पूजा पाठ में शंख बजाने का भी नियम है. घर में
शंख रखने और नियमित रूप से, बजाने के ऐसे कई फायदें हैं. जो
हमारी सेहत, घर की सुख शांति और पाप को दूर करने से जुड़े
हैं.
पुराणों के अनुसार चन्द्रमा
और सूर्य के समान ही शंख देवस्वरूप है. इसके बीच वाले भाग में वरुण, पिछले भाग में ब्रह्मा और आगे के
भाग में गंगा और सरस्वती का निवास होता है. शंख से शिवलिंग, कृष्ण
या लक्ष्मी जी पर जल या फिर पंचामृत से अभिषेक करने पर देवता प्रसन्न हो जाते है. CLICK HERE TO KNOW पूजा के स्थान पर शंख का महत्व ...
Pavitra Shankh ke Chamatkaarik Laabh |
पूजा स्थल पर शंख रखने की
परंपरा है क्योंकि शंख को सनातन धर्म का प्रतीक माना गया है. ऐसा भी माना जाता है
कि इस मंगलचिह्न मतलब शंख को घर में पूजा के, स्थान पर रखने से पाप का नाश होता है और सौभाग्य की
वृद्धि होती है. हिन्दू धर्म में शंख का महत्व पहले से ही चला आ रहा है.
यह भी माना जाता है कि
शंख के स्पर्श से साधारण जल भी गंगाजल जैसा ही पवित्र हो जाता है. मंदिर के शंख
में जल भरकर ही भगवान की आरती की जाती है, आरती के बाद शंख का ही जल भक्तों पर छिड़का जाता है
जिससे वे प्रसन्न होते है. जो व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण को शंख में फूल, जल और तिलक रखकर उन्हें अर्ध्य देता है उसको अपार पुण्य की प्राप्ति होती
है.
एक मान्यता के अनुसार कोई
भी पूजा, हवन,
यज्ञ आदि शंख के उपयोग के बिना पूरा नहीं माना जाता है. शंख व्यक्ति
को उसकी मनोकामना पूरी करने में बहुत मदद करता है तथा जीवन को भी खुशियों से भर
देता है. शंख को विजय, सुख, यश,
कीर्ति तथा लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, वैदिक
अनुष्ठानों एवं कुछ तांत्रिकों के द्वारा भी निम्न प्रकार से शंख का इस्तेमाल किया
जाता है. CLICK HERE TO KNOW शंखपाल कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव व उपाय ...
पवित्र शंख के चमत्कारिक लाभ |
शंख के प्रकार ( Type of Shell ) :
वैसे तो शंख कई प्रकार के
होते है और सभी की विशेषता व पूजा करने की विधि भी अलग अलग ही होती है. उच्च
श्रेणी के शंख जैसे :- कैलाश मानसरोवर, मालद्वीप, लक्षद्वीप, कोरमंडल द्वीप समूह श्रीलंका एवं भारत में पायें जातें हैं और यें तीन
प्रकार के होते हैं :-
गणेश शंख, वामावर्ती शंख, दक्षिणावर्ती शंख
गणेश शंख :
ये पूज्य देव गणेश के
आकार का ही होता है इसलिए इसको गणेश शंख ही कहा जाता है. इसे हम प्रकृति का
चमत्कार या प्रभु की कृपा भी कह सकते है कि इसकी आकृति और शक्ति बिल्कुल गणेश जी
के जैसी ही होती है. वे व्यक्ति निश्चित रूप से बहुत ही ज्यादा सौभाग्यशाली होते
है जिनके घर में गणेश शंख का पूजन किया जाता है. गणेश जी की कृपा से सभी प्रकार की
परेशानियाँ दूर हो जाती है आर्थिक, व्यापारिक समस्याओं से मुक्ति पाने का श्रेष्ठ उपाय
श्री गणेश शंख ही है, इसे चार वर्णों में बांटा गया है जिसका
आधार इसका रंग है इस दृष्टि से शंख चार रंग का होता हैं :- सफेद, गाजरी व भूरा, हल्का पीले व स्लेटी रंग का होता है.
Miraculous Benefits of Sacred Holy Conch Shell |
वामावर्ती शंख :
वामावर्ती शंख का उपयोग
सबसे ज्यादा किया जाता है इसका आकार बिल्कुल श्री यंत्र की तरह ही होता है. इसे
प्राकृतिक श्री यंत्र भी माना जाता है जिस भी घर में पूरे विधि विधान से इसकी पूजा
की जाती है, वहाँ पर
लक्ष्मी जी सदा वास करती है. इसे दो प्रकारों से सीधे होठों से व धातु के बेलन पर
रखकर बजाया जाता है, इस शंख की आवाज़ बहुत ही सुरीली होती है.
विद्या की देवी सरस्वती भी शंख धारण करती है वे खुद भी विणा शंख की पूजा करती है
और यह भी माना जाता है कि इसकी पूजा करने से या इसके जल को पीने से मंद बुद्धि
वाला इन्सान भी ज्ञान से परिपूर्ण हो जाता है.
दक्षिणावर्ती शंख :
भगवान विष्णु खुद भी अपने
दाहिने हाथ में दक्षिणावर्ती शंख धारण करते है. पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के
समय यह शंख निकला था जिसे स्वयं भगवान विष्णु जी ने धारण किया था. यह एक ऐसा शंख
है, जिसको बजाया नहीं जाता है सिर्फ
पूजा के स्थान पर ही रखा जाता है. इसे सर्वाधिक शुभ भी माना जाता है.
वैज्ञानिक महत्व :
शंख एक समुद्री उत्पाद है
जिसे मोलस्कश परिवार में रखा गया है यह एक प्रकार के समुद्री जीव का कवच है. इसके
ऊपर विभिन्न वैज्ञानिक व औषधीय गुणों का उल्लेख किया जा चुका है. ऊपर तीन प्रमुख
शंखों के अलावा कुछ अन्य शंखों का विवरण कुछ इस प्रकार किया गया है :-
दैवीय शंख से पायें सुख समृद्धि |
गोमुखी शंख :
इस शंख की आकृति गाय के मुख के समान बहुत ही
सुंदर होती है. इसे शिव पावर्ती का भी स्वरूप माना जाता है, धन की प्राप्ति तथा अपनी
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इसकी स्थापना उत्तर की ओर मुँह करके की जाती है. यह
भी माना जाता है कि इसमें रखा पानी पीने से गाय की
हत्या के पाप से मुक्ति मिलती
है और इसको कामधेनु शंख भी कहा
जाता है.
विष्णु शंख :
यह शंख सफ़ेद रंग और गरुड़ की आकृति के समान
होता है. इसे वैष्णव संप्रदाय के व्यक्ति विष्णु स्वरूप मानकर अपने अपने घरों में
रखते है. माना जाता है कि जहाँ विष्णु होते है वहां लक्ष्मी भी स्थित होती है.
इसलिए जिस भी घर में इस शंख की स्थापना होती है उसमें लक्ष्मी और नारायण का वास
हमेशा रहता है. एक और मान्यता यह भी है कि इस शंख से रोहिणी, चित्रा व स्वाति नक्षत्रों में
गंगाजल भरकर और मंत्र का जप करकें, उस जल को किसी गर्भवती
महिला को पिलाने से सुंदर, ज्ञानवान व स्वस्थ संतान की
प्राप्ति होती है.
Paapnaashak Shankh |
पांचजन्य शंख :
यह भगवान श्री कृष्ण का ही रूप है इसको
विजय व यश का प्रतीक माना गया है इसमें पांच उँगलियों की आकृति होती है. घर में
किसी भी प्रकार का वास्तु दोष चल रहा है तो उसी से मुक्ति पाने के लिए इसकी
स्थापना की जाती है. यह राहू और केतु के दुष्प्रभाव को भी कम करने में मदद करता
है.
अन्नपूर्णा शंख :
यह अन्य सभी शंखों से बहुत ज्यादा भारी होता है
इसका इस्तेमाल भाग्यवृद्धि और सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है. इस
शंख में गंगाजल भरकर सुबह सुबह सेवन करने से मन में संतुष्टि की इच्छा उत्पन्न
होने लगती है तथा व्याकुलता समाप्त होती जाती है.
मोती शंख :
इसका आकार बहुत ही छोटा
और बिल्कुल मोती के आकार का ही होता है इसको भी लक्ष्मी जी की प्राप्ति के लिए दक्षिणावर्ती शंख
के समान पूजाघर में स्थापित किया जाता है. इसकी स्थापना से समृद्धि की
प्राप्ति व व्यापार में सफलता प्राप्त होती है. इसमें नियमित रूप से लक्ष्मी मंत्र
का 11 बार जप अवश्य करें, ऐसा करने से लक्ष्मी जी जल्दी ही प्रसन्न होती है.
हीरा शंख :
यह स्फटिक के समान धवल, पारदर्शी
व चमकीला होता है यह बहुत ही ऐष्वर्यदायक लेकिन अत्यंत कमज़ोर होता है. इसमें से हीरे के समान सात रंग निकलते है, इसका इस्तेमाल
प्रेम व शुक्र दोष से रक्षा के लिए किया जाता है. इसकी स्थापना से शुक्र ग्रह की
कृपा भी प्राप्त होती है.
Shankh ke Darshan se Payen Punya Fal |
टाइगर
शंख :
इस शंख
पर बाघ के समान धारियां होती है जो बहुत ही सुंदर दिखाई देती है. ये धारियां लाल,गुलाबी,काली व कत्थई जैसे रंग की होती है. इसकी स्थापना से आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है तथा शनि, राहू और केतू ग्रह की व्याधियों से
मुक्ति मिलती है.
तात्पर्य
यह है कि शंख के अनेक गुण है साथ ही साथ साधक के मन में भी तंत्र शक्ति का संचार
भी होता है ये सभी गुण अध्यात्मिक भी है, वैज्ञानिक भी और औषधीय भी है इनके
गुणों को देखते हुए इनकी स्थापना अवश्य करनी चाहिए. ऐसा करने से आपके पाप तो नष्ट
होंगें ही साथ में हमारी मनोकामनाओं की भी पूर्ति होगी और ये सब हमारे लिए बहुत ही
लाभकारी साबित होगा.
शंख के
ऐसे ही अन्य लाभ और पूजा में शंख के महत्व के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत
नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Ghar mein Shankh Rakhne or Bajane ke Fayde |
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ReplyDeletePlease tell about garur shankh
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