तगर से अनेक रोगों का इलाज (Treatment of Any Disease From Tagar)
मधुमेह (Diabetes) – यदि किसी व्यक्ति को सिर
और मज्जा के तंतुओं के ख़राब ही जाने के कारण मधुमेह या बहुमूत्र का रोग
हो गया हैं. तो इस रोग से बचने के लिए आप तगर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन दोनों
में से किसी भी बीमारी के होने पर तगर के ताजे फल की कम से कम एक ग्राम
की मात्रा लें और इसका दिन में दो या तीन बार सेवन करें. आपको
मधुमेह और बहुमूत्र के साथ – साथ सिर के रोगों, उन्माद, मिर्गी तथा विष के विकार
आदि रोगों से भी मुक्ति मिल जायेगी. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT शिलाजीत के अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण ...
तगर का प्रयोग कर पायें रोगों से मुक्ति |
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मासिक धर्म में अनियमितता (Irregularities
of Periods) – अगर किसी महिला को मासिक धर्म समय पर न हो रहे हो, मासिक धर्म के दिनों में अधिक
रक्तस्राव होता हो. तो इस परेशानी से बचने के लिए भी आप तगर का इस्तेमाल कर
सकती हैं. इसके लिए 3 से 5 ग्राम तगर का चुर्ण लें और 100 मिली पानी
लें. अब पानी को एक बर्तन में डालकर गर्म होने के लिए रख दें. इसके बाद
इस पानी में तगर का चुर्ण मिला दें और इस पानी को कुछ देर उबाल लें और एक काढ़ा
तैयार कर लें. इसके बाद इस काढ़े का सेवन रात को सोने से पहले करें. इस काढ़े
का सेवन करने के बाद आपको किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी तथा इसे पीने के
बाद आपको अच्छी नींद आएगी और यदि पुराने प्रमेह की शिकायत हैं तो वह
भी दूर हो जायेगी.
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हृदय शक्ति (Heart Power) – तगर हृदय रोगों के लिए भी
लाभकारी होता हैं. यदि कोई व्यक्ति हृदय रोगों से परेशान हो. तो उसे रोजाना तगर
की कुछ मात्रा को लेकर गर्म पानी में मिलाकर पीना चाहिए. प्रतिदिन तगर का सेवन
करने से मनुष्य के शरीर का रक्तसंचार सुचारू रूप से चलता हैं तथा हृदय
की तथा नाडी की गति की वृद्धि होती हैं.
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आँखों में दर्द (Eye Pain) – यदि किसी व्यक्ति की आँखों
में दर्द के साथ – साथ जलन और सुजन हो गई हो. तो वह व्यक्ति आँखों
के दर्द को कम करने के लिए भी तगर का प्रयोग कर सकता हैं. इसके लिए तगर के
कुछ पत्ते लें और इन्हें पीस लें. इसके बाद पत्तों के लेप को अपनी
आँखों के नीचे लगा लें. इस लेप को लगाने के बाद आपकी आँखों को ठंडक मिलेगी
तथा दर्द ठीक हो जाएगा. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT नारियल के स्वास्थीय और औषधीय गुण ...
Tagar ka Prayog kar Payen Rogon se Mukti |
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नसों की कमजोरी (The Weakness of Nerves) – अगर किसी व्यक्ति को स्नायु
शूल की शिकायत हैं या नसों में कमजोरी महसूस होती हैं. तो इन दोनों ही
रोगों से राहत पाने के लिए 5 ग्राम तगर की जड लें और उसे कूट लें. कूटने
के बाद इस इसमें 5 भाग पानी मिला लें और पानी की ही समान मात्रा में इसमें
तिल का तेल मिला लें. अब इस मिश्रण को धीमी आँच पर गर्म होने के लिए रख
दें. कुछ समय तक गर्म करने के बाद इस मिश्रण का सेवन आप कर सकते हैं.
इस उपाय को आजमाने से आपकी नसों की कमजोरी और स्नायु शूल की परेशानी ठीक हो
जायेगी.
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गठिया (Arthitis) – अगर किसी व्यक्ति को गठिया
रोग, पक्षाघात, कंठ का रोग या संधिवात की समस्या हो तो इसे दूर करने के
लिए रोजाना तगर को यशद की राख के साथ मिलाकर खाएं.
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जोड़ों में दर्द (Joint Pain) – अगर आपकी छाती में दर्द
रहता हैं इसके साथ ही आपके जोड़ों की हड्डियों में भी सदैव दर्द रहता हैं.
तो इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए तगर की हरी जड़ लें और उसे खूब महीन
पीस लें. पिसने के बाद इसे लस्सी मिलाकर पी लें. आपको जोड़ों के दर्द
में तथा छाती के दर्द में आराम मिलेगा.
Tagar ke Churn se Vibhinn Rogon ka Nidan |
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पुराना जख्म (Old Wound) - पुराना जख्म घाव या
कोई फुंसी और फोड़ा हो गया हो और वह जल्दी ठीक न हो रहा हो. तो उस पर
तगर का लेप कर दें. इस लेप को दो तीन दिनों तक लगातार लगाने से सभी
प्रकार के जख्म ठीक हो जायेंगे.
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भूलने की बीमारी (Amnesia) – भूलने की बीमारी होने पर
भी तगर का इस्तेमाल किया जा सकता हैं. भूलने के रोग से ग्रस्त होने पर
रोजाना एक गिलास पानी में तगर का चुर्ण घोलकर पी लें. स्मरण शक्ति तेज
हो जायेगी तथा भूलने की बीमारी से धीरे – धीरे छुटकारा मिल जाएगा.
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मानसिक अशांति (Stress) – यदि कोई व्यक्ति अधिक
तनाव में रहता हैं जिसके कारण हमेशा उसका मन अशांत रहता हो और उसे अपने
शरीर में बेचैनी महसूस होती हो. तो इसके लिए थोडा सा शहद लें और थोडा सा
तगर का चुर्ण लें. अब इन दोनों को एक साथ मिलाकर इस चुर्ण का सुबह और शाम
को खाने से बेचैनी और घबराहट ख़त्म हो जाती हैं और मानसिक अशांति से भी निजात
मिल जाती हैं.
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हाथ – पैर की एठन (Hand And Legs Cramps) – हाथ पैरों की एंठन को दूर
करने के लिए रोजाना कम से कम 150 ग्राम तगर का सेवन करना चाहिए.
Tagar se Anek Bimariyon ka Ilaaj |
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मिर्गी का रोग (Epilepsy Disease) – अगर किसी व्यक्ति को मिर्गी
का रोग हो गया हो और उसे दौरे पड़ते हो. तो इस रोग के निदान हेतु 4 ग्राम
तगर लें और उसे ठन्डे पानी के साथ पीस लें. अब इस पानी को एक महीने
तक रोजाना सुबह पी लें. मिर्गी के रोग में काफी आराम मिलेगा तथा यदि
किसी व्यक्ति को हिस्टीरिया रोग हो तो वह भी ठीक हो जाएगा.
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कम्पवात (Kmpwat) – कम्पवात रोग होने पर
250 से 500 मिली तगर का चुर्ण लें और उसमें यशद की भस्म मिला लें. इसके
बाद इस चुर्ण का सेवन करें. कम्पवात ठीक हो जाएगा.
तगर का विभिन्न रोगों में इस्तेमाल कैसे करें इस बारे में
अधिक जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
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Sir hath kapane per tagar ka had aor usake sath kya use kiya jay kid matra me
ReplyDeleteHi
ReplyDeleteAtypical facial pain ka treatment bataye
ReplyDeleteTagar ke nukshan kya kya ho sakte bataye jayen .thanks .
ReplyDeleteतगर के पाउडर के औषधीय प्रयोग के समय परहेज क्या हैं?
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