माता – पिता बच्चों का विकास कैसे करें
माता – पिता बनना जीवन में एक अनोखी ख़ुशी होती हैं. लेकिन इस ख़ुशी को
मनाने के बाद बात आती हैं बच्चे के शारिरिक और मानसिक विकास की, उसके पालन पोषण
की और उसे एक जिम्मेदार व्यक्ति बनाने की. इन सभी गुणों को बच्चे के अंदर
समाहित करने के लिए ही बच्चे के जन्म लेने के बाद उसके माता – पिता जब बच्चा बोलना
और थोडा समझना शुरू कर देता हैं तो उसे हर तरीके से जीवन को जीने की नई – नई सिख
देने की कोशिश करते हैं, उसे सही और गलत का अंतर समझने लगते हैं. लेकिन केवल हर
वक्त बच्चों के सामने ये सब बाते करने से ही बच्चों का मानसिक और शारिरिक विकास
नहीं होता. इसके लिए और भी कई ऐसी महत्वपूर्ण बातें होती हैं. जिनका ध्यान हर माता - पिता को रखना चाहिए, इस बारे में जानकारी
नीचे दी गई हैं – CLICK HERE TO READ MORE ABOUT माता पिता पूजन दिवस ...
Kaise Karen Bacchon ka Palan Poushan |
1. माहौल (Environment) – बच्चे के शारीरिक और मानसिक
विकास में उसके आस – पास का परिवेश या माहौल बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता
हैं. यदि आपका बच्चा अभी छोटा हैं और अभी जीवन के कई सारे अनुभवों को इकट्ठा
कर रहा हैं तो जरुरी हैं कि उसे एक ऐसा परिवेश दिया जाएँ, जिसमें प्यार, ख़ुशी,
अनुशासन व चिंता सब कुछ समाहित हो. उसे हमेशा एक प्यार भरा माहौल देने की
कोशिश करें. जिससे उसकी बुद्धि का विकास सामान्य रूप से हो सकें. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बच्चों को बिस्तर गिला करने से रोकने के उपचार ...
कैसे करें बच्चों का पालन – पौषण |
2.सख्ती (Strictness) – हमेशा बच्चे के साथ सख्ती
से पेश न आये. बच्चों को हर वक्त केवल डांट न लगायें, उन्हें फटकारते न
रहें. इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ता हैं. इसके साथ ही हमेशा बच्चों
को एक सकारात्मक परिवेश दें. उन्हें अपने आप सोचने समझने दें. हमेशा बच्चों
पर अपनी इच्छाएं न थोपे. हर माता – पिता चाहते हैं कि जो सपने वो खुद पूरा
नहीं कर पायें, उन्हें उनके बच्चे पूरा करें. यह सोच गलत नहीं हैं, लेकिन अगर बच्चा
उस सपने को सच करने के योग्य हैं उस कार्य में उसका मन लगता हैं. तो उसे अवश्य इस
कार्य को पूरा करने के लिए कहें. लेकिन यदि इसके विपरीत उसका दिमाग अन्य किसी
कार्य में लगता हैं तो उसे वह कार्य करने दें.
Bacchon ke Sath Kaisa Vyavahar Karen |
3. सहयोग (Support) – बच्चे को खुद अपने बलबूते
पर हर कार्य करने की आजादी दें, हमेशा उसकी चिंता न करें, उसके आगे –
पीछे इस तरह न लगे रहें कि बच्चा खुद के दिमाग का इस्तेमाल करना आपकी सहायता के
बिना भूल ही जाएँ. उसे थोड़ी आजादी दें, उसे बाहर की दुनिया देखने का
जीवन के अनुभवों को बटोरने का मौका दें और उसे आत्मनिर्भर बनने दें.
4.तनाव भरा माहौल (Stressful Atmosphere) – घर में हमेशा लड़ाई झगडा,
तनाव भरा माहौल, इर्ष्या गुस्सा, डर, चिंता अदि का माहौल न बनाए रखें. बच्चे
की परवरिश अच्छे तरीके से करने के लिए यह जरुरी हैं कि उसे एक ऐसा माहौल दिया
जाएँ जहा उसे भरपूर प्यार मिले और सभी सदस्य एक साथ घुल – मिलकर रहते हैं. यदि
बच्चा ऐसे माहौल में रहेगा तो जाहिर सी बात हैं कि उसके अंदर भी ये सभी प्रवृतियाँ
घर कर जाएगी और धीरे – धीरे ये सब प्रवृतियाँ उसके व्यक्तित्व का हिस्सा बन
जायेगी.
Bacche ke Mansik aur Sharirik Vikas ke liye Aavshyak Jankari |
5. नैतिक शिक्षा (Moral Education) – हमेशा बच्चे को नैतिक
मूल्य सिखाने की कोशिश करें, उनके सामने प्रेरणादायक लोगों की बात करें.
जिनसे वो कुछ सीख पायें और जिनसे उनके व्यक्तित्व का विकास हो सके. उसे एक
ईमानदार और अच्छा व्यक्ति बनाने की कोशिश करें, उसे स्वयं के बलबूते पर
अपनी पहचान बनाने दें. उसे धन दौलत या अन्य किसी वस्तु से अपनी पहचान बनाने
न दें.
6. समय (Time) - हर माता – पिता को अधिक
से अधिक अपने बच्चे के साथ जुड़ना चाहिए. उनके साथ समय बिताना चाहिए,
उनसे उनकी इच्छाएं आशाएं और आकांशाओं के बारे चर्चा करनी चाहिए, इसके साथ
ही उनके साथ एक दोस्त के जैसे व्यवहार करना चाहिए. जिससे वह अपनी हर बात
आपको बिना डर और भय के बता सके.
बच्चों के विकास हेतु अन्य टिप्स जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Bacche ko Ek Behatrin Parvarish Pradan Karen |
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