कोर्ट केस और
ज्योतिष ( Court
Case and Jyotish Shastra )
· न्याय मिलने के तरीके ( Methods of Justice ) : कई बार सभी व्यक्तियों को कभी न कभी निम्न कारणों के द्वारा न्याय के
लिए कोर्ट में जाना पड़ता है. अगर किसी कारणवश न्यायालय उस व्यक्ति का न्याय नहीं
कर पाता है तो प्रकृति अपने द्वारा उसे सजा देती है. लेकिन जब व्यक्ति गलत तरीके
से, छल से या फिर झूठ बोलकर इंसाफ लेता है, तो वह इंसाफ नहीं बल्कि बेईमानी कहलायी
जाती है. न्याय के लिए जिन कारकों को नियुक्त किया गया है वे कुछ इस प्रकार से है. CLICK HERE TO KNOW मुकदमा जितने का उपाय टोटका ...
Kundali mein Grah Bhav ka Court Case par Prabhav |
· कुण्डली के द्वारा न्याय ( Justice using Kundali ) : कुन्डली में एक लगन वाद होता है और यह वाद कुन्डली में लग्नेश के
स्थान पर पाया जाता है. अगर लग्नेश खराब है तो वह असर भी खराब ही डालेगा और अगर
लग्नेश ठीक है तो उसका असर अपने आप ही अच्छा होगा. जो भी ग्रह अपने प्रभाव से खराब
असर डालेगा तो वही कारण न्यायालय में जाने का बन जाता है और न्याय के लिए हमें
कोर्ट में ही जाना पड़ता है.
सप्तम
भाव ( Seventh
House ) : सप्तम स्थान लग्न से या कुंडली से प्रतिवादी का
होता है अगर सातवाँ स्थान किसी प्रकार से शक्तिशाली होता है. तो प्रतिवादी की जीत
होनी निश्चित ही है. सप्तमेश का असर जिन - जिन ग्रहों या राशियों पर होता है वहीं
पर प्रतिवादी अपना खराब असर डालकर उनका कार्य भी बिगाड़ देता है.
· शनि और केतु के द्वारा ( With Unity of Raahu and Shani ) : शनि और केतु दोनों ग्रहों को मिलाकर ही वकील बनता है कोर्ट में जाने
के लिए, इंसाफ के लिए वकील की जरूरत पड़ती है. शनि और केतु अगर अलग - अलग होते है
तो वकील ठीक मिलता है, और अगर ये दोनों आपस में मिल जाते है, तो अच्छा वकील मिलना
भी मुश्किल हो जाता है बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जन्म कुन्डली की
स्थिति को देखकर ही पता किया जा सकता है गुरु किस भाव में है, और गुरु पर किस ग्रह
का असर हो रहा है. गुरु के ऊपर जिस ग्रह की नजर होती है जज उसी प्रकार का न्याय
देता है अगर ग्रह अच्छा होगा तो न्याय भी ठीक होगा अन्यथा न्याय झूठ और फरेब के
द्वारा किया गया होगा. CLICK HERE TO KNOW बुरी शक्तियों को भागने के उपाय टोटके ...
कुंडली में ग्रह भाव का कोर्ट केस पर प्रभाव |
· शनि का काम ( Work of Shani ) : शनि बुध इतिहासिक न्याय कर्ता है. कुन्डली में अगर किसी प्रकार से
शनि बुध की युति से न्याय लिखा जाता है तो वह इतिहासिक न्याय कहलाता जाता है और उस
न्याय के द्वारा अन्य लोगों को दिए गये न्याय का काम अदालत का होता है. न्याय
दिलाने का काम शनि का ही होता है. व्यक्ति जो भी कर्म करता है, उसके अनुसार फल
देने का कार्य शनि ही करता है और वह ही कर्म और न्याय का समय तय करता है. राहू प्रतिवादी को भ्रमित करने के बाद न्याय के लिए
न्यायालय में घुमाते रहते है और यही वकील के लिए कमाई का साधन बन जाता है.
· राहू का कार्य ( What Rahu Do ) : राहू का काम दो लोगों में झगड़ा करवाकर दूर होकर तमाशा देखना है. दो
इंसानों को आपस में चुगली के द्वारा या अन्य किसी कारण से राहू भ्रम में डाल देता
है और भ्रम के कारण दोनों एक - दुसरे से बिना कुछ जाने या राहू की बातों में आकर लड़ाई
ही करते रहते है और एक दुसरे कि जान के दुश्मन बन जाते है. फिर कोर्ट के चक्कर लगा
लगाकर अपनी सारी पूंजी उसी में नष्ट करके, अपना ही नुकसान कर बैठते है.
· शनि, राहू की युति ( Unity of Raahu and Shani ) : शनि, राहू की युति और मंगल की दृष्टि एक तरह से जेलखाना ही है.
कुंडली में शनि, राहू की युति को अगर मंगल देखता है तो इसे हम जेलखाना ही कहेंगें,
क्यूंकि अगर इसी में गुरु या सूर्य का प्रवेश हो जाता है तो सूर्य का आना जेलखाने
के भाव को बदल कर वाहन की तरह चलता फिरता बना देता है. यह भाव किसी प्रकार से केतु
की उच्चता में गाड़ियों को ठीक करने का स्थान भी बन जाता है.
Effect of Kundali on Court Case |
· द्वितीयेश धन, तृतीयेश चैक, षष्ठेश बैंक ( Effect of Planets according to Their Place in Kundali ) : दूसरे भाव का मालिक नगद पैसों का मालिक है उसको धन हाथों हाथ चाहिए. तीसरे भाव का मालिक चैक का मालिक है और इसी तरह से छठे भाव का मालिक खुद बैंक का ही मालिक होता है, तो इस प्रकार से तीसरे भाव को अगर अच्छा ग्रह देख रहा है तो चैक पास हो जाता है और इसमें अगर ग्रह को कोई गलती दिखाई दे जाती है, तो चैक वापिस हो जाता है उसी प्रकार से दूसरे भाव का मालिक अगर कमजोर हो तो बैंक में धन है ही नहीं, और चैक के द्वारा गलत तरीके से भुगतान किया जा रहा है. तीसरे भाव को अगर राहू देख लेता है तो इसका मतलब झूठा चैक दिया जा रहा है. नवें भाव का राहू जिस इंसान की कुण्डली में होता है, उसको झूठ बोलने पर मजबूर करता है, नवां भाव ही व्यक्ति के लिए तीसरे भाव जैसा ही बन जाता है.
कोर्ट केस और ज्योतिष शास्त्र |
· राहू का कार्य ( Rahu’s Work ) : राहू की फितरत सिर्फ झूठ बोलने की ही होती है, इसलिए व्यक्ति के अन्दर भी झूठ बोलने की क्रिया जन्म ले लेती है लेकिन गुरु अगर राहू के साथ होगा तो गुरुचान्डाल योग बन जाता है और इसके द्वारा जज को झूठी बात पर भी विश्वास हो जाता है. ऐसे फैसले से झूठे व्यक्ति को ही फ़ायदा मिलता है. वो इसी के द्वारा केस भी जीत जाता है लेकिन राहू के गोचर में मंगल के साथ मिलते ही सारा मामला पलट जाता है और झूठ से भी पर्दा उठ जाता है. झूठे तरीके से केस का जो असर होता है, वो अचानक ही मृत्यु या किसी और प्रकार के खतरनाक हादसे के रूप में सामने आ जाता है. जो झूठी गवाही देता है उसको किसी न किसी प्रकार की कभी न ठीक होने वाली बीमारी हो जाती है. झूठी गवाही के कारण व्यक्ति को जो नुकसान हुआ है उसकी किसी न किसी तरीके से उसकी पूर्ति हो जाती है और सही तरीकों में यही प्रकृति का नियम माना जाता है और जो भी न्याय किसी कारणवश कोर्ट नहीं कर पाता है, तो उसका फैसला प्रक्रति के द्वारा अपने आप हो जाता है.
न्याय दिलाने में
ग्रहों के प्रभाव और उनके हस्तक्षेप के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Insaaf Paane ke Liye Jruri Grah Bhav |
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Date of birth:26/08/1959, Time: 08.33AM, Place: Jhajjar, Haryana.
ReplyDeleteFalse police cases registers against me. How to win them, to get acquittal from them.
कोर्ट मे जीत के लिए जिम्मेदार ग्रह
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