कलौंजी (Nigella Seed)
कलौंजी आमतौर पर सभी के घरों में पाए जाता हैं. लेकिन हम सभी इसके गुणों से
अनजान हैं. हम आपको कलौंजी के ही कुछ गुणों के बारे में विस्तार से बतायेंगे.
कलौंजी का पौधा तथा फूल (Flower And Plant of Nigella) – कलौंजी का पौधा सौंफ के
पौधे से छोटा होता हैं. तथा इसके फूलों का रंग हल्का नीला तथा पीला होता
हैं. इसके फूलों का आकार तारों के समान होता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT कलौंजी का विभिन्न रोगों में प्रयोग ...
Anek Gunon se Bharpur Kalounji |
फल एवं बीज (Fruit And Seed) – कलौंजी के वृक्ष पर फूल
सर्दियों की शरुआत में लगते हैं तथा फल सर्दी के मध्य में लगते हैं.
कलौंजी के फल के अंदर काले तथा भूरे रंग के बीज भी पाए जाते हैं. इसके
बीजों का स्वाद खाने में तीखा होता हैं. लेकिन यह फल सुगन्धित
होता हैं. फल के अंदर के बीजों को ही कलौंजी के नाम से जाना जाता हैं.
कलौंजी के बीज (seed of nigella) – कलौंजी के बीज 2 से 3
मिलीमीटर लम्बे होते हैं. इनकी चौड़ाई लगभग 2 मिलीलीटर होती हैं. कलौंजी
ऊपर से थोडा खुरदरा होता हैं. लेकिन अंदर से चिकना होता हैं. कलौंजी
के पेड़ पर पत्ते एक दुसरे के साथ चिपके रहते हैं.
कलौंजी के लाभ (Benefits of Nigella)
1. कलौंजी का प्रयोग मसालों
के रूप में आमतौर पर किया जाता हैं.
2. इसका इस्तेमाल अनेक प्रकार
की बिमारियों को ठीक करने के लिए किया जा सकता हैं.
3. कलौंजी का प्रयोग एक
आयुर्वेदिक औषधि के रूप में यूनानी दवाइयों को बनाने के लिए किया जाता
हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT कलौंजी का गुणकारी तेल ...
अनेक गुणों से भरपूर कलौंजी |
4. कलौंजी का प्रयोग करने से मूत्र
से सम्बंधित सारी परेशानियाँ ठीक हो जाती हैं. इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति
को पौरुष द्रवपात की शिकायत हो तो उसे इससे भी राहत मिल जाती हैं.
5. महिलाओं के लिए भी यह बहुत ही फायदेमंद
होता हैं. क्योंकि इसका सेवन करने से महिलाओं को मासिक धर्म के समय अधिक परेशानी
नहीं होती.
सावधानी (Caution) –
1. कलौंजी के तेल का सेवन करते
हुए यह ध्यान रखें कि इसका प्रयोग गर्भवती महिला बिल्कुल न करें. क्योंकि
इस तेल का प्रयोग करने से उसका गर्भपात होने की सम्भावना काफी अधिक रहती
हैं.
2. कलौंजी का अधिक मात्रा में
सेवन करने से दर्द, भ्रम की बीमारी हो सकती हैं.
3. कलौंजी का असीमित रूप से
सेवन करने से व्यक्ति की आंत, अमाशय, किडनी और त्वचा तथा गर्भाशय में उत्तेजना
उत्पन्न हो सकती हैं.
कलौंजी के विभिन्न नाम (Different Names of Nigella)
1. कलौंजी को हिंदी भाषा में
कलौंजी या मंगरैला कहा जाता हैं.
2. अंग्रेजी भाषा में इसे स्माल फनेल कहा
जाता हैं.
3. कलौंजी को संस्कृत भाषा में
कलवंचिका तथा कलाजाजी शब्दों से जाना जाता हैं.
Kalounji mein Upasthit Rasaynik Tatv |
4. बंगाली भाषा में मुगरेला कहा
जाता हैं.
5. गुजराती भाषा में इसे कलौंजी ही
कहा जाता हैं.
6. मराठी भाषा में भी इसे कलौंजी ही
कहा जाता हैं.
7. लैटिन भाषा में इसे नाइगेला सेताइवा
कहा जाता हैं.
कलौंजी में उपलब्ध रासायनिक तत्व (Chemical Elements of Nigella)
1. कलौंजी में लाल तथा भूरे
रंग का तेल पाया जाता हैं. यह तेल कलौंजी में 31 प्रतिशत तक
उपलब्ध होता हैं.
2. कलौंजी में पीले रंग का
एक उड़नशील 0.5 से 0.6 प्रतिशत के रूप में तत्व पाया जता हैं. जोकि एक प्रकार
का तेल ही होता हैं. इस उड़नशील तेल में ही 45 से 60 प्रतिशत तक कार्बन
की मात्रा भी पाई जाती हैं.
3. कलौंजी में डीलाइमोनिन
तथा साइमिन तत्व भी पाया जाता हैं.
4. इन सभी के अलावा कलौंजी में
श्वासनलिका प्रसारक तत्व, शर्करा, विषाक्त ग्लूकोसाइड, नाईगेलन, पिच्छिल
सेंद्रिय अम्ल आदि तत्वों की भी कुछ मात्रा पाई जाती हैं.
कलौंजी तथा कलौंजी के बिज व तेल के औषधीय प्रयोग के बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके तुरंत जानकारी हासिल कर सकते हैं.
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ReplyDeleteखून में प्लेटलेट बढ़ाने के लिए कलौंजी के तेल का उपयोग किस प्रकार किया जाता है
ReplyDeleteकलौंजी का तेल
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