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Santre ke Aushdhiya Prayog | संतरे के औषधीय प्रयोग | Medicine Uses of Orange

संतरे के औषधीय उपयोग (Medicine Uses of Orange)

1.    उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) – यदि किसी व्यक्ति को हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत हो तो उस व्यक्ति के लिए संतरे का सेवन करना बहुत ही लाभप्रद सिद्ध होता हैं. यदि उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित व्यक्ति रोजाना संतरे का सेवन करें. तो उसके रक्तचाप का स्तर हमेशा समान्य रहेगा. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT संतरा एक महत्वपूर्ण स्वादिष्ट रसीला फल ...
Santre ke Aushdhiya Prayog
Santre ke Aushdhiya Prayog


2.    एसिडिटी (Hyperacidity) – अगर किसी व्यक्ति को पेट में गैस बनने की शिकायत हैं. तो वह व्यक्ति संतरे के रस का इस्तेमाल कर सकता हैं. पेट की एसिडिटी की परेशानी को दूर भगाने के लिए एक गिलास संतरे का रस लें और उसमें भूना हुआ जीरा तथा सेंधा  नमक मिला लें. अब इस रस का सेवन दिन में दो बार अर्थात सुबह – और शाम करें. लगातार कुछ दिनों तक रोजाना इस रस का सेवन करने से आपको जल्द ही पेट की इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.  

3.    खुजली (Itching)– यदि किसी व्यक्ति को दाद और खुजली की समस्या हो गई हैं. तो वह व्यक्ति संतरे के छिलके का इस्तेमाल कर इस समस्या से मुक्ति पा सकता हैं. खुजली की समस्या से निजात पाने के लिए संतरे का छिलका लें और उसे पानी के साथ पीस लें. अब संतरे के इस छिलके के लेप को शरीर में जिस जगह खुजली हो रही हैं उस जगह पर लगाएं. संतरे के छिलके के लेप को लगाने के एक घंटे के बाद इस लेप को पानी से हटा दें. लेप को हटाने के बाद संतरा खाएं या उसका रस पिए. इस उपाय को करने से आपको पुरानी से पुरानी खुजली से राहत मिल जायेगी

4.    गार्भावस्था में उल्टी (Vomiting in Pregnancy) – यदि आपको गर्भावस्था में लगातार उल्टियाँ हो रही हैं. तो उल्टियों की इस समस्या से मुक्त होने के लिए भी आप संतरे के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं. गर्भावस्था में होने वाली लगातर उल्टियों को बंद करने के लिए एक गिलास संतरे का रस लें और उसमें शहद मिला लें. अब इस रस का सेवन करें. आप उल्टियों को बंद करने के लिए संतरे के छिलकों का भी प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए संतरों के छिलकें लें और उन्हें सूखा लें. सुखाने के बाद इन छिलकों को अच्छी तरह से पीसकर खूब बारीक़ चुर्ण बना लें. अब इस चुर्ण को थोड़े – थोड़े समय में चांटे. इन दोनों ही उपायों से आपको उल्टियाँ होनी बंद हो जायेंगी तथा इसके साथ ही यदि आपको अपच, अतिसार तथा वमन की समस्या हैं. तो वह भी ख़त्म हो जायेगी.

5.    पेट के कीड़े (Intestinal Worms)– यदि आपके बच्चे के पेट में कीड़े हो गए हैं तो आप अपने बच्चे के पेट के कीड़ों को ख़त्म करने के लिए भी संतरे के  छिलके का प्रयोग कर सकते हैं. पेट के कीड़ों को नष्ट लिए करने के लिए संतरे के छिलकों को चार गिलास पानी में उबाल लें. अब पानी को तब तक उबालें. जब तक की बर्तन में पानी 4 कप से 1 कप न हो जाये. अच्छे तरीके से संतरों के छिलकों को उबालने के बाद इसमें हिंग पाउडर मिला लें और इस रस का सेवन अपने बच्चे को रोजाना एक – एक चम्मच कराएँ. रोजाना यदि आप अपने बच्चे को एक चम्मच रस का सेवन कराएँगे तो आपके बच्चे के पेट के सभी कीड़े नष्ट हो जायेंगे.

6.    नेत्र की ज्योति को बढाने के लिए  (To Increase the Light of the Eye)  – अगर आपकी आँखें कमजोर हैं. जिसके कारण आपको ठीक ढंग से नहीं दिख पाता हैं तो आप अपने नेत्रों की ज्योति को बढाने के लिए संतरे के रस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. नेत्रों की ज्योति को बढाने के लिए एक गिलास संतरे का रस लें और थोड़ी सा कालीमिर्च का पाउडर लें. अब संतरे के रस में कालीमिर्च का पाउडर मिला लें और इसके बाद इस रस का सेवन करें. यदि आप नियमित रूप से प्रतिदिन संतरे के रस का सेवन करेंगे तो आपके आँखों की रौशनी बढ़ जायेगी.

7.    अजीर्ण (Indigestion)– संतरे का रस अजीर्ण के रोग के लिए भी बहुत ही उपयोगी फल हैं. यदि अजीर्ण के रोग से पीड़ित व्यक्ति संतरे के रस में कालीमिर्च, काला नमक, सौंठ मिलाकर रोजाना पिए तो उसे जल्द ही इस बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा.

8.    पेट दर्द (Stomach Pain) – यदि आपके पेट में दर्द हो रह हो तो भी आप संतरे के रस का प्रयोग कर सकते हैं. पेट दर्द से राहत पाने के लिए एक कप संतरे का रस लें और उसमें थोड़ी सी हिंग भूनकर मिला लें. अब इस रस का सेवन करें. इस रस का सेवन करने के कुछ समय पश्चात् ही आपको पेट दर्द से मुक्ति मिल जायेगी.

9.    हृदय रोग (Heart Disease) – अगर कोई व्यक्ति हृदय के रोग से पीड़ित हैं तो उस व्यक्ति के लिए भी संतरे का रस बहुत ही फायदेमंद होता हैं. हृदय का रोगी यदि संतरे के रस में शहद मिलाकर पी लें. तो उसे हृदय रोगों में बहुत ही आराम मिल जायेगी. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेल एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक फल ...
 संतरे के औषधीय प्रयोग
संतरे के औषधीय प्रयोग

  श्वास रोग (Breathing Problems) – अगर किसी व्यक्ति को सांस से सम्बन्धित बिमारी हैं. जिसके कारण उसकी सांसे थोडा बहुत काम करने पर ही फूलने लगती हैं तथा वह हांफने लगता हैं. तो वह सांस की  बिमारी से बचने के लिए संतरे के रस का इस्तेमाल कर सकता हैं क्योंकि संतरे का रस श्वास के रोगियों के लिए भी बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता हैं. सांस की बिमारी से राहत पाने के लिए एक गिलास संतरे का रस लें. एक चुटकी नमक लें और एक चम्मच शहद लें. अब इस रस में नमक और शहद मिला लें और इसके पश्चात् संतरे के रस का सेवन करें. संतरे के इस रस का सेवन करने से आपको श्वास रोग के साथ – साथ दमा, टी.वी, जुखाम, बलगम आदि रोगों से भी मुक्ति मिल जायेगी.

11.    ज्वर (Fever) – यदि कोई व्यक्ति तेज ज्वर से पीड़ित हैं तो वह भी  संतरे के रस का सेवन कर सकता हैं. ज्वर से पीड़ित व्यक्ति को जब प्यास लगे तो उसे संतरे का रस पीना चाहिए या संतरे के फल को खाना चाहिए. इससे प्यास बुझती हैं तथा ज्वर भी जल्दी उतर जाता हैं. 

12.     खांसी (Cough) – संतरा खांसी के रोग को भी दूर करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण फल हैं. यदि आप संतरे की कलियों को निकालकर उसे एक बर्तन में डालकर गर्म कर लें और उसमें शक्कर डाल लें. कुछ देर और गर्म करने के बाद संतरे के इस मिश्रण का सेवन खांसी से पीड़ित व्यक्ति को खिलाएं. इस मिश्रण का लगातार 2 – 3 हफ्ते तक सेवन करने के बाद आपको खांसी से मुक्ति अवश्य मिल जायेगी.  
Medicine Uses of Orange
Medicine Uses of Orange
  

13.      सर्दी खांसी (Cold And Cough) – यदि आपको ठंड के कारण खांसी और जुखाम हो गया हैं. तो आप इन रोगों से मुक्ति पाने के लिए संतरे के रस को गर्म करके पी सकते हैं. संतरे के रस को गर्म करके पीने से आपको जल्द ही इन दोनों बिमारियों से छुटकारा मिल जाएगा.

14. हिस्टीरिया तथा कब्ज (Hysteria And Constipation) – कब्ज तथा हिस्टीरिया रोग से पीड़ित गर्भवती महिला को यदि संतरे का रस पिलाया जाएँ तो उस महिला को कब्ज के साथ – साथ हिस्टीरिया रोग के अन्य प्रभावों से भी राहत मिल जायेगी.

15.  बच्चों के उदर रोग ( Children’s Abdominal Disease) – बच्चे को यदि उदर रोग हो गया हो तो आप बच्चे को संतरे के रस में ताजा जल मिलाकर इस रस को माँ के दूध में या गाय के ताजे दूध में मिलाकर बच्चे को पिलायें. संतरे के रस में दूध को मिलाकर पिलाने से आपके बच्चे का उदर रोग ठीक हो जायेगा.

16.  शिशु शक्तिवर्धक (Infant Invigorating) – अगर कोई बच्चा कमजोर हैं. तो भी आप बच्चे के शरीर की ताकत को बढाने के लिए संतरे का प्रयोग कर सकते हैं. यदि प्रतिदिन बच्चे को संतरे के रस का सेवन कराया जाए तो उसके शरीर की शक्ति में वृद्धि होती हैं तथा उसका शरीर हमेशा स्वस्थ रहता हैं. 

बच्चे के शरीर की शक्ति की वृद्धि के लिए आप संतरे का एक और तरीके से प्रयोग कर सकते हैं. इस उपाय को अपनाने के लिए एक गिलास में आधा संतरे का रस डालें और आधा अंगूर का रस मिलाएं. अब इन दोनों रसों को मिलाकर बच्चे को पिलाए. इस सर को पिलाने से बच्चे का शरीरिक विकास तीव्र होता हैं.

17.  अपच (Indigestion) – यदि आपके अपच की शिकायत हैं तथा आपको बिना भोजन खाए भी अपने पेट में भारी – भारीपन महसूस हो रहा हो तो आप इन दोनों बिमारियों से निजात पाने के लिए रोजाना 2 या 3 संतरों का सेवन करें. आपको अवश्य अपच व पेट के भारीपन की समस्या से आराम मिल जायेगा.
पायरिया (Pyorrhea) – यदि आपके दांत में पायरिया का रोग हो गया हैं. तो आप इस समस्या से मुक्त होने के लिए संतरे के रस का सेवन कर सकते हैं. पायरिया के रोग को ठीक करने के लिए आप संतरे को खा भी सकते हैं तथा इसके रस को पी भी सकते हैं. इसके अलावा आप अपने दांतों को संतरे के छिलकों के चुर्ण से साफ कर भी इस बिमारी से राहत पा सकते हैं.

19.  घाव (Wound) – अचानक से कभी किसी व्यक्ति को चोट लगने के कारण घाव हो जाए तो इस घाव को जल्दी ठीक करने के लिए भी संतरे का इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योंकि संतरे को खाने से जखम जल्दी भर जाता हैं.

20.   बच्चों के दस्त (Children’s Diarrhea) – बच्चों को अगर दस्त लगे हो तो आप उन्हें संतरे का रस पिला सकते हैं. बच्चों को दस्तों से छुटकारा दिलाने के लिए रोजाना संतरे का रस दूध में मिलाकर पिलायें. रोजाना दूध में रस मिलाकर पिलाने से शीघ्र ही उसे दस्त होने बंद हो जायेंगे.

21.   मलेरिया (Malaria) – मलेरिया बहुत ही घातक रोग हैं. यह रोग मच्छरों के काटने के कारण होता हैं. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की जान जाने की भी सम्भावना होती हैं. इसलिए आपको इस रोग के निदान हेतु जल्द से जल्द इलाज कराना चाहिए. आप मलेरिया रोग को दूर करने के लिए संतरे का प्रयोग भी कर सकते हैं. इस रोग से मुक्ति के लिए 2 संतरे लें और उन्हें छिल लें अब इन संतरों के छिलकों को 3 कप पानी में डाल कर उबाल लें. अब इस पानी को तब तक उबालें जब तक की बर्तन का पानी आधा न रह जाएँ. जब पानी बर्तन में आधा रह जाएँ तो इस पानी को अपने पीने लायक ठंडा कर लें और उसका सेवन करें. इस रस का सेवन प्रतिदिन करने से आपको मलेरिया रोग से राहत मिल जायेगी.

22.   टायफायड (Typhoid)  – टायफायड एक ऐसा रोग हैं. जिससे पीड़ित होने पर व्यक्ति को ज्वर कभी चढ़ जाता हैं तो कभी उसका ज्वर उतर जाता हैं. इस तरह लगातार ज्वर के उतारा – चढ़ाव के कारण व्यक्ति के शरीर में बेचैनी हो जाती हैं, वह छटपटाने लगता हैं तथा उसे अधिक गर्मी महसूस होती हैं. यदि आप भी इस बीमारी से पीड़ित हैं तो आप इस रोग के दुष्प्रभावों से बचने के लिए तथा इस रोग को ठीक करने के लिए एक गिलास दूध लें और उसे पीने के बाद एक संतरा खा लें. आप टायफायड के इस रोग से मुक्ति पाने के लिए ठन्डे दूध में संतरे का रस मिलाकर भी पी सकते हैं. इन दोनों ही उपायों को अपनाने से आपको टायफायड के रोग से आराम मिल जाएगा.  

23.  चेचक के दाग ( Pockmarked) किसी व्यक्ति को यदि चेचक रोग हो गया हो. जिसके कारण उसे चेचक के दाग भी हो गये हैं तो वह इस रोग के कारण होने वाले दागों को ठीक करने के लिए संतरे का छिलका लें और उसे सुखा लें अब इस छिलके को पीसकर इसका  चुर्ण बना लें. अब इस चुर्ण में गुलाबजल मिला लें. अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगायें. इस लेप को लगाने के बाद आपके चेहरे के सभी दाग ख़त्म हो जायेंगे और आपका चेहरा निखर जाएगा.

चेचक के रोगों के दाग को ठीक करने के लिए ताजे संतरे के छिलके को अपने चेहरे पर रगड़कर भी आप दाग से निजात पा सकते हैं.


Gambhir Rogon Mein Santre ka Upyog,
Gambhir Rogon Mein Santre ka Upyog,

24.  मुंहासे तथा झाई (Acne and Freckle) – अक्सर व्यक्ति अपने चेहरे के कील – मुंहासों को लेकर बहुत ही चिंतित रहते हैं. आप अपने चेहरे को  बिल्कुल साफ बनाने के लिए और चेहरे की झुर्रियों को ठीक करने के लिए संतरे के छिलकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. संतरे के छिलकों को यदि आप अपने चेहरे पर रगड़े तो आपके चेहरे के सभी मुंहासे ठीक हो जायेंगे.

इसके अलावा यदि आप संतरे के छिलके के चुर्ण के साथ कलौंजी के पेस्ट को मिलाकर चेहरे पर लगाये तो भी आपके चेहरे के सभी निशान, कील – मुंहासे ठीक हो जायेगे तथा आपके चेहरे की त्वचा मुलायम हो जायेगी.

25.  भूख न लागना (Loss of Appetite) – यदि किसी व्यक्ति को भूख कम लगती हो तो वह अपनी खुराक बढ़ाने के लिए भी संतरे का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए एक संतरा लें और उसे छीलकर उसकी कलियों पर पीसी सौंठ तथा कालीमिर्च छिडककर इसका सेवन करें. इस प्रकार संतरे का प्रतिदिन सेवन करने से आपकी भूख खुल जायेगी.

26.      वमन (Vomit) – कुछ व्यक्तियों को यात्रा पर जाते हुए उल्टियाँ होती हैं तथा उनका जी मिचलाने लगता हैं. वमन के रोग का शमन करने के लिए एक संतरा लें और उसकी कलियों को धीरे – धीरे चूसें. संतरे की कलियों को चूसने से आपको उल्टियाँ नहीं होगी तथा आपका मन भी नहीं मिचलायेगा.

27.    गुर्दे के रोग (kidney Desease) – गुर्दे के रोग से पीड़ित होने पर भी आप संतरे का उपयोग कर सकते हैं. गुर्दे के रोगों के लिए संतरा बहुत ही लाभदायक होता हैं. गुर्दे की बिमारियों से मुक्त होने के लिए रोजाना 2 या 3 संतरों को खाने के बाद गुनगुना पानी पी लें. आपको गुर्दे के रोग में बहुत आराम मिलेगा.
28. पित्त जनित दाह (Bile Generated Dah) यदि आप पित्त जनित दाह की बिमारी से ग्रस्त हैं तो इस रोग को दूर करने के लिए 40 ग्राम संतरे का अर्क लें, 5 सफ़ेद इलायची लें, तथा 10 ग्राम मिश्री लें. अब इन तीनों को एक साथ मिलाकर इस रस का सेवन करें. इस रस का नियमित रूप से सेवन करने से आपको इस रोग से अवश्य मुक्ति मिल जायेगी.

29.    नकसीर (Hemorrhage) नकसीर की बिमारी के लिए संतरा एक बेहद उपयोगी फल हैं. यदि आपके नाक से खून निकलता हैं. तो आप बार – बार अपने नाक से खून बहने से रोकने के लिए संतरे के रस का उपयोग कर सकते हैं. जब भी आपके नाक से खून बहना शुरू हो तब अपनी नाक में दो – दो बूंद संतरे के रस की डालें. संतरे के रस की बूंदों को नाक में डालने के बाद नाक से खून निकलना बंद हो जाएगा.

29.    चर्म रोग (Skin Disease) अगर आपको चरम रोग जैसे – दाद और खुजली हो गई हैं तो भी आप संतरों के छिलकों का प्रयोग कर सकते हैं. चर्म रोग को ठीक करने के लिए संतरे के छिलकों को 8 – 9 दिनों तक शराब में डूबाकर रख दें. अब इन छिलकों को पीसकर इस लेप को दाद व खुजली वाले स्थान पर लगायें. आपको जल्द ही चरम रोग से छुटकारा मिल जायेगा.

30.    पीलिया (Jaundice)  – पीलिये से ग्रस्त व्यक्ति के लिए संतरा बहुत ही लाभदायक फल हैं. इस रोग से छुटकारा पाने के लिए यदि रोजाना रोगी व्यक्ति संतरे का सेवन करें. तो उसे पीलिये के रोग से निजात मिल जायेगा.

31.  त्वचा का रूखापन (Skin Dryness) – अगर आपके शरीर की त्वचा रुखी हो गई हैं. तो आप अपनी त्वचा के रूखेपन को दूर करने के लिए संतरे के छिलके लें और घी लें. अब इन दोनों को पीसकर एक महीन पेस्ट तैयार कर लें. अब इस पेस्ट को आप इस अपने शरीर पर लगाकर मालिश करें. इस लेप को लगाने से आपके शरीर की त्वचा कोमल हो जायेगी और आपके शरीर का रूखापन ख़त्म हो जाएगा.

32.   तैलीय त्वचा (Oily Skin ) – यदि आपके चेहरे की त्वचा तैलीय हैं तो आप अपनी त्वचा पर मुलतानी मिट्टी में संतरे का रस मिलाकर लगायें. इस लेप को लगाने से आपके चेहरे का तैलीयता कम हो जायेगी तथा आपके चेहरे की चमक बढ़ जायेगी.  

 संतरे के औषधीय प्रयोग के बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Santre ka Aayurvedic Istemal
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