संतरा (Orange)
संतरा एक बेहद ही स्वादिष्ट और उपयोगी फल हैं. कुछ लोग इसे नारंगी के
नाम से भी जानते हैं. संतरा हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभप्रद होता हैं. संतरे को
खाने से शरीर को ठंडक मिलती हैं. संतरे का स्वाद खाने में मीठा और खट्टा होता हैं.
इसे खाने से शरीर में ताजगी बनी रहती हैं तथा शरीर में फुर्ती आती हैं.
संतरे का पेड़ (Tree of Orange)
संतरा ग्रीष्मकालीन फल हैं. इसका पेड़ नींबू के पेड़ की भांति ही होता
हैं. इसकी पत्तियों का रंग गहरा हरा होता हैं तथा जब इस पर फल लगते हैं. तब
उनमें से एक बहुत ही सुगंधित खुशबू आती हैं. संतरे के पेड़ पर सफेद रंग के फूल
भी लगते हैं. इन सफेद फूलों की 8 से 10 पंखुडियां होती हैं. इस पेड़ पर लगने वाले
फल का रंग आरम्भ में हरा तथा पकने के बाद पिला या संतरा हो जाता हैं. संतरे का
उत्पादन लगभग भारत के सभी क्षेत्रों में होता हैं. लेकिन कुछ विशेष स्थानों
पर इसकी पैदावार अधिक मात्रा में होती हैं. जैसे – उत्तर प्रदेश में,
महाराष्ट्र के नागपूर में तथा आसाम के सिलहट आदि स्थानों पर संतरों का उत्पादन
अधिक मात्रा में होता हैं तथा इन क्षेत्रों के संतरे पूरे भारत में तथा अन्य
स्थानों पर बहुत ही प्रसिद्ध भी हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेल एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक फल ...
Santra Ek Mahatvpurn Svadisht or Rasila Fal |
संतरे के विभिन्न नाम (Different Names of Orange)
संतरे को अनेक भाषाओं में भिन्न – भिन्न नामों से जाना जाता हैं. जैसे इसे हिंदी
भाषा में नारंगी के नाम से जाना जाता हैं. संस्कृत भाषा में इसे
नारंग कहा जाता हैं. मराठी भाषा में इसके लिए नारिग शब्द का
प्रयोग किया जाता हैं. गुजराती भाषा में इसे नारंगी कहा जाता हैं. बंगाली
भाषा में इसे कामला तथा लेवु कई नाम से जाना जाता हैं. तेलगु भाषा
में इसके लिए दयाकाया शब्द का इस्तेमाल किया जाता हैं. कन्नड़ भाषा
में संतरे को माधबाला कहा जाता हैं. तमिल भाषा में इसके लिए किचिली,
नारंगम शब्द का प्रयोग किया जाता हैं. फारसी में संतरे को नारंज
कहा जाता हैं. अंग्रेजी में इसके लिए अंग्रेजी शब्द ओरेंज शब्द
प्रचलित हैं. संतरे का लैटिन नाम साइट्रस औरीणटम हैं.
संतरे के पौष्टिक तत्व ( Nutrients of Orange)
संतरे में विभिन्न खनिज तत्वों की मात्रा पाई जाती हैं. इसमें प्रोटीन
की मात्रा 0.7 प्रतिशत होती हैं. 100 ग्राम संतरे में 87.6 प्रतिशत नमी पाई
जाती हैं. 0.2 प्रतिशत वसा की मात्रा भी इसमें उपलब्ध होती हैं. इसमें 0.3
प्रतिशत खनिज तत्व की मात्रा भी पाई जाती हैं. संतरे में 0.3 प्रतिशत रेशे
की मात्रा भी उपलब्ध होती हैं. इसमें कार्बोहाइड्रेट की 10.9 प्रतिशात
मात्रा उपलब्ध होती हैं. इसमें 26 ग्राम कैल्शियम भी होता हैं. संतरे में
20 मि. ग्राम फास्फेट की मात्रा पाई जाती हैं. नारंगी में 0.3 मि. ग्राम लौह
तत्व भी विद्यमान होता हैं. संतरे में विटामिन सी की 30 मि.ग्राम
मात्रा पाई जाती हैं तथा 59 कैलोरी भी उपलब्ध होती हैं.
संतरे का रस (Orange Juice)
संतरे का प्रयोग व्यक्ति रस के रूप में भी करते हैं. इसका रस बहुत ही
स्वादिष्ट होता हैं. इसका स्वाद हल्का खट्टा तथा मीठा होता हैं. संतरे का रस बहुत
ही उपयोगी होता हैं. इसका सेवन करना रोगी व्यक्ति के लिए बहुत ही लाभदायक होता
हैं. यदि कोई व्यक्ति किसी बिमारी से ग्रस्त होने पर किसी भी प्रकार के प्रदार्थ
का सेवन न कर पाए तो वह इस संतरे के रस का सेवन ऐसी स्थिति में भी कर सकता हैं.
संतरे में एक खूबी यह भी हैं कि इसे खाने से या इसके रस का सेवन करने से भोजन
आसानी से पच जाता हैं. संतरे का रस पीने के बाद
शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती हैं. संतरे का रस सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए
लाभदायक होता हैं. उसके लिए भी संतरे का रस अत्यंत महत्वपूर्ण फल हैं. क्योंकि
संतरे के रस में विटामिन ‘ए’, ‘बी’ तथा ‘सी’ तीनों की मात्रा पाई जाती हैं.
संतरे के रस में साइट्रिक एसिड की मात्रा भी विद्यमान होती हैं. इसमें साइट्रिक
आफ पोटाश की 2 से 3 प्रतिशत मात्रा भी उपस्थित रहती हैं. इन सभी पौषक तत्वों
के अलावा संतरे के रस में शर्करा की मात्रा, टेनिन की मात्रा तथा
4.5 प्रतिशत क्षार की मात्रा भी सम्मिलित होती हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT संतरे के औषधीय प्रयोग ...
संतरा एक महत्वपूर्ण स्वादिष्ट रसीला फल |
संतरे के फायदे (Benefits of Orange)
संतरे के फल का सेवन करने से व्यक्ति के शरीर में ठंडक आती हैं. संतरे को खाने
से शरीर की ताकत बढती हैं, रक्त की वृद्धि होती हैं तथा प्यास बुझती हैं. संतरा
अतिसार, कृमी, पीलिया, हृदयरोग आदि रोगों का शमन करता हैं. यह टायफायड, पेट के
रोग, क्षय तथा सीने के रोगों में उपयोगी होता हैं. संतरे को खाने से शरीर की ताकत
तो बढती ही हैं. इसके साथ ही व्यक्ति के मष्तिस्क का भी विकास होता हैं. यदि किसी
व्यक्ति को मौसम परिवर्तन के कारण जुखाम, संक्रामक रोग हो जाए तो वह व्यक्ति इन
बिमारियों से मुक्त होने के लिए संतरे का सेवन कर सकता हैं. संतरा खाने से भोजन
आसानी से पच जाता हैं, यह वात को नष्ट करने वाला, शारीरिक जलन को शांत करने वाला
तथा खाने के प्रति अरुचि दूर करने वाला फल हैं. संतरे के फल और रस की भांति ही
संतरे का छिलका भी बहुत ही उपयोगी होता हैं. इसका प्रयोग औषधि को बनाने के लिए
किया जाता हैं. संतरे के छिलकों का तेल भी निकाला जाता हैं था इस तेल का
प्रयोग औषधि का स्वाद बढाने के लिए किया जाता हैं. संतरे का फल जो व्यक्ति शारीरिक
रूप से स्वस्थ नहीं हैं और कमजोर हैं.
संतरा एक महत्वपूर्ण स्वादिष्ट रसीला
फल तथा संतरे के औषधीय प्रयोग के बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके
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