9 ग्रहों के मंत्र और उनका दान
नौ ग्रहों के बारे
में तो आपने सुना ही होगा. इन नौ ग्रहों में हर ग्रह का अपना अलग महत्व है. इन
ग्रहों के अपने अलग मन्त्र हैं व प्रत्येक ग्रह के लिए मन्त्रों का उच्चारण करते
समय अलग किस्म की चीजों का दान किया जाता है. CLICK HERE TO KNOW ग्रहों की युति क्या है ...
Navgrah Tantrik v Ekakshri Mantra |
§ सूर्य ग्रह :
सूर्य
के लिए सूर्य तांत्रिक मंत्र है “ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:।“ और एकाक्षरी
बीज मंत्र है “ॐ घृणि: सूर्याय नम:|”
इसकी जप संख्या है 7000. सूर्य के लिए माणिक्य, गेहूं, धेनु, कमल, गुड़, ताम्र, लाल कपड़े, लाल पुष्प, सुवर्ण इत्यादि का दान किया जाता है.
§ चंद्र ग्रह :
चंद्र
ग्रह के लिए चन्द्र तांत्रिक मंत्र है “'ॐ श्रां
श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:” और चंद्र
एकाक्षरी मंत्र है “ॐ सों सोमाय नम:”. इसकी जप संख्या है ग्यारह हजार.
चन्द्र ग्रह के लिए वंशपात्र, तंदुल, कपूर, घी, शंख इत्यादि का दान किया जाता है. CLICK HERE TO KNOW ग्रहों के प्रतिनिधि मसाले ...
नवग्रह तांत्रिक व एकाक्षरी मंत्र |
§ मंगल ग्रह / भौम ग्रह :
मंगल
ग्रह के लिए मंगल तांत्रिक मंत्र है “ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:” और
भौम एकाक्षरी मंत्र है “ॐ ॐ अंगारकाय नम:”. इस ग्रह के लिए वृषभ जप संख्या
है ग्यारह हजार व इसके लिए आप प्रवाह, गेहूं, मसूर, लाल वस्त्र, गुड़, सुवर्ण ताम्र
इत्यादि का दान कर सकते हैं.
§ बुध ग्रह :
बुध ग्रह
के लिए तांत्रिक मंत्र है “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:” व इसके लिए एकाक्षरी
मंत्र है 'ॐ बु बुधाय नम:'. इसके
लिए जप संख्या है नौ हजार व इसके लिए मूंग, हरा वस्त्र, सुवर्ण, कांस्य इत्यादि का
दान दिया जाता है.
§ गुरु ग्रह :
गुरु
ग्रह का तांत्रिक मंत्र है “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:” व इसका एकाक्षरी
मंत्र है “ॐ ब्रं बृहस्पतये नम:” गुरु के लिए जाप संख्या है उन्नीस हजार व
इसके लिए अश्व, शर्करा, हल्दी, पीला वस्त्र, पीतधान्य, पुष्पराग, लवण इत्यादि का दान
किया जाता है.
9 ग्रहों के मंत्र और उनका दान |
§ शुक्र ग्रह :
शुक्र ग्रह
के लिए तांत्रिक मंत्र है “ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:” व शुक्र का
एकाक्षरी मंत्र है “ॐ शुं शुक्राय नम:” इसके लिए जप संख्या है सोलह हजार व धेनु, हीरा, रौप्य, सुवर्ण, सुगंध, घी इत्यादि का दान किया जाता है.
§ शनि ग्रह :
शनि ग्रह
के लिए मंत्र है “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:” व इसके लिए एकाक्षरी
मंत्र है “ॐ शं शनैश्चराय नम:” शनि के लिए जप संख्या है तेईस हजार व तिल,
तेल, कुलित्थ, महिषी, श्याम वस्त्र
इत्यादि का दान किया जाता है.
§ केतु ग्रह :
केतु ग्रह
के लिए तांत्रिक मंत्र है “ॐ स्रां स्रीं स्रों स: केतवे नम:” व इसके लिए एकाक्षरी
मंत्र है “ॐ के केतवे नम:” इस मन्त्र के लिए जप संख्या है सत्रह हजार व इस
मंत्र के जप के समय तिल, कंबल, कस्तूरी, शस्त्र, नीम, वस्त्र, तेल, कृष्णपुष्प, छाग, लौहपात्र इत्यादि का
दान किया जाता है.
Grahon ki Shubh Drishti Kripa ke Liye Daan Dakshina |
§ राहू ग्रह :
राहू
ग्रह के लिए तांत्रिक मन्त्र हा “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रों स: सहराहवे नमः” व इसके लिए एकाक्षरी मन्त्र है “ॐ रां राहुवे नम:” इस मन्त्र
के लिए जप संख्या है अठारह हजार व इस मंत्र का जप करते समय कृष्णवस्त्र, कम्बल, तिल,
तेल इत्यादि का दान किया जाता है.
नवग्रहों की शुभ
दृष्टि और कृपा पाने के अन्य जरूरी मन्त्रों और दान दक्षिणा के बारे में अधिक
जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Kis Cheez ke Daan se Honge Grah Khush |
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Sir surf navgrah satrot ya mangal chandika strot path karne se dosh lagata hai yadi sidh na kiya jaye surf simple path kiya jaye.dosh
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