आखिर क्या है प्यार ( What is Love )
प्यार एक ऐसा अहसास है जो सभी की भावनाओं से जुड़ा होता है साथ ही इसका संबंध
समाज से भी है. इसका अहसास सभी संजो कर रखना चाहते है और ये दिमाग पर इस कदर असर रखता
है कि व्यक्ति अपनी हर परिस्थिति में अपने प्यार को अपने साथ ही पाता है. अच्छा ये
तो हुई प्यार के बारे में छोटी सी भावनात्मक जानकारी किन्तु आज हम भावनात्मक नहीं
बल्कि विज्ञान की दृष्टि से प्यार को समझने की कोशिश करेंगे. तो क्या आप साइंस की
दृष्टि से बता सकते है कि प्यार क्यों होता है? अगर नहीं तो कोई बात
नहीं क्योकि इस पोस्ट में आपको आपके दिमाग, दिल और प्यार के बीच
के संबंध के बारे में पूर्ण जानकारी मिलेगी. CLICK HERE TO KNOW प्रेम प्यार क्या है ...
Medical Science Btayegi Aakhir Kya Hai Pyar |
चिकित्सा विज्ञान प्यार को न्यूरोलॉजिकल स्थिति मानता है अर्थात जब शरीर में
कुछ हार्मोन और केमिकल एक दुसरे से मिलते है तो वो आपको प्यार की तरफ ले जाता है.
कुछ लोगों में ये बदलाव इतना अधिक हो जाता है कि उसे प्यार का रोग हो जाता है और
ऐसा आपने अनेक लोगों में देखा भी होगा कि वो अपने प्यार को पाने के लिए आत्महत्या
या किसी अन्य की हत्या करने तक नहीं घबराते. चिकित्सा विज्ञान में प्रेम की स्थिति
को तीन चरणों में बांटा गया है और हर पड़ाव में हार्मोन और केमिकल को ही उत्तरदायी
माना जाता है. प्यार के इस केमिकल लोचे को समझने में बड़ा ही मजा आने वाला है.
प्यार को कोई भी बिमारी की तरह नहीं देखता इसलिए अब हम भी इसे बिमारी नहीं
कहेंगे क्योकि ये प्यार पर नकारात्मक असर डाल रहा है. तो प्यार एक ऐसी सकारात्मक
भावना व स्थिति है जिससे व्यक्ति का मस्तिष्क उर्जावान होने लगता है और उसको संसार
को देखने का नजरिया बदल जाता है खासतौर से उस व्यक्ति के लिए जिसे देखकर प्यार
होने लगा है. अच्छा आपने एक कहावत जरुर सुनी होगी कि “ दिल आया गधी पर
तो परी क्या चीज है “. उम्मीद करते है कि
अब आप इसका मतलब अवश्य समझ गए होंगे. कहने का अर्थ ये है कि जब प्यार का केमिकल
लोचा होता है तो व्यक्ति को सामने वाले के अवगुण दिखने बंद हो जाते है, साथ ही उसे सामने वाले के अवगुणों में भी कुछ ख़ास दिखने लगता है और यही प्यार
का मजा भी है. CLICK HERE TO KNOW प्यार में होने के संकेत ...
मेडिकल साइंस बताएगी आखिर क्या है प्यार |
प्यार के 3 पड़ाव ( Three Stages of Love ) :
· आकर्षण ( Attraction ) : प्यार का पहला पड़ाव
आकर्षण होता है क्योकि जब हम किसी से प्यार करने लगते है तो हम उसकी तरफ खींचे चले
जाते है. अब ये आकर्षण भी दो तरह का होता है पहला तो शारीरिक और दूसरा भावनात्मक.
शारीरिक का मतलब आप किसी खुबसूरत लड़की से समझ सकते हो. जिसे देखकर आपकी आँखे बस
उसी पर जम जाती है. वहीँ भावनात्मक आप ऐसी लड़की से समझ लें जो दूसरों की मदद करती
है या बहुत समझदार है. यहाँ दोनों ही लड़कियों में कुछ खूबी है जो लड़के को उनकी तरफ
आकर्षित कर रही है. इसीलिए शोध में भी यही पता चला है कि प्यार का पहला पड़ाव
आकर्षण है.
· लालसा / मोह ( Desire ) : जब आप किसी के
आकर्षण में पड़ जाते हो तो पैदा होती है लालसा अर्थात उसकों पाने की इच्छा. इसके पीछे
भी साइंस है. दरअसल महिला और पुरुषों में कुछ ऐसे हार्मोन होते है जो इस लालसा को
पैदा करते है. ये हार्मोन है टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन. ये हार्मोन ही स्त्री
पुरुष के बीच शारीरिक संबंधों का कारण भी बनते है. इसीलिए लालसा को प्यार का दुसरा
पड़ाव माना गया है. विज्ञान की नजर में लालसा मनुष्य के दिमाग में तीन तरह के
केमिकल को बढ़ाती है.
Medical Science Will Tell What Is Love |
1.
एड्रेनेलिन ( Adrenaline ) : इसे आप तनाव की
स्थिति कह सकते हो. क्योकि ये स्थिति व्यक्ति में बेचैनी पड़ा करती है, वो तरह तरह की कल्पनाएँ करने लगता है, उसके दिल की धड़कने
बढ़ने लगती है, कुछ लोगों को तो गला व मुंह
सूखने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति में प्रेमी का मन अपने
प्रेम के बिना बिलकुल नहीं लगता. जो लालसा को बढाता है.
2.
डोपमाइन ( Dopamine ) : ये एक तरह का नशा होता
है, प्यार का नशा. इससे प्रेमी की उत्सुकता बढ़ जाती
है और वो अपनी भावनाओं और इच्छाओं की पूर्ति के लिए परेशान रहता है. ये केमिकल
जितना बढ़ता जाता है उतना ही प्रेमी को उकसाता भी जाता है. इस हालत में प्रेमी खाना
पीना छोड़ देता है, उसको नींद आनी बंद
हो जाती है, उसका किसी भी कार्य में मन
नहीं लगता, साथ ही वो अपने प्रेम से
जुड़े हर छोटे छोटे किस्से और चीजों के बारे में सोचने लगता है और उनकी कल्पना करके
अनायास ही खुश होने लगता है.
जाने क्यों पड़ते है प्रेम में |
3.
सेरोटोनिन ( Serotonin ) : ये केमिकल प्रेमी के
लिए बहुत ही खास होता है क्योकि ये उसके प्यार की हर तस्वीर को और उसके साथ बिताएं
हर पल को संभाल कर रखता है और बार बार उसका स्मरण कराता है. इसी केमिकल की वजह से
प्रेमी अपने प्रेम को कभी भी नही भूल पाता.
· जुड़ाव ( Relation ) : प्यार के तीन पडावों
में अगला है जुड़ाव या आप इसे प्रेमी का अपने प्यार के लिए गहरा लगाव भी कह सकते
हो. उसे अपना और अपने प्यार का संबंध एक बंधन लगने लगता है और वो महसूस करता है कि
वे दोनों एक दुसरे के लिए ही बने है और उन्हें कोई भी अलग नहीं कर सकता. ये पड़ाव
प्रेमी को जिम्मेदार और समझदार भी बना देता है. इस जगह पर आकर वो हर परिस्थिति में
अपने प्यार को संभाल कर रखने की कोशिश करता है और अगर उनके रिश्ते में कोई नोक झोक
हो भी जाती है तो वो उसे भी संभाल लेता है. इसी पड़ाव में आकर प्यार से जुड़े 2
भावनात्मक हार्मोन भी बनने लगते है जिन्हें ओक्सीटोसिन और वेसेप्रेसिन कहते है.
1.
ओक्सीटोसिन ( Oxytocin ) : ये प्यार के बंधन को
अटूट रखने में सहायक होता है अर्थात प्रेमी की सोच को ऐसा बना देता है कि वो अपने
रिश्ते को टूटने नही देता. प्रेमी की यही भवन उसके प्रेम को गहरा कर देती है और
दोनों एक दुसरे के बेहद करीब आ जाते है. वैसे ये हार्मोन माँ और बच्चे के बीच के
गहरे रिश्ते में भी पाया जाता है.
Jaanen Kyo Padte Hai Pyar mein |
2.
वेसेप्रेसिन ( Vasopressin ) : ये लम्बे समय तक
रिश्तों को बनाएं रखने में सहायक होता है अर्थात इसकी मदद से आप अपने प्रेमी से
कुछ वादे करते है और जब तक ये आपके साथ है आप अपने हर वादे को लम्बे समय के बाद भी
पूरा करने की कोशिश में लगे रहते हो. देखा जाये तो ये रिश्ते को संभाल कर रखता है.
इस केमिकल के बारे में एक ख़ास बात ये भी है कई जैसे जैसे ये केमिकल खत्म होने लगता
है वैसे वैसे पुरुष की उसकी महिला साथी में दिलचस्पी खत्म होने लगती है.
तो इस तरह आप विज्ञान के नजरिये से प्यार को आसानी से समझ सकते है. प्यार से
जुडी किसी भी तरह की अन्य जानकारी के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल
कर सकते हो.
Kyo Panapta Hai Dilon mein Prem |
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