सन्निपात ज्वर (Typhus Fever)
सन्निपात ज्वर को वात पित्त – कफ ज्वर के नाम से भी जाना जाता हैं. इस
ज्वर को इस नाम से इसीलिए जाना जाता हैं. क्योंकि किसी भी व्यक्ति को यह ज्वर
वात – पित्त और कफ इन तीनों तत्वों की अधिकता के कारण ही होता हैं. यह ज्वर आम
ज्वर से काफी पीड़ादायक होता हैं. क्योंकि जब कोई व्यक्ति एक बार इस बुखार से
ग्रस्त हो जाता हैं तो यह ज्वर एक बार चढ़ने के बाद उतरने का नाम नहीं लेता, और अधिकतर
इस रोग से पीड़ित होने पर यह देखा गया हैं कि यदि वात का बुखार उतर जाता हैं तो
पित्त का बुखार चढ़ जाता हैं और पित्त का ज्वर उतरता हैं तो कफ का ज्वर चढ़ जाता
हैं. इस ज्वर की सामान्य अवधि 3 दिन से लेकर 21 दिनों तक मानी गई हैं. यह
ज्वर इतना प्रभावी होता हैं कि व्यक्ति अपने होशों हवास तक खो देता हैं और
अधिकतर समय वह नींद या बेहोशी की हालात में बडबडाता रहता हैं. इस ज्वर से
मुक्त होने के लिए आप क्या – क्या उपाय कर सकते हैं. इस बारे में जानने से पहले यह
जान लेते हैं कि यह ज्वर किसी भी व्यक्ति को किन कारणों से होता हैं हैं तथा इसके
लक्षण क्या – क्या हैं.
कारण (Reasons) –
1.अगर कोई भी व्यक्ति अनियमित रूप से भोजन का सेवन
करता हैं तो उसे यह ज्वर हो सकता हैं.
2.यदि मनुष्य मौसम के अनुरूप भोजन का सेवन न करें और अपनी
इच्छा के अनुसार भोजन को ग्रहण न करें तो भी व्यक्ति इस बुखार से पीड़ित हो
सकता हैं.
3.कुछ लोगों को भोजन करने के बाद मीठी चीजें खाना जैसे –
दूध, मिलाई, रबड़ी या किसी प्रकार की मिठाई खाना अच्छा लगता हैं. भोजन के बाद
ऐसे पदार्थों का सेवन करने के कारण भी यह रोग हो सकता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT पेट दर्द व बुखार का इलाज ...
Sannipat Jvar ke Lakshan Karan or Upchar |
4.अजीर्ण की बीमारी से पीड़ित होने पर भी यह ज्वर
व्यक्ति को हो सकता हैं. अगर कोई महिला या पुरुष अधिक उपवास रखते हैं तो भी
सन्निपात का ज्वर चढ़ सकता हैं.
5.कुछ लोगों को यह बुखार अधिक विषैले पदार्थों का सेवन
करने के कारण भी हो जाता हैं.
6. जो व्यक्ति अपने सामर्थ्य से अधिक कार्य करने के आदि
होते हैं. उन लोगों को यह रोग होने की काफी सम्भावना हो सकती हैं.
7.स्त्रियों के बारे में अधिक सोचने के कारण, घर – परिवार की चिंता
करने के कारण, सदमा लगने के कारण या शोक में डूबने के कारण भी यह
रोग हो सकता हैं.
8.तेज धूप में काम करने के कारण भी यह रोग कुछ व्यक्तियों
को हो जाता हैं.
लक्षण (Symptoms) -
1.इस बुखार से पीड़ित व्यक्ति को अपने शरीर में काफी कमजोरी
महसूस होती हैं.
2.उसकी आँखों में जलन होने लगती हैं, उसका खाना खाने
का बिल्कुल मन नहीं करता. बल्कि खाने के प्रति रूचि इस बुखार के कारण
बिल्कुल समाप्त हो जाती हैं.
3.सन्निपात ज्वर चढ़ने पर व्यक्ति को कभी अधिक गर्मी
लगती हैं तो कभी बहुत ही ठंड लगती हैं.
4.सन्निपात ज्वर होने के बाद आँखें लाल हो जाती हैं, अंदर
की तरफ धस जाती हैं और आँखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं.
5.इस बुखार के चढ़ने पर व्यक्ति के जोड़ों में भी दर्द
की शिकायत रहती हैं.
6.अधिक खांसी होना, बार – बार बेहोश हो जाना, जीभ
में खुरदरापन आ जाना, थोड़ी – थोड़ी देर में प्यास लगना इस बीमारी के
प्रमुख लक्षण हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बुखार के कारण लक्षण और उपचार ...
सन्निपात ज्वर के लक्षण कारण और उपचार |
7.सन्निपात ज्वर से पीड़ित होने पर रोगी की छाती में दर्द
होना, पसीना कम आना, मल – मूत्र में देरी तथा शरीर पर चकत्ते
– चकत्ते बन जाना, नाक कान का पक जाना, कान के नीचे सुजन आ जाना,
शरीर में बेचैनी महसूस होना, रात को नींद न आना तथा थकान महसूस
होना आदि इस रोग के अन्य लक्षण हैं. जिनसे व्यक्ति बहुत ही परेशान रहता हैं.
8.सन्निपात ज्वर चढ़ने पर रोगी व्यक्ति का शरीर बिल्कुल
नीला पड जाता हैं. यह एक ऐसा रोग हैं जिसकी यदि समय पर चिकित्सा न की जाये तो रोगी
की जान भी जा सकती हैं.
उपचार (Remedy) –
1.घी और कपूर (Ghee, Kapur) – सन्निपात ज्वर से ग्रस्त
रोगी को जल्दी ठीक करने के लिए 1 ग्राम पुराना घी लें और 1 ग्राम कपूर
लें. अब इन दोनों को मिला लें. इसके बाद इस कपूर और घी के इस मिश्रण से
रोगी के सिर की दिन में 5 या 6 बार मालिश करें. रोगी को काफी आराम मिलेगा.
2.यदि आप त्रिकुटा, सौंठ, भार्नागी और गिलोय को पीसकर तथा
एक साथ मिलाकर काढा बना कर पी लें तो भी आपको इससे जल्द ही मुक्ति मिल जायेगी.
3.सन्निपात रोग से जल्द छुटकारा पाने के लिए पोहरमूल,
गिलोय, पित्तपापड़ा, कुटकी, कटेरी, रासना, चिरायता, कचूर सौंठ, हरड, भारंगी और
जवासा की एक समान मात्रा लेकर इन्हें कूट लें. इसके बाद एक बर्तन
में पानी डालें और उसमें इन सभी के मिश्रण को डाल दें. इसके बाद कुछ देर तक पानी
को उबालने के बाद इस काढ़े का सेवन करें. आपको जल्द ही इस ज्वर से राहत मिल
जायेगी.
Sannipat Jvar ka Deshi Ghrelu Ilaaj |
4.
इस ज्वर से जल्द मुक्ति पाने के लिए आक की जड, सौंठ,
पीपल, चक, देवदारु, पीला सहिजन, कुटकी, निर्गुण्डी, बच और एरण्ड के बीज लें. अब
इन सभी की एक बराबर मात्रा लेकर इन्हें पीस लें. इसके बाद एक बर्तन में
पानी डालकर इसे उबाल लें. अच्छी तरह से उबालने के बाद इसे उतार कर ठंडा कर
लें. अब इस काढ़े में से दो चम्मच काढ़ा निकाल लें और इसका दिन में दो बार
दवाई की तरह सेवन करें.
5.बेहोशी (Swoon) - सन्निपात रोग के कारण होने
वाली बेहोशी की अवस्था से निकलने के लिए सिरस के बीज लें, पीपल लें,
कालीमिर्च तथा काला नमक ले लें. इन सभी की 10 – 10 ग्राम मात्रा
लें और थोडा गौमूत्र लें और उसमें इसे मिलाकर पीस लें. इसके बाद इस काजल
को अपनी आँख में लगायें. इस काजल को आँखों में प्रतिदिन लगाने से सन्निपात ज्वर
के कारण होने वाली बेहोशी दूर हो जायेगी.
6.बुखार से राहत (Relief From Fever) - सन्निपात बुखार से
छुटकारा पाने के लिए दशमूल का काढ़ा लें और उसमें गिलोय का रस मिलाकर
पी लें. आपको इस ज्वर से जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा.
7.भोजन (Food) - सन्निपात के ज्वर से ग्रस्त होने पर कफ,
पित्त और वायु को बढाने वाले पदार्थों का सेवन बिल्कुल न करें. ज्यादा से ज्यादा
हल्के आहार, फल और भोजन का सेवन करें.
सन्निपात रोग के बारे में और अधिक जानने के लिए आप नीचे तुरंत
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Vaat Pitt Cough Bukhar Hone Par Aajmayen ye Nuskhen |
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kya yah pissu (flea) se hota hy?
ReplyDeleteशन्निपात का राम बांड इलाज बताए
ReplyDeleteDowa ka nam bata dijye n
ReplyDeleteI m suffering from tyfid from 6 months, now I spurred from sannipat , can u tell me , the remedy medicine for this
ReplyDeleteIsnofeliya क्या है
ReplyDeleteइसके लक्षण क्या है
अभी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई
ReplyDeleteदस्त आना हल्का बुखार होना कुछ बड़बड़ाना याददाश्त न होना जम्हाई आना उम्र 90 साल से अधिक होना
ReplyDeleteKya sannipat ki samasya jar na rehne pe bhi hoti hai. Agar hai toh pramukh lakshan kya hai
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