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Hotel ki Vastu Vyavastha | होटल की वास्तु व्यवस्था | Architectural Tips for Hotel and Restaurants

होटल या रेस्टोरेंट निर्माण का वास्तु ( Architectural Tips for Hotel and Restaurants )
घर निर्माण, दूकान निर्माण, होटल निर्माण इत्यादि किसी एक व्यक्ति के भविष्य से नही जुड़ा होता, इसका इस्तेमाल करने वाले हर व्यक्ति इसके वास्तु से प्रभावित होता है. साथ ही इनके निर्माण में काफी धन भी व्यय होता है तो हर व्यक्ति यही चाहेगा कि उनके होटल का निर्माण सही वास्तु सिद्धांतों से हो, ताकि उनका होटल दिन दोगुनी और रात चौगुनी उन्नति करे और उन्हें भविष्य में भी किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. वास्तु के सिद्धांत ना सिर्फ बाहरी ग्रह नक्षत्रों से होटल की रक्षा करता है बल्कि इसके सिद्धांत होटल के अतिथियों के आराम व सुविधा, कर्मचारी के लिए लाभ और मालिक के मान सम्मान व उन्नति में भी सहायक होते है. तो आओ जानते है कि होटल के निर्माण के वक़्त किन वास्तु सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहियें. CLICK HERE TO KNOW दूकान कार्यालय का वास्तु ...
Hotel ki Vastu Vyavastha
Hotel ki Vastu Vyavastha
-   भूमि ( Land ) : किसी भी निर्माण के लिए सबसे पहले भूमि का चुनाव किया जाता है और वास्तुशास्त्र मानता है कि होटल निर्माण के लिए आयताकार या फिर वर्ग के आकार की भूमि सर्वोत्तम होती है.

-   मुख्य द्वार ( Front Door ) : किसी भी कार्य में ग्राहकों को भगवान तुल्य समझा जाता है क्योकि उनकी की वजह से मालिक व कर्मचारी की रोजी रोटी चलती है और वे अपना जीवनयापन सुख पूर्ण कर पाते है. इसीलिए होटल में उनके प्रवेश पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है और वास्तु अनुसार आप होटल का मुख्य द्वार ईशान उत्तर पूर्व की तरफ बनवाएं. अगर इस दिशा में कोई अड़चन या आपत्ति हो तो आप उत्तर दिशा या पूर्व दिशा का चुनाव कर सकते है. CLICK HERE TO KNOW घर का मुख्य द्वार और वास्तु ...
होटल की वास्तु व्यवस्था
होटल की वास्तु व्यवस्था
-   खाली स्थान ( Empty Space or Waiting Room ) : अकसर आपने होटल में देखा गया होगा कि उनमे बाहर बगीचे होते है या होटल के अंदर ही खाली स्थान छोड़ दिया जाता है ताकि होटल में आने वाले लोग अपने साथी का इंतजार कर सके या होटल में कुछ देर आराम कर टीवी इत्यादि देख सके. इस तरह के खाली स्थानों को चुनने के लिए उत्तर या पूर्व दिशा का ही चुनाव करें नाकि दक्षिण या पश्चिम का.

-   रसोई घर ( Kitchen ) : हर होटल की जान होती है उसकी रसोई क्योकि वहीं से होटल के स्वादिष्ट पकवान बनते है जिन्हें खाकर लोग होटल की तारीफ करते है और होटल से जुड़ जाते है, इसलिए जरूरी है कि आप अपने होटल के रसोई घर का खास ख्याल रखें और रसोई चूल्हे, तंदूर व मिक्रोवेव के लिए अग्नेय कोण या फिर पश्चिम दिशा का चुनाव करें.

-   फ्रिज की दिशा ( Refrigerator ) : फ्रिज में ग्राहकों के लिए लजीज केक, आइसक्रीम, चॉकलेट इत्यादि रखी जाती है. ये कुछ ऐसी चीजें है जिनकी तरफ बच्चे से लेकर वृद्ध भी दीवाने है, अर्थात ये होटल के ग्राहकों की संख्या को बढाने में बहुत सहायक है. तो आप होते के फ्रीज को आग्नेय, दक्षिण व पश्चिम दिशा में लगायें. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि फ्रीज को नैत्रत्य या ईशान कोण में रखने से वो अधिकतर खराब ही रहता है, जिसका सीधा असर ग्राहकों की संख्या पर पड़ता है.
Architectural Tips for Hotel and Restaurants
Architectural Tips for Hotel and Restaurants
-   अनाज भंडार ( Grain Reserved Area ) : बिना अनाज के भंडार के होटल अपने खान पान की सामग्री को संभल कर नहीं रख पाता. किन्तु अगर आप इसे रसोईघर के वायव्य कोण में रखते हो तो इससे आपका अनाज का भंडार व्यवस्थित भी रहता है और कभी खाली भी नही रहता. अनाज भंडार में कुछ ऐसे सामान भी रखें जाते है जिन्हें लम्बे समय तक इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे सामान के लिए आप नैत्रत्य कोण का चुनाव करें.

-   डाइनिंग हाल ( Dining Hall ) : होटल के ग्राहकों की व्यवस्था और उनके खाने की व्यवस्था के लिए आप पश्चिम दिशा में ही डाइनिंग हाल का निर्माण करवायें. इस दिशा को ग्राहकों के लिए उत्तम माना जाता है.

-   शौचालय / वाश बेसिन ( Toilet Wash Basin ) : ग्राहकों के हाथ धोने और शौच के लिए शौचालय का निर्माण करते वक़्त आप ध्यान रखें कि उसका स्थान पूर्व दिशा या वायव्य कोण में रखें. आप टॉयलेट को दक्षिण या फिर नैत्रत्य दिशा में भी बनवा सकते हो.
रेस्टोरेंट निर्माण के वास्तु सिद्धांत
रेस्टोरेंट निर्माण के वास्तु सिद्धांत
-   तस्वीरें ( Painting ) : अधिकतर होटल के मालिक लोगों को आकर्षित करने के लिए बड़ी बड़ी सुन्दर तस्वीरों को होटल की दीवारों पर स्थान देते है. जो सही भी है क्योकि इससे होटल की सुन्दरता और आकर्षण में चार चाँद लगते है किन्तु तस्वीरे लगते वक़्त आप इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी डूबता जहाज, डूबता सूरज, युद्ध, हिंसक जानवर इत्यादि जैसी तस्वीरे ना लगायें.

-   स्विच ( Electric Switches ) : होटल में मेन स्विच, बिजली का मीटर या कोई अन्य बिजली का सामन या स्विच पश्चिम दिशा में ही लगवाएं. अगर आप इन्हें नैत्रत्य कोण या इशान कोण में लगवाने के बारे में सोच रहे है तो इस विचार को तुरंत त्याग दें. ये उपाय निश्चित रूप से आपके सहायक होंगे.


घर निर्माण, होटल रेस्टोरेंट निर्माण या किसी अन्य वास्तु सहायता के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Hotel ke Liye Vastu Sahayta
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