इस वेबसाइट पर किसी भी तरह के विज्ञापन देने के लिए जरूर CONTACT करें. EMAIL - info@jagrantoday.com

Note: इस वेबसाइट ब्लॉग पर जो भी कंटेंट है वो मात्र सुचना और शिक्षा के लिए दी गयी है. किसी भी कंटेंट को प्रयोग अगर किया जाता है तो उसके लिए खुद प्रयोग करने वाला ही हर तरह से जिम्मेदार होगा. हमने यहाँ अपने विचार प्रकट किये है. इसीलिए इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं - धन्यवाद

कुछ ख़ास आपके लिए :-

Best Full Body Massage Maalish Parlour in Rohtak Haryana - बेस्ट फुल बॉडी मसाज मालिश पार्लर इन रोहतक हरयाणा

  Best Full Body Massage Maalish Parlour in Rohtak Haryana सबसे पहला प्रश्न तो यही है की हमे बॉडी मसाज या शरीर पर मालिश ( Full Body Massa...

Navratre ke Doosre Din Mata Brahmcharini ki Pooja | नवरात्रे के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्रे का दूसरा दिन
नवरात्रे के दुसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती हैं. ब्रह्मचारिणी माँ पार्वती का ही स्वरूप हैं. इन्हें तपश्र्चारिणी, अपर्णा तथा उमा के नाम से भी जाना जाता हैं. नवरात्रे के नौ दिन नौ देवियों की पूजा की जाती हैं. नौ देवियों के ये नौ स्वरूप प्रमुख रूप से तीन देवियों के माने जाते हैं. पहले तीन दिन पार्वती माता के तीन स्वरूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी तथा चंद्रघंटा की अराधना की जाती हैं. इसके बाद अगले तीन दिनों तक लक्ष्मी माँ के तीन स्वरूपों की पूजा की जाती हैं. जिनका नाम कूष्मांडा, स्कन्द माता तथा कात्यायनी हैं. नवरात्रे के अंतिम दिन सरस्वती माता के तीन रूपों की विशेष रूप से पूजा की जाती हैं. इनका नाम कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री हैं.


ब्रह्मचारिणी माता त्याग व तपस्या की देवी
ब्रह्माचारिणी माता को दुर्गा माता की दूसरी शक्ति के रूप में जाना जाता हैं. ब्रह्मचारिणी शब्द दो शब्दों के युग्म ब्रह्म तथा चारिणी से बना हैं. ब्रह्म का अर्थ तपस्या माना जाता हैं तथा चारिणी का अर्थ आचरण माना जाता हैं. अर्थात जो देवी तप का आचरण रखती हैं. उसे ब्रह्मचारिणी कहा जाता हैं. इसलिए इन्हें त्याग व तपस्या की देवी भी कहा जाता हैं. माना जाता हैं कि ब्रह्मचारिणी ने अपने जीवन में गहन तपस्या की थी. इसलिए इनके मुख पर हमेशा कठोर तपस्या के कारण तेज व कांति का ऐसा अनुपम संगम देखने को मिलता हैं जिससे तीनों लोकों में उजाला होता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT नवरात्रे के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा ...

Navratre ke Doosre Din Mata Brahmcharini ki Pooja
Navratre ke Doosre Din Mata Brahmcharini ki Pooja


ब्रह्मचारिणी माता का स्वभाव बहुत ही शांत हैं. क्योंकि शांत रहकर ही ये अपनी तपस्या में लीन रहती हैं. देवी ब्रह्मचारिणी के दायें हाथ में अक्ष माला विराजमान रहती हैं तथा बायें हाथ में कमण्डल स्थित रहता हैं. इन्हें ब्रह्मा जी का प्रत्यक्ष स्वरूप भी माना जाता हैं.

माँ ब्रह्मचारिणी की कथा
माता ब्रह्मचारिणी को हिमालय और मैना की पुत्री माना जाता हैं. ब्रह्मचारिणी माँ हमेशा शिव शंकर जी को वर के रूप में प्राप्त करना चाहती थी. एक दिन माता ब्रह्मचारिणी जी के पास नारद जी गए और उन्होंने शिवजी को वर के रूप में पाने के लिए ब्रह्मचारिणी को कठोर तपस्या करने के लिए कहा. जिसके बाद ब्रह्मचारिणी ने अपना जीवन कठोर तपस्या में लगा दिया. ब्रह्मचारिणी के द्वारा की गई कठोर तपस्या से ब्रह्मा जी बहुत ही प्रसन्न हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने ब्रह्मचारिणी को मनोवांछित वरदान मांगने के लिए कहा. देवी ब्रह्मचारिणी ने ब्रह्मा जी से शिवजी की पत्नी बनने का वरदान माँगा और ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से उनका विवाह शिवजी के साथ हो गया. गहन तपस्या के बाद ब्रह्मचारिणी शिव शंकर की पत्नी बन गई.

ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा विधि
1.    नवरात्रे के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माँ की अराधना करने के लिए सबसे पहले हाथों में एक पुष्प लें और माँ से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें. इसके बाद देवी की एक प्रतिमा लें.

2.    अब देवी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएँ. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT माँ दुर्गा के पावन नवरात्रे ...
 नवरात्रे के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा
 नवरात्रे के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा

3.    इसके बाद देवी की प्रतिमा पर कुमकुम या सिंदूर से टिका करें.

4.    अब देवी की मूर्ति पर लाल रंग के फूल, अक्षत अर्पित करें.

5.    इसके बाद धूप व शुद्ध घी का दीपक जलाकर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण कर माता की पूजा करें.

मन्त्र - इधाना कदपद्माभ्याममक्षमालाक कमण्डलु

        देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्त्मा


6.    अब माँ के समक्ष फल, पंचमेवे का भोग लगाये और आरती करें.
7.    अंत में अपनी मनोकामनाओं की पूर्ती हेतु देवी से प्रार्थना करें. पूजा में अगर कोई भूल हो गई हो तो इसके लिए क्षमा – याचना करें.

इस विधि के द्वारा ब्रह्मचारिणी देवी की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने वाले व्यक्ति को माँ सुख तथा आरोग्य प्रदान करती हैं.

नवरात्रों में ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि के साथ – साथ अन्य देवियों की पूजा विधि जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं. 

Tapasya or Tyag ki Devi Brahmacharini
Tapasya or Tyag ki Devi Brahmacharini
Navratre ke Doosre Din Mata Brahmcharini ki Pooja, नवरात्रे के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा, दूसरा नवरात्रा, Dusra Navratraa, ब्रह्मचारिणी, Brahmacharini ki Katha, Tapasya or Tyag ki Devi Brahmacharini, Brahmcharini ki Poojan Vidhi

Dear Visitors, आप जिस विषय को भी Search या तलाश रहे है अगर वो आपको नहीं मिला या अधुरा मिला है या मिला है लेकिन कोई कमी है तो तुरंत निचे कमेंट डाल कर सूचित करें, आपको तुरंत सही और सटीक सुचना आपके इच्छित विषय से सम्बंधित दी जाएगी.


इस तरह के व्यवहार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !


प्रार्थनीय
जागरण टुडे टीम

No comments:

Post a Comment

ALL TIME HOT