मुख्य द्वार ( Front Door )
घर के मुख्य द्वार
को मुख्य इसलिए कहा जाता है क्योकि वहीँ से हर चीज घर में प्रवेश करती है और वहीँ
से बाहर निकलती है. इस तरह मुख्य द्वार का संबंध घर के हर सदस्य से होता है, साथ
ही वास्तु मानता है कि घर का प्रवेश द्वार घर में वास करने वाले सभी सदस्यों की
सामाजिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति पर भी असर डालता है. इसलिए आपके घर के मुख्य
द्वारा का निर्माण बहुत ही सोच समझकर ही करवाना चाहियें. ताकि उससे कोई भी
वास्तुदोष ना जुड़ा हो.
अगर घर का मुख्य
द्वार वास्तुदोष से मुक्त रहेगा तो घर में कोई भी दुःख या विपदा प्रवेश ही नहीं कर
पाएगी और घर में हमेशा सुख – समृद्धि और मंगल ही वास करेगा. साथ ही इससे घर के हर
सदस्य के मन में एक दुसरे के लिए सदाचार की भावना रहती है और परिवार का सामंजस्य
भी बना रहता है. आज हम आपको कुछ ऐसे वास्तु उपाय बता रहे है जिनको ध्यान में रखते
हुए ही आप अपने घर के मुख्य द्वार का निर्माण करवायें. CLICK HERE TO KNOW होटल की वास्तु व्यवस्था ...
Ghar ka Mukhya Dwar or Vastu |
§ निर्माण ( Construction ) : घर के मुख्य द्वार का निर्माण करवाते वक़्त आप इस बात का ध्यान रखें कि
जिस दिशा में आप द्वार बनवाना चाहते हो उस दिशा की चौड़ाई को आप 9 बराबर हिस्सों
में बाँट लें, जिसमे से 5 हिस्से दाये हाथ की तरफ के और 2 हिस्से बायें हाथ की तरफ
के छोड़ दें, बचे हुए 2 हिस्सों में ही आप घर के मुख्य द्वार को बनायें. अगर द्वार
उत्तर या पूर्व दिशा में है तो ये आपके लिए अधिक लाभकारी सिद्ध होता है.
§ आकार ( Size ) : जिस प्रकार मानव
शरीर की पांच ज्ञानेन्द्रियों में से मुख का एक अहम् स्थान होता है उसी प्रकार घर
का द्वार भी घर का मुख ही होता है और इसीलिए मुख्य द्वार घर के बाकी दरवाजों से
अधिक अहम् होता है. तो आप उसका आकार बाकी दरवाजों से थोडा अधिक बड़ा और चौड़ा रखें.
इसे वास्तु में भी शुभ माना जाता है और ये आपके घर का आकर्षण भी बढ़ता है. CLICK HERE TO KNOW दूकान कार्यालय का वास्तु ...
घर का मुख्य द्वार और वास्तु |
§ सुसज्जित ( Decoration ) : अपने मुख्य द्वारा को हमेशा साफ़ और सुन्दर बनाएं रखें. इसके लिए आप
द्वार पर कोई ॐ, स्वस्तिक, केले के पत्ते, कलश इत्यादि रख व बना सकते हो. ये सब
परंपरागत तो है ही साथ ही इनसे घर में सुख शान्ति और समृद्धि निश्चित रूप से
प्रवेश करती है. घर को नकारात्मकता से दूर रखने के लिए आप मुख्य द्वार पर घंटियां,
झालर, क्रिस्टल बॉल इत्यादि भी लगा सकते हो.
§ डर ( Be Afraid of South Faced Home ) : डर से हमारा अर्थ दक्षिणमुखी घर से है क्योकि ऐसा माना जाता है कि
जिस घर का मुख्य द्वारा दक्षिण दिशा की तरफ होता है उस घर में कुछ भी सही नही होता
है. उस घर में सभी किसी न किसी रोग से ग्रस्त रहते है, मुखिया की मान हानि होती
है, घर में धन की हानि के साथ साथ ऋण चढ़ा रहता है, आये दिन परिवार के लोगों के साथ
कोई बुरी घटना होती रहती है और कई मामलों में तो अकाल मृत्यु का भी जिक्र हुआ है.
किन्तु कई बार ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है कि आपको दक्षिण दिशा में ही अपने
घर का मुख्य द्वारा बनाना पड़ता है, इस स्थिति में घर के बाकी वास्तु को बदलकर ऊपर
लिखी समस्याओं से मुक्ति पायी जा सकती है. तो इस समस्या से ग्रस्त लोग घर बनवाने
से पहले किसी अच्छे वास्तुशास्त्र के ज्ञाता से मिलना बिलकुल ना भूलें. दक्षिणमुखी
घर बनाने वाले लोग नीचे कमेंट कर हमसे भी संपर्क करके जानकारी प्राप्त कर सकते है.
Main Gate of Home House and Architectural Theory |
§ दरवाजों में आवाज ( Hoarse Noise in Doors ) : आपने अनेक ऐसे घर देखें होंगे जिनके दरवाजे खुलते वक़्त आवाजें आती है.
इनकी आवाज़ सुनकर ऐसा लगता है जैसे दरवाजा किसी संकट में हो या उसे कोई दर्द हो रहा
हो. चलो फिर मानव मुख की ही बात करते है. ऐसे आवाजें मुंह से भी तभी आती है जब
मुंह में दर्द हो. इसलिए आप अपने दरवाजों का पूरा ध्यान रखें और उनमे समय समय पर
तेल या ग्रीस देते रहें और हो सके तो ऐसे गेट लगवाएं जिनमे से ऐसी आवाज आने की
समस्या ही ना आयें.
§ रसोई का निर्माण ( Don’t Plan Kitchen in Front of Main
Gate ) : अब आप सोच रहे होगे कि मुख्य दरवाजे के बीच में
रसोई कहाँ से आ गई? बात ये है कि आप घर के प्रवेश द्वार के ठीक सामने कभी भी रसोई
का निर्माण ना करवाएं. इससे घर में रोग का संचार उत्पन्न होता है, जो एक बड़ी
समस्या है.
§ सफाई ( Keep Door Neat and Clean ) : अकसर लोग अपने मुख्य द्वार के सामने ही कूड़ा डाल देते है, किसी का तो
हैंडपंप भी मुख्य द्वार पर ही लगता है और कोई अधिक छाया के लिए द्वार के उपाय कुछ
लगवा देते है. ये सब नकारात्मकता को जन्म देते है जो घर के मुख्य द्वार से सीधे घर
में प्रवेश करते है. तो ऐसा भी बिलकुल ना करें.
§ पुराने चौखट ( Old or Used Doors ) : जब भी आप नए घर का
निर्माण कर रहें हो तो आप मुख्य द्वार के लिए न तो पुरानी चौखट का इस्तेमाल करें
और ना ही पुरानी कड़ियों का. ये घर की नवीनता पर प्रभाव डाल सकते है.
वास्तु की नजर से घर का प्रवेश द्वार |
§ तुलसी और कछुआ ( Basil Plant and Tortoise ) : जैसाकि सब जानते है कि तुलसी का जीवन में कितना महत्व है, साथ ही
तुलसी को माता के रूप में भी पूजा जाता है. इनके घर में होने से घर पर कभी भी कोई
विपदा नही आती और ना ही कोई बुरी शक्ति घर में प्रवेश कर पाती है. इसलिए आप भी घर
में तुलसी का पौधा लगाना बिलकुल ना भूलें और उसकी रोजाना पूजा करें. इसके साथ ही
घर में सुख शान्ति और समृद्धि को बढाने के लिए आप कछुए को उत्तरी दिशा में स्थापित
करें.
§ जाला ( Spider Webs ) : अनेक ऐसे घर होते है जो मुख्य द्वार का बिलकुल ध्यान नहीं रखते और न
ही उसकी सफाई ही करते है. इस तरह दरवाजें में जालें लगने लगते है, जिसे राहू का
प्रतिक माना जाता है. ऐसे घरों में राहू प्रवेश कर लेता है और अपना दुष्प्रभाव
बनाएं रखता है. राहू के भयंकर प्रभावों से बचने के लिए आप समय समय पर अपने घर के
मुख्य द्वार को साफ़ करते रहें.
आप इन उपायों को
आजमायें निश्चित रूप से आपको लाभ मिलेगा और इसके बाद भी आपको कोई समस्या रहती है
या आप किसी अन्य निर्माण के लिए वास्तु सुझाव चाहते है तो आप तुरंत नीचे कमेंट
करके तुरंत जानकारी हासिल कर सकते हो.
Mukhya Dawar ki Sahi Disha Laayen Jivan mein Khushhali |
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Hmare ghar ka main gate bhi south ki aur hei to hume kya krna chahiye
ReplyDeleteKya sote samay mukya dwar ki taraf pair (leg)kar k so sakte hai
ReplyDelete30 by 55 malan me porch 15 hai main gate triple lagva sakte hai
ReplyDeleteAgar ghar mein andar ghust samazdirection north ya north east ho toh kya acha hai
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