अंत उतरना ( Hernia )
हमारा शरीर पांच
तत्वों से मिलकर बना है जिनमे से एक तत्व है आकाश, आकाश अर्थात खाली स्थान. तो हर
व्यक्ति के शरीर में कुछ खाली स्थान भी होते है या यूँ कहें कि हमारे पेट में कुछ
ऐसे स्थान भी है जो खोखले होते है. इन्ही खोखले स्थानों को देहगुहा ( Body Cavity ) कहा जाता है. ये खाली स्थान हमारी खाल या चमड़ी
से बनी झिल्ली से हमेशा ढके हुए रहते है. किन्तु कई बार किसी कारणवश ये झिल्लियाँ
फटने लगती है या टूटने लगती है. जिससे उसमे स्थति शरीर का अंग बाहर की तरफ निकलने
लगता है. इसे एक तरह का रोग कहा जाता है जिसका नाम है हर्निया ( Hernia ). जब ये स्थिति पैदा
होती है तो आप उसे देख भी सकते हो क्योकि ये आपके पेट में उभार के रूप में स्पष्ट
दिखाई देती है. CLICK HERE TO KNOW हर्निया के कारण और लक्षण ...
Aanton ke Utarne ke Ghrelu Aayurvedic Upchar |
ये एक ऐसी समस्या है
जो रोगी को उस स्थिति में पहुंचा देती है जहाँ वो अपने जीवन को खत्म तक करने के
बारे में विवश हो जाता है. इस स्थिति का मुख्य कारण आपके पेट की इन झिल्लियों और
दीवारों का कमजोर होना ही होता है. किन्तु आपकी लापरवाही भी इस रोग को जन्म दे
सकती है. आज हम अपनी इस पोस्ट में हर्निया से मुक्ति के कुछ देशी घरेलू आयुर्वेदिक
उपायों की चर्चा करेंगे, जिनको अपनाकर रोगी हर्निया जैसी समस्या से आसानी से निजात
पा सकता है.
हर्निया का घरेलू
इलाज ( Home
Remedies for Hernia )
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अदरक की
जड़ ( Ginger Roots
) : हर्निया के होने या आँतों के उतरने का एक कारण ये
भी है कि पेट में गैस्ट्रिक एसिड और बाईल जूस निकलने लगता है. जिससे पेट की
दीवारों को हानि पहुँचती है किन्तु अगर रोगी को रोजाना अदरक की जड़ का जूस पिलाया
जाते तो इससे उसके पेट को इन एसिड से सुरक्षा मिलती है और उसे हर्निया के दर्द में
भी आराम मिलता है.
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बर्फ ( Ice ) : बर्फ का इस्तेमाल सुजन को दर्द को करने के लिए बहुत अधिक किया जाता
है. आपने बर्फ का इस्तेमाल किसी खिलाड़ी को भी करते हुए जरुर देखा होगा. तो जब
हर्निया का दर्द हो तो एक कपडे में कुछ मात्रा में बर्फ डालें और उससे हर्निया के
दर्द वाली जगह पर लगायें. आपको तुरंत दर्द से राहत मिलेगी. CLICK HERE TO KNOW रक्त विकार कारण और लक्षण ...
आँतों के उतरने के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार |
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बबुने
का फुल (
Chamomile ) : जब कोई व्यक्ति हर्निया के रोग से ग्रस्त होता
है तो उसे पेट विकार जैसेकि एसिडिटी और गैस इत्यादि होने लगते है. ऐसी स्थिति
उत्पन्न होने पर रोगी को रोजाना बबुने के फुल का सेवन अवश्य करना चाहिए. क्योकि
बबुने के फुल रोगी का पाचन तंत्र ठीक करते है जिससे उन्हें पेट विकार होने की
संभावना खत्म हो जाती है.
·
मुलैठी
( Licorice ) : मुलैठी का इस्तेमाल अधिक मलगम, खांसी और जुखाम में किया जाता है.
किन्तु क्या आप जानते हो कि ये पेट संबंधी रोगों के लिए भी एक रामबाण इलाज के रूप
में कार्य करती है. खासतौर से हर्निया में. जब किसी व्यक्ति को हर्निया होता है तो
उसके पेट पर रेखाएं पड़ने लगती है. इन रेखाओं को मिटाने में मुलैठी बहुत ही कारगर
सिद्ध होती है.
·
मसाज ( Massage ) : मसाज से अभिप्राय उतरी हुई आंतों को दुबारा उनके स्थान पर पहुंचाने
से है. प्राकृतिक चिकित्सा में जब किसी व्यक्ति की आंते उतर जाएँ तो उसे पेट के बल
लिटा लेना चाहियें और उसके बाद उसके नितम्बों को थोडा ऊपर उठाकर उँगलियों द्वारा
सहलाना चाहियें. यहाँ इस बात का ध्यान रहे कि जिस स्थान पर दर्द है उस स्थान पर
सावधानी से और धीरे धीरे सहलायें. कुछ दिन ऐसा करने से रोगी की आंते वापस अपने
स्थान पर आ जाती है. जितने दिन ये क्रिया की जाए तब तक रोगी को पौषक तत्वों से भरा
भोजन कराना चाहियें. ताकि उसकी मांसपेशियों को मजबूती मिले.
Home and Aayurvedic Treatments for Hernia |
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हर्निया
पट्टी ( Hernia
Strap ) : हर्निया पट्टी एक ऐसी पट्टी है जिसको रोगी को
प्रातःकाल से रात को सोने के वक़्त तक अपने पेट पर बांधनी चाहियें. इस पट्टी का लाभ
ये है कि ये तलपेट के ऊपर वाले हिस्से को नीचे की तरफ दबाव डालते हुए रोके रखने
में सहायक होती है. ये शीघ्र भी लाभ पहुंचाने में सहायक होती है. इसका एक लाभ ये
भी है कि इससे रोगी की मांसपेशियां जल्द ही मजबूत भी हो जाती है और दुबारा उसे
हर्निया या आँतों के उतरने की समस्या भी नहीं होती.
· काढा बनायें ( Make Brew ) : आप 4 से 5 अमरुद की पत्तियाँ, 4 से 5 आम की पत्तियाँ और इतनी ही
युक्लिप्टस की पत्तियाँ लें और उन्हें अच्छी तरह से कूट लें. अब आप इनका काढा
निर्मित करें और उसका सेवन करें. ये काढा आँतों की झिल्लियों को मजबूत करने में
सहायक सिद्ध होता है.
· अर्जुन की छाल ( The Bark of Arjun Tree ) : अर्जुन एक ऐसा पेड़ है जिससे अनेक तरह के रोग ठीक होते है जैसेकि हार्ट
अटैक या अस्थामा इत्यादि. अगर रात को सोते वक़्त 1 चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण और
¼ चम्मच दाल चीनी को 1 ग्लास पानी में आधा घंटा
उबालकर पानी को पीया जाएँ तो इससे हर्निया तुरंत दूर हो जाता है.
हर्निया है तो करें ये उपाय |
· एलोवेरा जूस ( Aloe Vera Juice ) : प्रतिदिन सुबह खाली पेट 1 ग्लास पानी में 30 मिली एलो वेरा जूस डालकर
घूंट घूंट करके पीया जाएँ तो इससे भी हर्निया में आराम मिलता है.
· अलसी ( Linseed ) : अलसी के बारे में
कौन नहीं जानता. इसको एक सुपर फ़ूड माना जाता है. इसमें पाया जाने वाला ओमेगा – 3
हर रोग का उपचार होता है और हर्निया में तो ये बहुत अधिक फायदेमंद सिद्ध होता है.
किन्तु अलसी की तासीर गर्म होती है. इसलिए अगर रोगी गर्मियों के दिन में इसका सेवन
कर रहा है तो उसे 1 चम्मच ही अलसी के बीजों का सेवन करना चाहियें और अगर रोगी
सर्दियों के दिन में इस उपाय को अपना रहा है तो वो 3 चम्मच अलसी के बीजों को भुन
का या सादे ही सेवन कर सकता है.
· मेथी दाना ( Fenugreek ) : आप रात के समय सोने से पहले 1 ग्लास पानी में 1 चम्मच मेथी के दानों
को भीगने के लिए रख दे. अगले दिन सुबह के समय आप इन मेथी दानों को चबा चबा कर खा
जाएँ और पानी को पी लें. जल्द ही आपको लाभ मिलेगा.
· सुर्यतत्प जल ( Insolated Water ) : हर्निया के रोगी गहरे नीले रंग की एक बोतल लें और उसमें पानी को भरकर
सूरज की किरणों में गर्म करें. इस जल को सुर्यतप्त जल कहा जाता है. रोगी इस जल को
रोजाना 50 – 50 मिली की मात्रा में दिन में कम से कम 6 बार अवश्य पियें.
· योगासन ( Exercises ) : कुछ योगासन जैसेकि अर्द्धसर्वांगासन, पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन,
शीर्षासन और शभासन इत्यादि हर्निया में लाभदायी होते है तो रोगी को इन आसनों का भी
अभ्यास जरुर करना चाहियें. किन्तु ध्यान रहें कि पीछे की तरफ झुकने वाले आसनों से
जितना हो सके उतना बचें.
Aant Utarna |
· सावधानियां ( Cautions ) : हर्निया के रोगियों के लिए जरूरी है कि वो अपने कुछ सावधानियों को
ध्यान में अवश्य रखें ताकि उसकी स्थिति अधिक ना बिगड़ जाएँ. ऐसी ही कुछ सावधानियां
नीचे लिखी हुई है.
- जिस जगह आपको हर्निया की शिकायत है उस जगह को कभी
भी गर्म पानी या गर्म चीजों से बिलकुल भी ना सेंकें.
- ना तो तंग कपडे पहने और ना ही अधिक कसरत करें.
- तकिये की मोटाई करीब 6 से 7 इंच की होनी चाहियें.
- पेट में गैस या एसिडिटी को बिलकुल भी ना बनने
दें.
- दिन में थोडा थोडा खाना कई बार खाएं, नाकि एक ही
बार में अधिक भोजन कर लें.
- शराब, बीडी, तम्बाकू से पूरी तरह से दूर रहें.
तो इन सब उपायों को
अपनाकर आप हर्निया से मुक्त रह सकते है अगर इसके अलावा भी आप हर्निया के बारे में
कुछ अन्य जानकारी पाना चाहते है तो आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर
सकते हो.
Harnia ko Najarandaj na Karen |
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shrimanji meri samasya ye he ki jahan tak me samajhta hun mujhe ye samaysa do varsh se he.tin char mah pahile tak ye kabhi 2 ber jesidikhai deti thi, aurdard bilkul nahien hota tha.abyahi badhakar aam ki guthali jesi ho gayi he aur kuchh kathor fi ho gayie he, dabane se halka dard hota he, kabhi kabhi janghon ke jod me halki jalan si mahsoos hoti he,jiske karan mujhe chinta sie ho gayie he, abhie tak mene parivaar me bataya nahien he, krapa karke koisahi salah aur upchar batayen,aapaki meharbani hogi. gmail he--- vaatpitttund@gmail.com jald batayen aapka aabharie rahunga. age - 56 years
ReplyDeleteSar,hamare bady me pet par dard bahut jor se hota hi and haidroseel ful Jaya hi
ReplyDeleteKya bemari hi
And
Ieske leye kya_2 Kiya Jay
Please batana sar!
बच्चे के अंडासय मे आता का उतरना और पेसाब का रूक जाना ईसका घरेलू उपाय
ReplyDeleteSir
ReplyDeleteMere andkosh me aant utarna start ho gayee h
Kya upaye h sahi karne ka
Plz send me