केसर ( Saffron )
केसर आयुर्वेद और
औषधि में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली बूटी है. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण और
रोगों से मुक्ति में केसर एक अहम भूमिका अदा करता है. यहीं नही इसका स्थान विभिन्न
प्रकार के व्यंजनों को सुगंध, रंग और स्वाद देने के लिए भी किया जाता है. इसमें से
काफी तेज सुगंध आती है. केसर के इतने लाभ को देखते हुए ही इसे मानव जीवन के लिए संजीवनी
बूटी माना जाता है. आज हम केसर के ऐसे ही कुछ खास गुण और इसके फायदों के बारे
में जानेंगे. CLICK HERE TO KNOW केसर के घरेलू आयुर्वेदिक औषधीय उपयोग ...
Sanjivani Buti Booti Kesar |
केसर की खास बात ये
है कि ये फूलों में से निकाला जाता है और जम्मू कश्मीर जैसी ठंडी जगह में इसकी
खेती की जाती है. कश्मीर के लोगो के लिए केसर एक वरदान की तरह है. किन्तु
जितने इसके लाभ है इसको उगाने में उतनी ही अधिक मेहनत, देखभाल और धैर्य लगता है.
औषधियों में इस्तेमाल करने के लिए इसको अधिक मात्रा में नही मिलाना पड़ता बल्कि
औषधि में चुटकी भर केसर भी अपना असर दिखा देता है और इसीलिए इसकी कीमत भी बहुत
अधिक होती है.
केसर का
पौधा (
Saffron Plant ) :
केसर के मनमोहक
सुगन्धित पौधे की लम्बाई लगभग 15 से 25 सेंटीमीटर होती है किन्तु इस पौधे की
पत्तियाँ नुकीली, पतली और लम्बी होती है. केसर के पौधे के बीच में भी पुष्पदंड
होता है. इस पुष्पदंड पर ही वे फुल आते है जिसपर केसर निकलता है. केसर के पौधे को
अगस्त और सितम्बर के महीने में ही बोया जाता है इसकी बुआई के 2 से 3 महीने बाद ही
इसमें फुल निकलना शुरू हो जाते है, जो नीले, सफ़ेद और बैंगनी रंग के होते है. CLICK HERE TO KNOW आयुर्वेद में अंजीर का महत्व ...
संजीवनी बूटी केसर |
केसर के
फुल (
Saffron Flower ) :
केसर का फुल बाकि
फुले से थोडा भिन्न है क्योकि इसके कीपनूमा आकृति के फूलों में लाल और संतरी रंग
के 3 मादा भाग होते है, इन मादा भागों को ही केसर कहा जाता है और औषधि के रूप में
इस्तेमाल किया जाता है. किन्तु ध्यान रहें कि हर फुल में केवल 3 ही केसर पायें
जाते है. क्योकि केसर का रंग लाल और नारंगी होता है तो दिखें में ये दिखने में आग
की तरह लगता है और इसलिए संस्कृत में केसर को अग्निशाखा के नाम से भी जाना
जाता है. इन फूलों की मोहक सुगंध से इनके आसपास का वातावरण भी हमेशा सुगन्धित रहता
है.
केसर के
फूलों से केसर निकालने की प्रक्रिया ( The Process of Getting Saffron from Saffron Flower ) :
केसर के फूलों से
केसर निकालने के लिए भी काफी मेहनत करनी पडती है, जिसके लिए सबसे पहले इसके फूलों
को इक्कठा कर इन्हें किसी छायादार जगह पर सुखाया जाता है. जब ये सुख जाते है तो
इसके मादा भाग को अलग कर लिए जाता है और उन्हें फिर से सूखने के लिए छोड़ दिया जाता
है ताकि उनमे जल का कोई तत्व ना रहें. केसर के रंग और इसके आकार के अनुसार केसर को
अनेक श्रेणियों में बांटा जाता है. इन श्रेणियों में मागरा, गुच्छी और लच्छी खास
है. आपको बता दें कि लगभग 1,50,000 केसर के फूलों से मात्र 1 किलो केसर प्राप्त
होता है और यही वजह इसे दुनिया का सबसे महंगा पौधा भी बनाती है.
Lifesaving Herb Saffron |
असली
केसर (
Real Saffron ) :
- अगर आप केसर को सीधे ही खाने का प्रयत्न करते हो
तो आपको इसका स्वाद कडवा मिलता है किन्तु यही इसके असली होने की पहली पहचान है.
- इसके अलावा असली केसर पानी में तुरंत ही पूरी तरह
से घुल जाता है.
- केसर के असली होने की पहचान करने के लिए इसे आप
पानी में भिगों लें और फिर इसे कपडे पर रगड़ें. अगर इसमें से पीला या केसरिया रंग
निकलता है तो समझे कि वो असली केसर है.
केसर एक वरदान |
- किन्तु अगर पहले लाल रंग निकाल आता है तो वो नकली
केसर की पहचान होती है.
- गर्म पानी में केसर को डालने से भी केसर से गहरा
पीला रंग निकलने लगता है.
संजीवनी
बूटी केसर, इसके पौधे, फुल या असली केसर की पहचान के अन्य तरीको को जानने के लिए
आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Asli Kesar ki Pahchan |
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