वास्तुशास्त्र के
सिद्धांतों से बनाएं बाथरूम ( Construct Bathroom Using Architectural Tips )
जिस प्रकार घर के हर
कोने के लिए वास्तु सिद्धांतों को ध्यान में रखा जाता है उसी प्रकार घर के बाथरूम
या स्नानघर को बनाने के लिए वास्तु विज्ञान का इस्तेमाल आवश्यक है. वैसे तो इन दोनों
को अलग ही बनाना चाहियें किन्तु आजकल हर व्यक्ति इन्हें एक साथ ही बनाता है. जोकि
गलत है क्योकि ज्योतिषशास्त्र और वास्तुशास्त्र दोनों ही ये मानते है कि शौचालय
में राहू और स्नानघर में मंगल वास करता है और इन दोनों की युति / मिलन घर के लिए
दुखदायी होता है. इसलिए कभी भी इन दोनों को एक साथ ना बनवायें. तो आओ जानते है कि
घर की किस दिशा में कैसा बाथरूम बनवाना चाहियें. CLICK HERE TO KNOW होटल की वास्तु व्यवस्था ...
Kaisa or Kahan ho Bhavan ka Bathroom |
· दिशा ( Direction ) : वास्तु अनुसार स्नानघर के लिए नैत्रत्य कोण के दक्षिण में बनाना शुभ
माना जाता है. अगर इस दिशा में स्नानघर बनाना संभव ना हो तो आप पश्चिम दिशा की तरफ
भी स्नानघर बना सकते हो. वहीँ शौचालय के निर्माण के लिए दक्षिण दिशा को उत्तम माना
गया है. क्योकि शौचालय में पानी का सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है तो पानी की
निकासी के लिए उत्तर या पूर्व दिशा में प्रबंध करायें.
· सीट का निर्माण ( Construction of Seat ) : शौचालय में सीट का निर्माण इस तरह करवायें जिसमे शौच करते वक़्त आपका
मुंह दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ हो. साथ ही शौचालय का दरवाजा अन्दर की तरफ
खुलना चाहियें. अगर घर में शौच सही दिशा में ना हो तो परिवारजनों को पेट से
सम्बंधित विकार उत्पन्न होने शुरू हो जाते है. अगर शौच करते वक़्त आपका मुख पूर्व
दिशा की तरफ होता है तो आप सूर्य देव का अपमान कर रहे है जिसका भुगतान आपको अपना
यश खोकर करना पड़ता है. CLICK HERE TO KNOW ड्राइंग रूम का वास्तु विज्ञान ...
कैसा और कहाँ हो भवन का बाथरूम |
·
बेडरूम
में शौचालय और बाथरूम ( Toilet and Bathroom in Bedroom ) : जैसाकि हमने बताया कि बाथरूम के साथ शौचालय नहीं बनवान चाहियें लेकिन
लोग तो इससे भी आगे बाद गए है और अपने बेडरूम में ही दोनों चीजों को एक साथ बनवा
देते है. ये देखने में तो अच्छा लगता है किन्तु इसके नकारामक प्रभाव और उर्जा का
संचार होता है जो जातक के लिए हानिकारक होता है. इस स्थिति में जातक को अपने
बाथरूम के दरवाजे के साथ साथ एक मोटा पर्दा भी लगवा लेना चाहियें और हमेशा उसे बंद
रखना चाहियें.
· बाथटब ( Bathtub ) : स्नानघर में बाथटब
को लगाने के लिए ईशान कोण, पूर्व या उत्तर दिशा को उचित माना जाता है.
· गीजर ( Geiger ) : आजकल हर हर
घर में गीजर लगा होता है अगर आप भी गीजर का इस्तेमाल करते हो तो आप इसे लगाने के
लिए आग्नेय कोण का ही चुनाव करे.
· नल की व्यवस्था ( Arrangement for Tap ) : स्नानघर में नलों, शावर या पानी की हर व्यवस्था के लिए जातक को
उत्तर, ईशान या पूर्व दिशा चुननी चाहियें.
Vaastu Tips for Bathroom |
· नल का टपकना ( If Tap Licks ) : वास्तुशास्त्र में नल से पानी के टपकने को किस्मत और धन का हानि का
संकेत माना जाता है. इसलिए अगर आपके घर के बाथरूम में कोई नल टपक रहा हो तो उसे
तुरंत ठीक करवा लें. साथ ही आप घर की पानी की टंकी को भी समय समय पर साफ़ करते
रहें.
· बाथरूम और शौचालय से बास्तु दोष हटाने के उपाय ( Remove Architectural Problems form
Bathroom and Toilet ) : अगर आपने इनका निर्माण सही वास्तु सिद्धांतों के
साथ नहीं करवाया है तो आप इनके दरवाजे पर बाहर की तरफ एक बड़ा शीशा लगवा दें. इसके
साथ ही आप किसी क्रोधित हिंसक जानवर जैसेकि शेर का चित्र भी लगा कसते हो. ये दोनों
उपाय बाथरूम और शौचालय से जुड़े वास्तु दोषों को दूर करने में सहायक होते है.
ऊपर दिए गए वास्तु
उपाय और सिद्धांत आपके बाथरूम और शौचालय के सही निर्माण में अवश्य सहायक सिद्ध
होंगे. इसके बाद भी अगर आपको कोई Doubt रह
जाता है या फिर आप इसी अन्य निर्माण के वास्तु ज्ञान को जानना चाहते हो तो आप हमे
तुरंत नीचे कमेंट कर जानकारी हासिल कर सकते हो.
शौचालय और स्नानघर का वास्तु |
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Kya hum bathroom aur toilet ke sath ek aur bathroom bana skte hai south me kitchen ki wall karib 6 feet dur hai??? Aurkya hum north me bathroom bana skte hai sidiyo ki coman wall pe??
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