नारी की स्थिति में परिवर्तन (Changes In Women Life)
स्त्री को मानव जीवन का आधार कहा जा सकता हैं. क्योंकि हर बड़े – से बड़े
विद्वान, महापुरुष, वैज्ञानिक, आम व्यक्ति, राष्ट्रपिता या प्रधानमन्त्री सभी
की उत्पत्ति स्त्री के गर्भ से हुई हैं. स्त्री ईश्वर के द्वारा बनाई गयी एक
ऐसी अमूल्य रचना हैं. जिसके बारे में जितना कहा जाए उतना कम लगता हैं.
लेकिन मनुष्य जीवन में स्त्री की दशा कभी स्थिर नहीं रही. प्राचीन समय से लेकर आज
तक हर क्षण में शायद इनके जीवन में निरंतर बदलाव आता रहा हैं. आज आपके साथ हम इसी
विषय पर चर्चा करेंगे कि क्या पुराने समय से लेकर आज के आधुनिक दौर में स्त्री के
जीवन में क्या कोई बदलाव आ पाया हैं या नहीं ? इस बारे में विस्तृत
जानकारी चर्चा नीचे की गई हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT स्त्रियों का पयाल से सम्बन्ध ...
Aaj ki Naariyon ka Badalta Svroop |
1. निर्भीकता और आत्मविश्वासी (Confidence And
Boldly) – आज के युग की यदि चर्चा करें तो आज के समय में स्त्री की दशा में थोडा ही
सही लेकिन बदल्लाव आया हैं. आज की स्त्री पुराने समय में जी रही स्त्री से
काफी निडर और आत्मविश्वासी हैं, उसमें अपने प्रति किसी प्रकार के दुराचार
के विरुद्ध आवाज उठाने की क्षमता हैं. प्राचीन समय की स्त्रियों के बारे में
यह पूर्णत: नहीं कह सकते कि उनमें आत्मविश्वास और निर्भीक बनकर जीवन जीने की कमी
थी. क्योंकि ऐसा कहना गलत होगा, इसका सर्वश्रेष्ठ उदहारण हैं भारत की वीरांगना
महारानी लक्ष्मीबाई. लेकिन यदि सामान्य परिवार की महिलाओं की स्थिति के बारे
में बात करें तो उस समय में बहुत कम महिलाऐं ऐसी होती थी, जो अपने विचारों को
बिना डरे किसी के भी सामने सामने प्रस्तुत करती थी. इसकी वजह केवल नारी
ही नहीं उस समय का समाज और उनके आस – पास का परिवेश था. जो हमेशा स्त्री
की आवज को दबाने का प्रयास करते थे. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT नये कपडे कब ख़रीदे ...
आज की नारियों का बदलता स्वरूप |
2.रिश्ते (Relation) – यदि रिश्तों को सम्भालने की
बात की जाए तो पुरानी पीढ़ी की महिलाऐं आज की महिलाओं की तुलना में ज्यादा
अनुभवी थी. वो रिश्तों के लिए स्वयं को पूरी तरह समर्पित कर देती थी और हमेशा
रिश्तों को समेटने की कोशिश करती थी.
3. समाज (Society) – आधुनिक युग में
स्त्रियों को समाज को नजदीक से देखने के अवसर प्राप्त होते हैं, उन्हें बाहर
निकलने की आजादी भी मिली हुई हैं, आज इस आजादी की वजह से ही महिलाएं पुरुषों
के कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं. भले ही आज का समाज भी पुरुष प्रधान समाज हैं.
लेकिन थोडा ही सही लेकिन समाज परिवर्तित हुआ हैं. जिसकी वजह से ही आज के समय में
महिलाऐं हर क्षेत्र में कार्य करने में क्षसम हैं. पहले महिलाओं को केवल चार
दिवारी के अंदर बंद रख जाता था. जिससे उनके अंदर की प्रतिभा, गुण किसी के
सामने नहीं आ पाते थे और उनकी इच्छाएं, दुनिया व समाज को करीब से देखने और
अनुभवी जीवन जीने की आकंशाएँ दबी रह जाती थी.
Auraton ki Smaj Mein Asmita |
4.प्रेम (Love) – आधुनिक समय में यदि कोई
स्त्री प्रेम सम्बन्ध में हैं तो उसे समाज के सामने खड़े होकर काबुल करने
तथा समाज के सामने खड़े होकर इसके खिलाफ आवज उठाने वाले व्यक्तियों का सामना करने
से नहीं डरती. इसके विपरीत यदि प्राचीन समय की बात की जाए तो उस समय की
स्त्रियाँ केवल अपने माता – पिता के द्वारा चुने हुए व्यक्ति से ही प्रेम
सम्बन्ध बनाती थी और उन्हें अपना जीवन समर्पित कर देती थी. इसके साथ ही उस
व्यक्ति के खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाती थी. लेकिन आज के समय में अपने मन
चाहे वर से जहाँ प्रेम करने का साहस लिए हुए महिलाऐं खड़ी होती हैं वहीँ शोषण व
अत्याचार करने वाले लोगों के खिलाफ वो अपनी आवाज भी बुलंद करती हुई नजर आती हैं.
Mahilaon ki Vartman Sthiti Par Charcha |
5. शिक्षा (Education) – वैदिक काल से लेकर
आज से करीब 50 या 100 साल वर्ष पूर्व सामान्य परिवार से लेकर राजघराने तक की
लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने का आधिकार प्राप्त नहीं था. लेकिन आज अच्छे घरों
की लड़कियां तो उच्च शिक्षा प्राप्त करती ही हैं. इसके साथ ही एक सामान्य
परिवार की लड़कियों को भी शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार प्राप्त हैं. बेशक आर्थिक
रूप से सशक्त न होने के कारण समान्य परिवार की लडकियां उच्च स्तर की शिक्षा
प्राप्त नहीं कर पाती, लेकिन प्राथमिक शिक्षा का अधिकार सभी लड़कियों को
प्राप्त हैं.
स्त्रियों की स्थिति से जुड़े हुए अन्य किसी भी विषय की अधिक
जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Aaj ki Privartit Mahilayen |
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ReplyDeleteक्रप्या आप बतायेंगी की आप क्या जानना चाहती है ... वैसे तो बहुत सारी हो जाती है जानकारियां अगर आप कुछ बता देंगी तो उससे सम्बंधित हम जानकारी देने की कौशिश करेंगे .......
Deletekya aap mujhe aadikaal, purv madhyakaal, uttar madhyakaal aur aadhunik kaal me stri ke badalte swarup ke baare me jaankari de sakte hain?
ReplyDeletekya aap mujhe aadikaal, purv madhyakaal, uttar madhyakaal aur aadhunik kaal me stri ke badalte swarup ke baare me jaankari de sakte hain?
ReplyDeletekya aap mujhe aadikaal, purv madhyakaal, uttar madhyakaal aur aadhunik kaal me stri ke badalte swarup ke baare me jaankari de sakte hain?
ReplyDeletekya aap mujhe aadikaal, purv madhyakaal, uttar madhyakaal, aur aadhunik kaal ke dauran naari ke badalte swarup me sankshipt jaankari de sakte hain?
ReplyDeleteस्त्री शिक्षा की एजेंसीस में भागीदारी
ReplyDeleteI want to naariyon ka bdlta startup
ReplyDeletenaris ka badly as swaroop nibandh 6 pages
ReplyDeleteबदलते सामाजिक परिपेरेक्षय में नारी की भूमिका : पर निबंध बताने की कृपया करे।
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