मंदिर जाने से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी (Some Important
Information Related to the Temple)
मंदिर का निर्माण कैसे करवाएं
यदि आप किसी स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाना चाहते हैं. तो मंदिर बनवाते समय
कुछ महत्वपूर्ण बातों का अवश्य ध्यान रखें. जिनका विवरण नीचे दिया गया हैं.
1. चुम्बकीय तरंगें (Magnetic waves) - वैदिक पद्धति के अनुसार यदि आप मंदिर बनवाना चाहते
हैं. तो मंदिर को निर्मित करने के लिए एक ऐसे स्थान का चुनाव करें. जहाँ पर पृथ्वी
की चुम्बकीय तरंगें अधिक मात्रा में एकत्रित होती हो.
2. गर्भ ग्रह (garbh grha) - मंदिर का निर्माण करने के
बाद जब आप इसमें विभिन्न भगवानों की मूर्तियों को स्थापित करें. तो यह ध्यान रखें कि
मूर्तियाँ मंदिर के गर्भ ग्रह में ही स्थापित हो. CLICK HERE TOP READ MORE ABOUT प्रतिदिन मंदिर क्यों जाए ...
Vaigyanik Drishtikon se Mandir Nirman or Laabh |
3. तांबे के पत्र (Copper Sheets) - मूर्तियों को स्थापित करते
समय प्रत्येक मूर्ति के नीचे एक ताम्बें की धातु का पत्र अवश्य रखें. तांबे के
पत्र मूर्तियों के नीचे इसलिए रखना चाहिए. क्योंकि इससे मूर्तियों में चुम्बकीय
तरंगें अवशोषित होती हैं.
4. तीन दिशाएँ (Three Directions)- मंदिर का निर्माण करवाते
हुए उसे तीनों दिशाओं की ओर से बंद रखें. मंदिर को तीनों दिशाओं से बंद इसलिए रखना
चाहिए. क्योंकि तीनों तरफ से बंद करने से मंदिर में अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न
होती हैं.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मंदिर जाने के लाभ (Scientific
Benefits to Approach Temple)
मंदिर एक धार्मिक तथा पवित्र स्थान होता हैं. जहाँ पर व्यक्ति जाकर ईश्वर
की अराधना करते हैं. धार्मिक दृष्टिकोण से मंदिर जाना बहुत ही शुभ माना जाता ही
हैं. इसके साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी मंदिर जाने के बहुत से लाभ
होते हैं. मंदिर जाने से आपको क्या – क्या फायदे होते हैं. इसका वर्णन नीचे किया
गया हैं –
1. ऊर्जा का समावेश (The Inclusion
of Energy) - वैज्ञानिकों के अनुसार जो व्यक्ति रोजाना मंदिर में जाकर परिक्रमा करता हैं.
उसके शरीर में मंदिर में उपस्थित सकारात्मक ऊर्जा का समावेश हो जाता हैं. मंदिर
में रोजाना जाकर पूजा – पाठ करने के बाद जो ऊर्जा व्यक्ति के शरीर में समाहित होती
हैं. उसका स्तर धीरे – धीरे बढ़ता हैं. जिससे रोजाना मंदिर में जाने वाले व्यक्ति
के अंदर धीरे – धीरे ऊर्जा का विकास होता हैं. CLICK HERE TOP READ MORE ABOUT पूजाघर मंदिर बनवाने के महत्वपूर्ण टिप्स ...
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मंदिर निर्माण और लाभ |
2. दीपक (Dipak) - मंदिर में जो दीपक
प्रज्वलित किये जाते हैं. इन दीपकों में से एक ऊष्मा निकलती हैं. जिसका समावेश कुछ
मात्रा में व्यक्ति के शरीर में भी होता हैं.
3. घंटों की आवाज ( The Sound of
Temple Bells ) - मंदिर में जब भी आप पूजा करने के लिए जातें हैं. तो आपको घंटों की आवाज तथा
मन्त्रों के उच्चारण की ध्वनी सुनाई देती होगी. मन्त्र उच्चारण तथा घंटानाद से
उत्पन्न इन ध्वनियों से आपका ध्यान एक स्थान पर तथा एक कार्य में केन्द्रित होता
हैं. जिससे आप किसी भी कार्य को करते समय विचलित नहीं होते.
4. मन्त्रों के उच्चारण की
ध्वनी (Voice of Chanting Mantras) – मंदिर एक ऐसा स्थान हैं जहाँ पर आपको कोई न कोई
व्यक्ति मन्त्रों का जाप करते हुए अवश्य मिलेगा. वैज्ञानिकोण के अनुसार
मन्त्रों के उच्चारण की इस ध्वनी को सुनकर व्यक्ति अपनी सभी समस्याओं को भूल जाता
हैं. जिससे व्यक्ति के मन को कुछ समय के लिए शांतिपूर्ण माहौल मिलता हैं.
5. फूल, धूप तथा अगरबत्ती (Flower And Incense)
- मंदिर में पूजा करने के लिए फूल चढाएं जाते हैं, धूप अगरबत्ती तथा कपूर को
जलाया जाता हैं. इनसे मंदिर में आने वाले मनुष्य के तनाव दूर हो जाते हैं
तथा उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होती हैं.
6. ताम्र पत्र का जल (Water of the
Copper Glass) - प्रत्येक मंदिर में एक
ताम्र पात्र में तुलसी, कपूर का एक मिश्रित जल रखा होता हैं. यह जल क्योंकि एक
ताम्बें की धातु में रखा जाता हैं तथा यह चुम्बकीय ऊर्जा के घनत्व वाले स्थान में
स्थित होता हैं. इसलिए यह जल एक औषधि बन जाता हैं. जिसका सेवन करने से आपको काफी
लाभ होता हैं.
Mandir ke Bare mein Mahatvpurn Jaankari |
जब भी ताम्बे के पत्र में जल रखा जाता हैं तो इस जल को रखते
हुए ब्राह्मण कुछ मन्त्रों का उच्चारण करते हैं तथा जब यह जल आपको दिया जाता हैं.
तब ब्राह्मण इस जल को आपको प्रसाद के रूप में देते हुए कुछ मन्त्रों का उच्चारण
करते हैं. इस जल को पीने के बाद हमेशा आप अपने हाथ को सिर पर तथा आँखों पर स्पर्श
करते हैं. इस जल को ग्रहण करने के बाद आपका शरीर मन्त्रों से शुद्ध हो जाता हैं.
7. रेशमी कपडे (Silk Clothes) - आपने यह देखा होगा कि जब भी
कोई पुरुष या स्त्री मंदिर में जाते हैं तो वो खासतौर पर रेशमी कपड़ों को धारण करते
हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मंदिर जाते समय रेशमी कपडे धारण करना इसलिए आवश्यक
होता हैं. क्योंकि रेशमी कपडे मंदिर में उपस्थित ऊर्जा को शीघ्र अवशोषित कर लेते
हैं.
8. स्त्रियों के आभूषण (Women’s Jewelry)
- वैज्ञानिकों के अनुसार जब भी कोई
स्त्री मंदिर में जाएँ तो उसे आभूषणों को अवश्य धारण करना चाहिए. क्योंकि हाथ,
गलें, पैर तथा कलाई में पहने गये आभूषण मंदिर में उपस्थित ऊर्जा के स्थान को
पहचानते हैं. इसके साथ ही जब भी आप कोई नए गहने लें. तो उसे सर्वप्रथम देवी –
देवताओं के चरणों से स्पर्श जरूर कराएँ और इसके बाद इन गहनों को धारण करें.
Mandir ke Nirman ke Liye Vishesh Baaten |
9. कलश (Kalash) - हर मंदिर में एक कलश होता हैं,
जिसका आकार पिरामिड के आकार की भांति होता हैं या कलश सदैव जल से भरा हुआ होता
हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार यह कलश भी मंदिर में रोजाना पूजा करने वाले
व्यक्तियों के लिए बहुत ही लाभदायक होता हैं. क्योंकि इस कलश ब्रम्हांडीय ऊर्जा
को अपने अंदर समावेश कर लेता हैं तथा जिसका शुभ प्रभाव इसके नीचे बैठे लोगों
पर पड़ता हैं.
मंदिर निर्माण तथा मंदिर में जाने के अन्य लाभ के बारे में जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Devalaya Jaane ke Fayde |
Vaigyanik Drishtikon se Mandir Nirman or Laabh, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से
मंदिर निर्माण और लाभ, Mandir ke Bare mein Mahatvpurn Jaankari, Mandir ke Nirman
ke Liye Vishesh Baaten, Devalaya Jaane ke Fayde, वैज्ञानिकों के अनुसार
मंदिर जाने के लाभ.
YOU MAY ALSO LIKE
- अक्षय तृतीया पर दान का महत्व
No comments:
Post a Comment