पथरी का
घरेलू प्राकृतिक उपचार ( Home Natural Remedies of Calculus )
पथरी रोग आज के समय
में दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है ये रोग अपने साथ साथ अनेक रोगों को लाता है जिससे
समस्या बढती जाती है और अगर इसका समय पर इलाज ना किया जाएँ तो ये मृत्यु का कारण
भी बन सकता है. पथरी के अनेक रोगी इससे मुक्ति के लिए ऑपरेशन का अधिक सहारा लेते
है, जिसके लिए उनके काफी धन की आवश्यकता होती है. किन्तु पथरी के कुछ अन्य घरेलू
प्राकृतिक आयुर्वेदिक उपाय भी है जिन्हें घर रहकर भी किया जा सकता है. इन उपचार के
लिए ना तो आपको अधिक धन की आवश्यकता ही होती है और ना ही आपको किसी तरह का साइड
इफ़ेक्ट होता है. आज हम आपको पथरी के ऐसे ही कुछ देशी आयुर्वेदिक उपचारों को बता
रहे है जिन्हें अपनाकर आप पथरी से मुक्ति पा सकते हो. CLICK HERE TO KNOW पथरी के कारण और लक्षण ...
Pathri ka Deshi Aayurvedic Ilaaj |
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पखानबोद
(
Pakhaanbod ) : पखानबोद एक पौधा है, जिसे लोग पत्थरचट के नाम से
भी जानते है. इस पौधे को पत्थरचट इसीलिए कहा जाता है क्योकि ये पथरी को चट कर जाता
है अर्थात उससे जल्द छुटकारा दिला देता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए इसकी 10
पत्तियों को आप कम से कम 1 ½ ग्लास
पानी में अच्छी तरह उबाल लें. इस तरह एक काढ़ा निर्मित हो जाता है. आप इस काढ़ते का
नियमित रूप से 15 दिनों तक सेवन करें. यकीन मानियें इन 15 दिनों के अंदर ही आपकी
पथरी बाहर आ जायेगी.
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करेला ( Bitter Gourd ) : पथरी के लिए करेले को रामबाण इलाज माना जाता है. लोग इसके कडवेपन की
वजह से इसे कम पसंद करते है किन्तु करेले से शरीर को अनेक लाभ मिलते है. इसमें
पायें जाने वाले पौषक तत्व जैसेकि मैग्नीशियम और फ़ास्फ़रोस पथरी के निर्माण को
रोकते है और निर्मित पथरी को गलाकर उसे मूत्र मार्ग से बाहर निकालने में सहायक
होते है. इसके अलावा करेला शरीर के रक्त को भी साफ करता है. इसलिए पथरी से पीड़ित
व्यक्ति को रोग कुछ मात्रा में करेले का रस अवश्य पीना चाहियें.
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अंगूर ( Grapes ) : अंगूर लगभग हर व्यक्ति को पसंद है, इसमें कुछ ऐसे तत्व पायें जाते है
जिसे किडनी में पथरी के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. ये भी पथरी को प्राकृतिक
तरीके से मूत्र मार्ग से ही निकालते है. इस प्रक्रिया के लिए अंगूर में पाए जाने
वाले पोटैशियम, नमक, पानी, सोडियम सहायता करते है. CLICK HERE TO KNOW थायराइड के प्रकार, लक्षण, परहेज और उपचार ...
पथरी का देशी आयुर्वेदिक इलाज |
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निम्बू
( Lemon ) : अगर किसी रोगी को गुर्दे में पथरी है तो उसके लिय निम्बू बहुत फलदायक
सिद्ध होता है. इन रोगियों को जब भी पथरी का दर्द हो तो इन्हें निम्बू के 60
मिलीलीटर के रस में 60 मिलीलीटर ही जैतून का तेल मिला लेना चाहियें. इस मिश्रण को
रोगी पी जाएँ. इस तरह इन्हें ना सिर्फ पथरी में ही लाभ मिलता है बल्कि इन्हें अन्य
गुर्दे के रोगों और पेट की समस्याओं से भी छुटकारा प्राप्त होता है.
निम्बू को अन्य तरिके से इस्तेमाल करने के लिए आप निम्बू का काढ़ा
बनाकर इस्तेमाल कर सकते हो इससे रोगी को पथरी के दर्द से मुक्ति मिलती है.
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नीम ( Neem ) : नीम आयुर्वेद में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला पेड़ है. इसका कण
कण मानव शरीर के लिए लाभकारी होता है. इसीलिए पथरी के उपचार के लिए भी इसका
इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए आप नीम के पत्तों का सुखाकर इसे जला लें और इसकी
राख तैयार कर लें. इस राख को रोगी नियमित रूप से दिन में 3 बार पानी के साथ ग्रहण
करें. जल्द ही इन्हें पथरी से आराम मिल जायेगा.
आप नीम के 15 से 20 पत्तों को साफ़ करें और उन्हें पीस लें. इसके बाद
आप उन्हें 50 से 100 मिलीलीटर पानी में डालकर इसका सेवन करें. लगभग 40 से
45 दिनों के सेवन के अंदर ही आपको पथरी से मुक्ति मिल जायेगी.
Deshi Aayurvedic Treatment for Stone in Bladder |
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तुलसी ( Basil ) : तुलसी का दर्शन मात्रा व्यक्ति को आध्यात्मिक सुख और शांति देता है. इसके
घर में होने से घर में सुख शांति और समृद्धि बढती रहती है. साथ ही घर से अपने आप ही
सब कष्ट दूर हो जाते है. तुलसी का शुद्ध रस मूत्र मार्ग से पथरी को निकालने में
सहायक होता है. इसलिए रोगी को प्रतिदिन 1 महीने तक सुबह शाम तुलसी के रस में थोडा
शहद मिलाकर पीना चाहियें. रस पीने के साथ साथ रोगी को तुलसी के कुछ पत्ते चबाने भी
चाहियें.
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केला ( Banana ) : केले में विटामिन बी 6 की भरपूर मात्रा होती है ये शरीर में पत्थर
बनने से रोकने और बने हुए पत्थर को छोटे छोटे हिस्सों में तोड़ने में सहायक होता
है. चिकित्सा विज्ञान में खा जाता है कि अगर रोगी प्रतिदिन में 100 से 150 ग्राम
तक विटामिन बी 6 का सेवन करता है तो उसे गुर्दें और किडनी की पथरी कभी नही होती.
पथरी का रामबाण घरेलू इलाज |
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जवाखार
(
Javaakhar ) : जवाखार एक आयुर्वेदिक बूटी है जिसे मुख्यतः पेट
से सम्बंधित और वायु सम्बंधित रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
क्योकि पथरी भी पेट का ही रोग है तो ये इससे मुक्ति दिलाने में भी लाभकारी होता
है. इसका इस्तेमाल करने के लिए आप 2 – 2 ग्राम की मात्रा में जवाखार, पत्थरचट और
गोखरू लें और पानी के साथ इनका सेवन करें. लगातार 2 महीने तक इस उपाय को करने से
पथरी घुलकर बाहर निकल जाती है.
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बथुआ ( Bathua ) : बथुये को आप अनेक तरह से पथरी निकालने के लिए इस्तेमाल कर सकते हो.
खासतौर से किडनी की पथरी. इसके लिए आपको सबसे पहले आधे किले बथुये को पानी में
उबालना है और इसके उबलने के बाद इसे छलनी से छान लें. बथुए का जो पानी आपने अलग
किया है उसमे आप कुछ मात्रा में पीसी हुई काली मिर्च, स्वादानुसार सेंधा नमक और
जीरा डाल कर अच्छी तरह मिला लें. इस तरह इस काढ़े को आप दिन में 3 से 4 बार अवश्य
पियें. आपको जल्द ही पथरी से आराम मिल जायेगा.
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अनार ( Pomegranate ) : अनार के बीज, इसका रस और इसमें पाया जाने वाल कसैले गुण किडनी से
पथरी निकालने में जल्द ही सहायक सिद्ध होता है. इसीलिए अनार को पथरी का सबसे अदभुत
और सरल घरेलू उपाय माना जाता है. इसका रस प्राकृतिक रूप से पथरी को काटता है और
उसे गलाकर बाहर निकाल देता है.
पथरी का करें उपचार |
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कुल्थी
( Kulthi
) : कुल्थी में अधिक मात्रा में शर्करानाशक तत्व
पायें जाते है. ये शरीर में त्रिदोषो को रोकती है और पथरी के भेदन में
सहायक होती है. ये पथरी को मूत्रल में भी बदल सकती है ताकि ये आसानी से बाहर निकल
सके. पथरी से मुक्ति पाने के लिए 250 ग्राम कुल्थी को अच्छी तरह साफ़ कर लें और
इन्हें रात के समय 3 लीटर पानी में डालकर भीगने के लिए रखें दें. सुबह आप इन्हें
धीमी आंच पर 4 घंटों तक पकाते रहें. जब पानी 1 लीटर के पास रह जाएँ तो आंच को बंद
कर दें. अब आप इसमें 50 ग्राम शुद्ध देशी घी डाल लें और कुल्थी को छोंक लें. इसके
बाद आप इसमें स्वादानुसार थोडा सेंधा नमक, पीसी हुई काली मिर्च, जीरा और हल्दी
डालें. इस तरह कुल्थी एक पथरीनाशक औषधि में परिवर्तित हो जाती है.
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मुली ( Radish ) : मुली का अनेक तरीको से पथरी से मुक्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता
है. सबसे पहले आप 40 मिलीलीटर मुली का रस लें और उसम 30 ग्राम की मात्रा में अजमोद
डालें और इसके पी जाएँ. इस तरह आप 1 महीने तक करें. आपका मल साफ़ हो जाएगा और पथरी
भी घुलकर बाहर निकल जायेगी.
Pathrinaashak Ghrelu Nuskhe |
रोगी को रात को सोते समय 1 ग्लास गुनगुना पानी पीकर सोना चाहियें और 1
ग्लास पानी को पीतल के ग्लास में रखना चाहियें. सुबह इस पानी में 2 ग्राम मुली का
रस मिलाकर खाली पेट पीना चाहियें. इस उपाय से भी पथरी गल कर बाहर निकल जाती है.
रोगी 30 ग्राम मुली के बीज लें और उसें 1 ग्लास पानी में डालकर अच्छी
तरह ग्राम कर लें. जब पानी आधा बच जाएँ तो इस पानी को पी जायें. इस उपाय को रोज
दिन में 2 से 3 बार करें. इससे भी पत्थरी गलकर मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाती है.
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प्याज ( Onion ) : प्याज में भी अनेक पथरी नाशक तत्व होते है. जिससे पथरी से निजात पाने
में सहायता मिलती है. प्याज की सहायता से पथरी से मुक्ति पाने के लिए रोगी 70
ग्राम प्याज को पीसकर उसका रस इक्कठा कर लें. इस रस को रोगी प्रतिदिन सुबह शाम
ग्रहण करें. ये रस पथरी को छोटे छोटे कणों में बाँट दता है और वो मूत्र मार्ग से
बाहर निकल जाती है.
रोगी को प्याज के 2 चम्मच रस में मिश्री मिलकर सेवन करने से भी पथरी
में लाभ मिलता है.
अगर रोगी सुबह उठते ही 50 से 60 मिलीलीटर प्याज का रस पिता है तो उसे
भी उसकी गुर्दे और मूत्राशय की पथरी गलकर बाहर निकल जाती है.
Pathri se Mukti ke Upay |
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अजवायन
(
Parsley ) : ये किडनी और पेट में पत्थर के कणों को बनने से
रोकती है और मूत्र की मात्रा को बढ़ाती है जिससे पथरी को मूत्र मार्ग से निकलने में
सहायता मिलती है. इसीलिए अजवायन को एक सफल यूरिन ऐक्टयूऐटर कहा जाता है. अजवायन को
रोगी एक मसाले या चाय के रूप में इस्तेमाल कर सकते है.
रोगी अजवायन को और जीरे को 5 – 5 ग्राम की मात्रा में लें और इसे
सुखाकर इसको पीस लें, प्राप्त पाउडर को रोगी सुबह शाम ठन्डे पानी के साथ ग्रहण
करें. कुछ दिन इसका सेवन करने से रोगी को जल्द ही पथरी में आराम मिलता है.
अगर
गुर्दे या मलाशय में पथरी है तो रोगी को 6 से 7 ग्राम अजवायन का चूर्ण प्रतिदिन
सुबह शाम खाना चाहियें. इससे पथरी छोटे छोटे टुकड़ों में बाँट जाती है और बाहर
निकाल जाती है.
पथरी से
मुक्ति पाने के ऐसे ही अन्य घरेलू आयुर्वेदिक प्राकृतिक उपयों को जानने के लिए आप
तुरंत नीचे कमेंट कर जानकारी हासिल कर सकते हो.
Stone in Bladder |
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MUJHE 25 DIN HO GYE. LEFT KIDNEY ME 4.1 AUR RIGHT ME 4 M.M. STONE HAI. PLZ BTAYEN ISKA ILAJ KAISE KAREN.
ReplyDeleteRajendra Khandelwal Ji,
DeleteAap post mein diye kisi bhi upay ko apna skte hai, ye sabhi upay istemal kiye hue or kaargar hai. Agar aapko koi doubt hai to aap uske baare mein dobara comment karke batayen.
Sampark ke Liye Dhanyavaad
Jagran Today Team
ji mere mutar bahut kam aata h or morning ko soch jate time bhi dard hota h
ReplyDeletesir mere pittashy mai 20 mm stone hai desi ilaj bataye please
ReplyDeleteनीम का पथरी में प्रयोग पहली बार सुना है और मेरा विषय था कि ज्वार खारा क्या होता है वह समझ नहीं आया यह भी पति संबंधित किसी लेख में जवारखरा पढ़ा था तो जानना चाह रहा था यह होता क्या है
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