चन्द्रमा का ग्रहों
के साथ सम्बन्ध (
Relation of Chandra with Other Planets )
जिस प्रकार से हमारे
शरीर में सोचने का काम दिमाग का होता है, उसी प्रकार से ग्रहों में चन्द्रमा का भी
यही काम होता है अर्थात ग्रहों के साथ सबंध व कार्यों के बारे में सोचने का काम चन्द्रमा
का है. अगर चन्द्रमा का रूप सही है तो उसके काम करने का तरीका भी सही है और अगर
उसकी जगह ही गन्दी है तो उसकी सोच और सोचने का तरीका भी गलत ही है.
जिस प्रकार से
चन्द्रमा धीरे - धीरे गोचर से अलग होकर अन्य ग्रहों के साथ सम्बन्ध बनाने शुरु
करता है और उनके साथ जाता है तो वो भाव के द्वारा गोचर के साथ जो क्रिया होती है
उसको पूरी तरह से खत्म कर देता है और उन भावों के बारे में जो भी सोचता है, तो वो भाव
के लिए भी अपनी सोच को भी गन्दा करता जाता है. CLICK HERE TO KNOW ग्रहों की युति क्या है ...
Chandra ka Grahon ke Saath Sambandh or Uske Prabhaav |
· राहू के साथ आते ही : राहू के साथ आते ही चन्द्रमा में एक अलग प्रकार
का बदलाव सा नजर आता है, वह अपने मन में ना जाने कहा से अजीब तरह का वहम पाल लेता
है. वो अपने वहम में वो इस कदर फंस जाता है कि लाख कोशिशों के बाद भी वो उससे बाहर
नहीं निकल पाता, इस तरह चंद्र अपना अहित कर बैठता है.
· केतु के साथ आने पर : जब चन्द्रमा केतु के साथ होता है तो मोक्ष के
द्वार खुलने जैसी अनुभूति होती है और शांति की प्राप्ति हो जाती है और जो भी जिस
प्रकार कि भी अच्छी या बुरी भावना हमारे मन में है, वो सभी हमें खाली ही दिखाई
देती है और एक साथ बिल्कुल बदल जाता है और मन में गलत विचार उत्पन हो जाते है, और
जो भी कार्य हम करते है वो भी गलत ही होते जाते है.
· सूर्य से मिलने पर : जिस प्रकार से हम सभी जानते है कि सूर्य बहुत ही
गर्म ग्रह है, तो सूर्य के साथ मिलते ही चन्द्रमा में अपने आप ही रूखापन सा आ जाता
है. जिस प्रकार से रेगिस्तान में धूप निकलते ही एक तरह से जलन सी महसूस होती है
उसी प्रकार से सूर्य से मिलने के बाद चन्द्रमा की शांति भी खत्म हो जाती है और
चन्द्रमा की हालत के साथ - साथ उसकी सोच भी
बदल जाती है. CLICK HERE TO KNOW दो ग्रहों की युति के फल और उनके परिणाम ...
चंद्र का ग्रहों के साथ संबंध और उसके प्रभाव |
· मंगल के साथ जाते ही : मंगल भी गर्म ग्रह ही है लेकिन मंगल के पास जाते
ही गर्म भाप जो रूप निकलता है, उसको चन्द्रमा अपने अन्दर समा लेता है. फिर
चन्द्रमा जैसी हमारी सोच या काम करने का तरीका होता है वो उन सभी को अपनी ही तरह
गर्म कर देता है. इस तरह सभी गर्म स्वभाव के हो जाते है और सभी काम बनते - बनते रह
जाते है.
· बुध ग्रह के साथ : वैसे तो ये दोनों ग्रह ही बहुत प्यार से रहते है
लेकिन बुध ग्रह के साथ मिलने पर चन्द्रमा की स्तिथि अपने आप ही मजाकिया सी हो जाती
है और आप तो जानते ही हो कि जरूरत से ज्यादा मजाक अच्छा नही होता है इस तरह ये कभी
कभी जानलेवा भी साबित हो सकता है.
चंद्र ग्रह की युति के परिणाम |
· गुरु से मिलने पर : गुरु ग्रह से मिलने पर चन्द्रमा अपने आप में ही
यह सोचता है कि उससे ज्यादा समझदार कोई है ही नही, मुझसे ज्यादा किसी को कुछ
जानकारी ही नही है. लेकिन चन्द्रमा के साथ बार - बार रिश्ते बनाने और ज्यादा
बिगाड़ने का काम जो करता है उसमे पूरी तरह से गुरु का ही हाथ होता है. मानसिक रूप
से भी चन्द्रमा का संतुलन भी ठीक नही होता और वो खुद ही अजीब तरह कि बातें करने लगता
है. कभी तो वह इन्सान को जिन्दा करने की बात करने लगता है तो कभी सब कुछ पूरी तरह
से खत्म करने की.
चंद्र ग्रह के बाकी
के ग्रहों के साथ संबंध और उसके प्रभाव व परिणामों के बारे में अधिक जानने के लिए
आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Jaane Chandra ka Sahi Roop |
Chandra ka Grahon ke Saath Sambandh or Uske Prabhaav, चंद्र का ग्रहों के साथ संबंध और उसके प्रभाव, Kis Grah ke Saath Milkar Shubh Prinaam Deta Hai Chandrama, चंद्र ग्रह की युति के परिणाम, Grahon ka Dimaag Chandrama, Jaane Chandra ka Sahi Roop, Kab Kho Deta Hai Chandrma Apni Sheetalta
YOU MAY ALSO LIKE
No comments:
Post a Comment