शीघ्र फल प्रदान करने वाले शाबर मन्त्र
शाबर का अर्थ (Meaning of
Shabar)
शाबर का अर्थ हैं ग्राम्य तथा अपरिष्कृत. शाबर मन्त्र तंत्र विद्या
के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. इसीलिए इन्हें तंत्र की ग्राम्य – शाखा माना
जाता हैं. इस मन्त्र के प्रवर्तक मूल रूप से भगवान शिव हैं. लेकिन इन्हें
आगे ले जाने वाले शिव भक्त थे. जिनका नाम गुरु गोरखनाथ तथा गुरु मछन्दर नाथ
हैं. इन्हें भी ऋषियों – मुनियों के समान दर्जा दिया जाता हैं तथा इनकी पूजा की
जाती हैं. क्योंकि इन्होने भी अपने जीवन में कठोर तप व साधना की थी. जिसके कारण
इन्हें परम शिव भक्त का दर्जा दिया जाता हैं तथा इन्हें विश्वास तथा श्रद्धा का
पात्र माना जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT विशिष्ट कार्यों की सिद्धि हेतु शाबर मंत्र ...
Chamatkari Siddh Shabar Mantra |
शाबर मन्त्र की उत्पत्ति (Origin of Shabar Mantra)
शाबर मन्त्र के जनक (पिता) के रूप में गुरु गोरखनाथ तथा गुरु मछन्दर को
माना जाता हैं. ये दोनों ही शिवजी के परम भक्त थे तथा इन दोनों ने ही अपने जप,
तप तथा श्रद्धा तीनों का एक साथ प्रयोग कर इन चमत्कारी शाबर मन्त्रों का निर्माण
किया. इसलिए इन्हें शाबर मन्त्र का संस्थापक तथा प्रवर्तक माना
जाता हैं.
शाबर मन्त्र की विशेषताएँ (Features of Shabar Mantra)
1. शाबर मन्त्र आम बोलचाल की
भाषा में लिखे हुए ऐसे शक्तिशाली तथा प्रभावशाली मन्त्र हैं. जिनका मात्र जप करने
से ही सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं.
2. ऐसा माना जाता है कि ये मन्त्र
पहले से ही दिव्य शक्तियों से सिद्ध होते हैं. इन मन्त्रों की सबसे बड़ी
विशेषता यह हैं कि इनका प्रभाव स्थायी होता हैं.
3. इन मंत्रो का उच्चारण स्त्री,
पुरुष, बच्चे तथा बुजुर्ग हर उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं. ये मन्त्र हर उम्र
के व्यक्ति के लिए बहुत ही लाभदायक और उपयोगी हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT प्रेम सौन्दर्य कामदेव का सिद्ध वशीकरण मन्त्र ...
चमत्कारी सिद्ध शाबर मन्त्र |
4. इन मन्त्रों का प्रयोग
व्यक्ति स्वयं कर सकते हैं. अर्थात इन मन्त्रों के द्वारा ईश्वर की साधना करने के
लिए साधक को किसी भी विद्वान की तथा गुरु की सहायता लेने की आवश्यकता नहीं होती.
5. शाबर मन्त्रों का जाप करने
के लिए किसी व्यक्ति को उपवास रखने की, हवन करने की तथा पूजा करने
की आवश्यकता नहीं होती.
6. शाबर मन्त्र का जाप करने से
व्यक्ति के जीवन के सभी संकट, दुःख दूर हो जाते हैं.
शाबर मन्त्रों की भाषा (Language of Shabar Mantra)
सिद्ध और नाथ सम्प्रदाय के अनुयायियों ने परम्परागत
मूल सिद्धांतों का पूर्ण अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला था कि “जिन मन्त्रों में
बोल – चाल में प्रयुक्त किये जाने वाले शब्दों का समावेश हैं उन मन्त्रों को ही
मन्त्रों का दर्जा दिया जाना चाहिए.” शाबर मन्त्र में भी बोल – चाल की भाषा का
ही प्रयोग किया गया हैं. इन मन्त्रों में प्राचीन समय की संस्कृत, प्राकृत और
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयोग की जाने वाली भाषाएँ समाहित हैं. कुछ शाबर
मन्त्रों में कन्नड़, गुजराती, बंगाल और तमिल भाषा का प्रयोग किया गया हैं
तो कुछ मन्त्रों में शुद्ध क्षेत्रीय भागों में प्रयुक्त होने वाली ग्रामीण
शैली का प्रयोग किया गया हैं. लेकिन क्योंकि भारत देश में हिंदी भाषा का
अधिक प्रयोग किया जाता हैं. इसलिए शाबर मन्त्रों में अधिकतर मन्त्रों की रचना हिंदी
भाषा में की गई हैं.
Shabar Mantr ke Janak Or Utpatti |
अति सरल शाबर मन्त्र (Very Simple Shabar Mantra)
शाबर मन्त्र अति सरल इसलिए हैं. क्योंकि जो व्यक्ति इन
मन्त्रों का जाप करते हैं. उन्हें अन्य शास्त्रीय मन्त्रों के समान ‘षडङ्ग’
- ऋषि, छन्द, वीज,
शक्ति, कीलक आदि की
योजना देवता को प्रसन्न करने के लिए अलग से नहीं करनी पड़ती. बल्कि इन
सभी का वर्णन शाबर मन्त्रों में ही समाहित रहता हैं. इसलिए हर शाबर मन्त्र को
पूर्ण तथा सिद्ध माना जाता हैं.
उदाहरण – जैसे जब गुरु
गोरखनाथ जैसे सिद्ध पुरुष की पूजा की जाती हैं तो कुछ स्थानों पर इनके
मन्त्रों का जाप करते हुए इनका पूरा नाम लिया जाता हैं तथा वहीँ कुछ अन्य
स्थानों पर केवल गुरु शब्द का ही प्रयोग करने से मन्त्र पूर्ण और सिद्ध हो
जाता हैं.
शाबर मन्त्र में पल्लव – पल्लव उन
शब्दों को कहा जाता हैं. जिनका प्रयोग किसी भी मन्त्र के अंत में किया जाता
हैं. शाबर मन्त्र में निम्नलिखित वाक्य का प्रयोग अधिकतर मन्त्रों के अंत में
किया जाता हैं.
वाक्य (Sentence)– ‘शब्द साँचा पिण्ड काचा, फुरो मन्त्र ईश्वरी वाचा’
वाक्य का अर्थ (Meaning of
Sentence)– शाबर मन्त्रों के अंत में प्रयुक्त किये जाने वाले इस पल्लव का अर्थ यह हैं
कि “ शब्द ही एक मात्र सत्य हैं जो कभी नष्ट नहीं होता. यह देह अनित्य हैं,
बहुत ही कच्चा हैं. हे मन्त्र तुम ईश्वरी वाणी हो, अर्थात ईश्वर के वचन से ही
प्रकट हुए हो.”
बाल सुलभ सरलता का विश्वास (The Simplicity of Child Faith)
ऐसा माना जाता हैं कि भले ही शाबर मन्त्र का जाप करने वाला व्यक्ति एक
याचक, अर्थात प्रार्थना करने वाला हैं. लेकिन साधक होकर भी वह शाबर मंत्रो का
जाप करते हुए आन, श्राप, श्रद्धा और धमकी सभी का प्रयोग एक साथ कर सकता
हैं. वह देवता से अपने कार्य को पूर्ण करवाने के लिए प्रार्थना करने के साथ –
साथ हठ भी कर सकता हैं. इसलिए इन मन्त्रों को अदभुत मन्त्र माना जाता हैं.
क्योंकि साधक की यह आन अर्थात सौगन्ध भी उसके उसके कार्य के आड़े नहीं आती
और देवता उसकी प्रार्थना को स्वीकार कर लेते हैं. वहीँ अगर कोई व्यक्ति शास्त्रीय
मन्त्रों का जाप करते हुए आन का प्रयोग करता हैं तो यह आन साधक के काम नहीं आती.
जिस प्रकार एक छोटे से बच्चे की हरकतों से तथा उसकी जिद से माता – पिता
नाराज नहीं होते और उसकी इच्छाएं पूर्ण कर देते हैं. ऐसी ही बाल सुलभ सरलता का
विश्वास शाबर मन्त्रों का जाप करने वाला साधक शाबर मन्त्रों के देवता के प्रति
रखता हैं और देवता भी माता पिता की ही भांति साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते
हैं.
शाबर मन्त्र के अन्य महत्वपूर्ण प्रयोगों के बारे में जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Sthayi Shabar Mantra |
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Mujhe mantron ka passward janana hai koi bata sakta hai kya ki sare mantron ka passwrad kya hai bina uske mantron ka koibhi mane nahi hai
ReplyDeletemera boss mujh se bina kisi karan ke chidta hai . Koi vajah bhi nahi batata . Kya karon
ReplyDeletedear team ,
ReplyDeletemujhe dev vashikarn sabar mantra ke bare mein batane ki kripa karien.
मै appointment email photo भेज रहा हूँ isme em adhura manter है is made pura mantr de
ReplyDeleteRam ram kya kare chini mera naam pls is mantra ka pura Matlab Hindi vivran kare thanku
ReplyDeleteप
ReplyDeleteनपुरिकलतसवुर्िद
ReplyDeleteपरर
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