कुंडलियों
का मिलान
कहते हैं
कुंडलियों का मिलान किये बिना कभी विवाह नहीं संपन्न किया जाना चाहिए व कुंडली
मिला लेने के बाद ही विवाह का निर्णय लेना चाहिए. आइये जानते हैं कुंडलियों के
मिलन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जिनका ध्यान कुंडलियों का मिलान करते वक्त रखना आवश्यक
है. CLICK HERE TO KNOW जन्म कुंडली मिलान के आठ कारक ...
Kundali Milaan or Uska Vivaah mein Mahatv |
§ ये पांच ग्रह लाते हैं जीवन में क्लेश :
पांच ग्रह विछेदात्मक प्रवृति के होते हैं व सप्तम भाव अथवा उसके
स्वामी को इन ग्रहों द्वारा प्रभावित करने पर शादीशुदा जीवन में क्लेश का आगमन हो
सकता है. इन पांच ग्रहों के नाम हैं शनि, सूर्य, राहू, द्वादशेश व राहू अधिष्ठित
राशी का स्वामी. इनमे से किन्ही दो अथवा अधिक ग्रहों की युति अथवा दृष्टि सम्बन्ध जन्म
कुंडली के जिस भी भाव अथवा भावस्वामी से होता है, ये उसे नुकसान पहुंचाते हैं. CLICK HERE TO KNOW जन्म पत्रिका देखने के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र ...
कुंडली मिलान और उसका विवाह में महत्व |
§ ये बनाता है आपके जीवनसाथी को नीरस :
सप्तम भाव में शनि के होने से आपका जीवनसाथी नीरस हो जाता हैं. मंगल
आपकी ज़िन्दगी में तनाव ला सकता है. सप्तम भाव में बुध व शनि दोनों नपुंसक ग्रहों
की युति व्यक्ति को कायर व निरुत्साही बनाती है. यहीं वजह है कि पहले कुंडली के इन
दोषों की काट ढूँढना अनिवार्य है तभी विवाह की बात आगे बढाई जाती है.
§ त्रिखल दोष :
यदि बुद्ध ग्रह शुक्र-भरणी, पूर्वा फाल्गुनी या पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में
रहते हुए अकेला सप्तम भाव में हो या अश्लेशा, ज्येष्ठा या रेवती नक्षत्र में रहते
हुए सप्तम भाव में अकेला हो तो ये त्रिखल दोष को जन्म दे सकता है. बुद्ध के
अश्लेशा, ज्येष्ठ अथवा रेवती नक्षत्र में रहते हुए अकेला सप्तम भाव में होने से
अथवा दूसरी बताई गई स्तिथि में होने से ये त्रिखल दोष के रूप में दांपत्य जीवन में
बाधा का काम करता है.
कुंडलियों का मिलान |
§ ये लाता है संबंधों में बदलाव :
कलत्र कारक शुक्र वैवाहिक व शारीरिक संबंधों का कारक है व साथ ही यदि ये
अन्य ग्रहों का प्रभाव होने के बावजूद दांपत्य जीवन को सुखद बनाने में मदद करता
है. शुक्र के अशुभ प्रभाव से नीचगत अथवा त्रिक भाव में होने पर दांपत्य जीवन के
लिए कष्टदायक भी हो सकता है.
Free Kundali Gun Milaan |
§ ये बढाता है कामशक्ति व उत्साह :
शुक्र व मंगल की युति आपको कामुक व उत्साही बनाती है. शुक्र जब शनि
अथवा सूर्य से मिल जाता है तो जातक की शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा और शक्ति भी
कम हो सकती है, साथ ही ज़िन्दगी में निरसता का भाव भी आ सकता है. ऐसे में मन्त्र,
दान व व्रत करने से लाभ प्राप्त होता है.
कुंडली
मिलान और कुंडली में ग्रहों के प्रभाव के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत
नीचे कमेंट कर जानकारी हासिल कर सकते हो.
Kundali ke na Milane se Ahit |
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