अमावस्या के दिन अपनाएं कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय (Remedy to Get
Rid of Kalsarp Yog On Amavasya)
अमावस्या तथा पूर्णिमा (Amavasya And Purnima)
हर महीने में एक बार अमावस्या तथा एक बार पूर्णिमा आती हैं. प्रत्येक महीने
में अमावस्या तथा पूर्णिमा 15 दिनों के अन्तराल पर आती हैं. महीने के 15 दिन ऐसे
होते हैं, जिन दिनों में चंद्रमा की आकृति पहले दिन से बढती जाती हैं तथा 15 वें
दिन चन्द्रमा अपने पूरे आकार के साथ आकाश में उपस्थित होता हैं, जिसे पूर्णिमा
के नाम से जाना जाता हैं. 15 दिनों के बाद 16 वें दिन से चंद्रमा की आकृति घटती
जाती हैं और 30 वें दिन चंद्रमा आकाश में बिल्कुल दिखाई नहीं देता. उस दिन को
हम अमावस्या के नाम से जानते हैं.
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शुक्ल पक्ष – महीने की शुरुआत के जिन दिनों में चन्द्रमा की
आकृति बढती हैं. इन पन्द्रह दिनों की गणना शास्त्रों में एक चान्दन / उजाला
(शुक्ल पक्ष) के दिनों के रूप में की जाती हैं.
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कृष्ण पक्ष – शुक्ल पक्ष के समाप्त होने के बाद चन्द्रमा की
आकृति घटने लगती हैं. धर्म ग्रंथों में इन दिनों की गिनती अंधेरे (कृष्ण पक्ष) के
दिनों के रूप में की जाती हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT कालसर्प दोष चमकायेगा किस्मत ...
Amavasya ke Din Apnayen Kalsarp Dosh Mukti ke Upay |
कालसर्प दोष का योग किसी भी व्यक्ति की कुंडली में तब बनता हैं. जब उसकी
कुंडली में स्थित राहु और केतु ग्रह के बीच में सभी ग्रह विराजमान होते हैं.
ऐसा माना जाता हैं कि कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति ने पूर्व जन्म में किसी न किसी
सांप को सताया होगा या उसकी मृत्यु की होगी. इसलिए उस व्यक्ति की कुंडली में
कालसर्प दोष के योग का निर्माण हुआ हैं. जो व्यक्ति इस दोष से ग्रस्त होता हैं. उसे
इस दोष के कारण अपने पूरे जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता
हैं. अगर आप भी कालसर्प दोष से पीड़ित हैं. तो आप ज्योतिष शास्त्र में बताए गये कुछ
आसान और सरल उपायों का प्रयोग अमावस्या के दिन कर सकते हैं. जिनकी जानकारी
निम्नलिखित हैं –
कालसर्प दोष मुक्ति का उपाय (Remedy of Kalsarp Dosh)
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इस उपाय को करने के लिए अमावस्या की रात के 10 बजे
स्नान करने के बाद पीले रंग के कपडे धारण कर लें.
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इसके बाद अपने बैठने के लिए एक ऊन का या कुश का आसन
लें और उसे बिछा लें.
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अब अपना मुख उत्तर दिशा की ओर करके इस आसन पर बैठ
जाएँ. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT कुंडली में कालसर्प दोष का योग क्यूँ बनता हैं ...
अमावस्या के दिन अपनाएं कालसर्प दोष मुक्ति के उपाय |
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बैठने के बाद अपने समक्ष एक चौकी रख लें.
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अब इस चौकी पर केसर से एक स्वास्तिक का चिन्ह बना
लें या ॐ बना लें.
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इसके बाद एक महालक्ष्मी का यंत्र लें और इसे
स्वास्तिक या ॐ पर स्थापित कर दें.
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अब एक दिव्य शंख लें और इसे एक थाली में रख लें.
Kalsarp Yog ko Dur Karne ke Tips, Amavasya |
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शंख को थाली में रखने के बाद थाली को यंत्र के सामने रख
दें.
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इसके पश्चात् थोडा सा कच्चा चावल लें और इन्हें केसर
में रंग लें.
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केसर में चावलों को रंगने के बाद चावलों को शंख के अन्दर भर
दें.
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अब एक मिटटी का दीपक लें और इसमें शुद्ध घी और बाती
डालकर इसे जला लें.
Amavasya ke din Paayen Kalsarp Dosh se Chutakara |
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दीपक को जलाने के बाद इसे भी चौकी के सामने रख दें.
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दीपक प्रज्वलित करने के बाद एक कमल गट्टे की माला लें और
इस माला से निम्नलिखित मन्त्र की 11 माला का जाप करें.
मन्त्र –
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनी।
मंत्र पुते
सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।
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इस मन्त्र की 11 माला का जाप सम्पूर्ण करने के बाद आपने
पूजा में जिस भी सामग्री का इस्तेमाल किया हैं. उन्हें इकठ्ठा करके नदी या तलाब के
जल में प्रवाहित कर दें.
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अमावस्या की रात को इस उपाय को करने से आपको कालसर्प दोष से
तथा आपके जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जायेगी तथा इस उपाय को करने के बाद
आपके जीवन में अचानक ऐसी स्थितियां बन जायेंगी. जिससे आपको बेशुमार धन की प्राप्ति
होगी.
कालसर्प दोष से मुक्ति के अन्य सरल उपायों को जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके तुरंत जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Kaalsarp Yog se Mukti ka Totka |
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ReplyDeleteHello. I have lent money to friend. Please help what should I do to get it back from him in one month
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