रक्त विकार से
छुटकारे के उपाय ( Remedies to Treat Blood Disorder )
§ चिरायता ( Absinth ) : चिरायता को रक्त विकार के लिए रामबाण इलाज माना जाता है. ये
रक्त को शुद्ध कर उसमे ऑक्सीजन की मात्रा की वृद्धि करता है. इसका प्रयोग करने के
लिए आप दिन में 2 बार 1 गिलास पानी में चिरायता की कुछ पत्तियों को पीसकर पी जाएँ. आपको जल्द ही लाभ
मिलेगा. CLICK HERE TO KNOW रक्त विकार कारण और लक्षण ...
Rakt Vikaar Dur Karne ke Ghrelu Aayurvedic Upay |
§ अदरक और निम्बू ( Ginger and Lemon ) : आप अदरक को छोटे छोटे टुकड़ों में पिस लों और उसमे निम्बू
की 2 – 3 बूंदें डालकर मिलाएं. इसके बाद आप ऊपर चुटकी भर नमक और पीसी हुई काली मिर्च डालें. इस तरह अदरक थोड़ी स्वादिष्ट भी हो जाती
है. इस पेस्ट को आप सुबह खाली पेट लें. कुछ समय बाद ही आपका खून साफ़ होने लगेगा और
इसका असर आपको स्पष्ट दिखाई देगा.
§ नीम की छाल ( Neem Bark ) : आप एक चूर्ण बनाएं, उसके लिए आप थोड़ी सी कुटकी, उसवा और
नीम की छाल लें इन्हें आप अच्छी तरह पीसकर मिला लें और इसके पाउडर को एक डिब्बे
में डाल लें. इस चूर्ण को आप प्रतिदिन 2 बार शहद के साथ 3 ग्राम की मात्रा में
लें.
नीम की छाल का आप
अन्य तरीके से भी इस्तेमाल कर सकते हो इसके लिये आप इसे पिस ले और पानी में घोल
लें. फिर आप इसमें थोडा कपूर मिलाएं और इसे शरीर के उस हिस्से पर लगायें जो रक्त
विकार से ग्रसित है. CLICK HERE TO KNOW रक्तदान का महत्व ...
रक्त विकार दूर करने के घरेलू आयुर्वेदिक उपाय |
§ लोकी की सब्जी ( Gourd Vegetable ) : अगर आप घिया की सब्जी को बिना नमक के साथ उबालकर खाते हो तो उससे भी आपके
रक्त की शुद्धि होती है और आप रक्त विकार से बचे रहते हो.
§ बेल पत्र ( Belpatr ) : रक्त को शुद्ध करने के लिए आप पके हुए बेल के गुदे में
शक्कर डालें और उसका नियमित रूप से सेवन करें. आपको तुरंत लाभ मिलेगा.
§ लहसुन ( Garlic ) : प्रतिदिन सुबह
खली पेट लहसुन की 2 से 3 कलियाँ खाने से शरीर ना सिर्फ इन्फेक्शन से बचा रहता
बल्कि रक्त की शुद्धि भी होती है.
§ आंवला ( Amla ) : आंवलें का अनेक
तरह के रोगों, पेट की समस्या और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है
इसीलिए इसे एक चमत्कारिक फल माना जाता है. आंवला विटामिन सी की मात्रा से भरपूर
होता है और लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है. इससे शरीर की
प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है. ये सब मिलकर रक्त को शुद्ध और साफ़ करने में बेहद
सहायक होते है.
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§ बकरी का कच्चा दूध ( Raw Goat Milk ) : आप 1 गिलास बकरी का दूध लें और उसमे दूध का आँठवा हिस्सा शहद मिला लें और इसे
पी जाएँ. इस उपाय का आप नियमित रूप से सेवन करें किन्तु आपको इसके बाद नमक और काली
मिर्च को छोड़ देना है उसकी जगह आप सेंधा नमक और कालीमिर्च का इस्तेमाल कर सकते हो.
§ अर्कत्वक मूल चूर्ण ( Arkatvak Powder ) : आप सफ़ेद अर्कत्वक मूल चूर्ण में थोडा शक्कर मिलाकर ग्रहण करें. इससे आपको
अनेक तरह के रोगों से मुक्ति मिली है जिसमे आपका रक्त विकार भी शामिल होता है.
§ गन्ना ( Sugarcane ) : गन्ने में ऐसे
गुण पायें जाते है जिससे खून की अशुद्धता दूर होती है इसलिए अगर आप प्रतिदिन गन्ने
का ताजा रस पिते है तो उससे भी रक्त विकार से मुक्ति पायी जा सकती है.
§ शतावरी ( Asparagus ) : शतावरी को
इस्तेमाल करने के लिए आप उसमे समान मात्रा में बलामूल और चक्रमर्द दाल लें और इनका
क्वाथ तैयार कर लें इसके बाद आप इसमें थोड़ी मिश्री और इलायची मिला लें और पी जाएँ
आपको जल्द ही आराम मिलेगा और आपका रक्त विकार भी दूर हो जायेगा.
ये रक्त विकार एक घातक रोग है |
अगर आप शतावरी
में उसकी दुगनी मात्रा में शक्कर मिलाकर शरबत बनाकर पीते हो तो उससे भी आपको लाभ मिलता
है. अधिक लाभ पाने के लिए आप इसमें थोडा केसर, जायफल, इलायची और जावित्री मिला
लें. इस तरह आप इस शरबत को 42 दिनों तक ग्रहण करें. आपके रक्त में से सारे विकार
मूत्र मार्ग के द्वारा बाहर निकल जाते है.
§ तुलसी ( Basil ) : तुलसी के
शारीरिक, मानसिक, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभों से सभी भली भांति परिचित है.
इसलिए अगर आप प्रतिदिन सुबह खली पेट तुलसी के पत्ते खाते है तो इससे ना सिर्फ आपका
रक्त शुद्ध होता है बल्कि आपके खून में ऑक्सीजन की कमी भी पूरी होती है.
§ एरंड के पत्ते ( Castor Leaves ) : कुछ लोगों के शरीर पर रक्त की गांठे बन जाती है या रक्त जम
जाता है इस स्थिति में आप एरंड के पत्तों को राई के तेल के साथ चुपड़ लें और उसे
गर्म कर तपा लें. इसके बाद आप इसे अपने शरीर के उस हिस्से पर लगायें जहाँ आपका
रक्त जमा हुआ है. शीघ्र ही आपको लाभ मिलेगा.
Khun mein Kami ko Bhagayen |
§ सारिवा ( Sariva ) : आप सारिवा,
नागरमेथा, सौंठ, कुटकी और सुगंधबाला को सामान मात्रा में लें और उन्हें अच्छी तरह
सुखाकर पीस ले और मिलाकर एक चूर्ण तैयार करें. इस चूर्ण को आप 2 से 3 ग्राम की
मात्रा में पानी के साथ सुबह शाम लें.
रक्त विकार या
खून की शुद्धि के लिए अन्य घरेलू आयुर्वेदिक उपायों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Khoon ki Khrabi se Chhutkare ka Ramban Ilaj |
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