स्वास्तिक का महत्व
( Importance of
Swastik )
स्वास्तिक को हिन्दू
धर्म में बहुत शुभ माना जाता है. ब्याह-शादी का कार्ड हो या रस्मों में बनाये जाने
वाले रेखा चित्र. सब में स्वास्तिक का प्रयोग किया ही जाता है. कहते हैं किसी भी
मांगलिक कार्य में स्वास्तिक का उपयोग करना शुभ होता है. आईये जानते हैं स्वस्तिक
से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो आपकी ज़िन्दगी में जोड़ दिए जाने से आपको इसका लाभ प्राप्त
होता है. स्वास्तिक का अर्थ ही इसके गुणों का बखान करने के लिए काफी है.
स्वास्तिक तीन शब्दों के मेल से बना है सु + अस + तिक. इनमे
से पहले दो शब्द धातु रूप हैं. सु का मतलब है अच्छा व अस का मतलब है अस्तित्व. इस
तरह से स्वास्तिक का मतलब बन गया अच्छे अथवा शुभ का अस्तित्व यानि जहाँ स्वास्तिक
होगा वहां शुभ का अस्तित्व होगा. CLICK HERE TO KNOW स्वास्तिक क्या है महत्व ...
Swastik ka Riti Rivaaj or Aadhyatm mein Mahatv |
§ नयी कार या घर ( New Car or Home ) :
जब कोई
व्यक्ति नयी कार अथवा नया घर खरीदता है तो उस पर भी स्वस्तिक का निशान बनाकर तिलक
लगाया जाता है.
§ दिशाओं का ज्ञान ( Knowledge of Direction ) :
वास्तु
शास्त्र का चिन्ह भी स्वास्तिक है व ये दिशाओं का ज्ञान भी करवाता है. जिस घर के
द्वार पर स्वास्तिक का निशान बना दिया जाए उस घर में सुख समृद्धि का वास होता है व
वो घर बुरी नजर से भी बचा हुआ रहता है. घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ स्वस्तिक
चिन्ह बनाने से भी घर समृद्ध रहता है. स्वास्तिक आजकल विदेशों में भी लोकप्रिय है.
§ उर्जा प्रवाह ( Flow of Energy ) :
भारतीय
संस्कृति के अनुसार ये सकारात्मक व नकारात्मक, दो अलग-अलग ऊर्जा प्रवाहों के मेल
को निरुपित भी करता है. दीपावली पूजा में गणेश, लक्ष्मी जी व सरस्वती देवी की पूजा
के साथ-साथ स्वास्तिक की पूजा भी की जाती है. CLICK HERE TO KNOW ॐ का दिव्य जप ...
स्वास्तिक का रीति रिवाज और आध्यात्म में महत्त्व |
§ मंगल कार्य में ( Use of Swastik Before Every
Important Work ) :
घर के
आँगन में किये जाने वाले मंगल कार्यों को प्रारंभ करने से पहले भी स्वस्तिक बनाना
शुभ माना गया है.
§ स्वस्तिक का आकार ( Size of Swastik ) :
स्वस्तिक
नौ उंगल लंबा व नौ उंगल चौड़ा होना चाहिए. इसमें सभी भुजाएं बराबर होती हैं व नब्बे
डिग्री का कोण होता है.
§ वास्तुदोष करता है दूर ( Swistik Removes Every Architectural
Problem ) :
अपने
हाथ की अनामिका ऊँगली से घर के वास्तुदोष युक्त स्थानों पर स्वास्तिक का निशान
बनाने से घर का वास्तुदोष दूर होता है.
Importance of Swastik in Custom Tradition and Spirituality |
§ शौचालय व गंदगी युक्त स्थान पर ना बनाएं स्वस्तिक
( Don’t Make
Swastik in Any Unusual or Dirty Place ) :
यदि आप
किसी शौच / मल करने के लिए बनाये गए स्थान पर स्वस्तिक बनाते हैं तो ये अशुभ होता
है. गन्दी जगहों पर स्वास्तिक का निशान बनाने वाले की बुद्धि व शरीर में विकार
उत्पन्न हो जाते हैं.
§ मंदिर में करें प्रयोग ( Make Swastik in Temples ) :
स्वास्तिक
के निशान का मंदिर में भी प्रयोग किया जाता है. किसी भी कार्य को शुरू करने से
पहले स्वास्तिक के निशान का प्रयोग करने से वो शुभ फलदायी बन जाता है.
स्वास्तिक के
निर्माण और स्वास्तिक के पूजा, रीति रिवाज और आध्यात्मिक महत्व के बारे में अधिक
जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट कर जानकारी हासिल कर सकते हो.
वास्तु और प्रकृति में स्वास्तिक |
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